कोरोना संकट: दुनिया के अमीर इन सुरक्षित देशों में खोज रहे जगह, ये है उनका प्लान

कोरोना वायरस ने दुनिया के कई देशों में तबाही मचा रखी है। इसकी वजह से जहां लोग अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हैं। लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना की वैक्सीन आएगी। अ

Update: 2020-07-21 15:27 GMT

नई दिल्ली:कोरोना वायरस ने दुनिया के कई देशों में तबाही मचा रखी है। इसकी वजह से जहां लोग अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हैं। लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना की वैक्सीन आएगी। अब इस बीच दुनियाभर के अमीरों ने कोरोना से बचने और लॉकडाउन की स्थिति में मौज करने का नया प्लान तैयार किया है।

खबरों के मुताबिक अमीर अगली बार ऐसी स्थिति में दूरदराज के इलाकों और धूप वाले समुद्र तट पर जाने का प्लान तैयार कर रहे हैं। बताया गया है कि अमीरो द्वारा न्यूजीलैंड को सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है।

दरअसल, अमीरों के पसंदीदा देशों में से एक न्यूजीलैंड एक है, जिन्होंने कोरोना वायरस को पूरी तरह से देश में खत्म कर दिया है। बताया गया है कि अमीर ऐसे देशों में विशेषाधिकार हासिल करने के लिए वे भुगतान करने को भी तैयार हैं।

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दुनियाभर के अमीर वहां जा सकते हैं जो देश में निवेश के बदले नागरिकता या निवास की गारंटी देते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए वे दुनिया की सबसे बड़ी नागरिकता और रेजिडेंसी सलाहकार फर्म हेनले एंड पार्टनर्स जैसी विशेष फर्मों का सहारा ले सकते हैं।

कोरोना संक्रमण और अचानक लॉकडाउन के लगातार खतरे के बीच, कंपनी उन लोगों की मदद में लगी हुई है जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है। जो लोग पैसा खर्च कर सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचना चाहते हैं।

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उदाहरण के तौर पर आप 20 लाख डॉलर से लेकर एक करोड़ डॉलर तक का निवेश करते हैं, तो आपको न्यूजीलैंड में रहने, काम करने और अध्ययन करने का अधिकार मिल सकता है। निवेश के आधार पर तय किया जाता है कि आपको किस तरह का वीजा मिलेगा। जबकि माल्टा में करीब 14 लाख डॉलर के निवेश पर एक संपत्ति खरीदने सहित, विवाहित युगल वहां की नागरिकता हासिल कर सकते हैं।

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हेनले के सेल्स के प्रमुख डॉमिनिक वोलेक के मुताबिक पूरी दुनिया के अमीर लोग अब वास्तव में आकस्मिक योजना के बार में विचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी वजह से इस मामले में होने वाली पूछताछ के मामलों में न सिर्फ उछाल आया है बल्कि वास्तव में लोगों ने इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

कंपनी ने बताया कि साल 2019 में इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष के पहले चार महीनों में नए पूछताछ के मामलों में 49 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

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