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Honey Side Effects : अत्यधिक शहद का सेवन भी कर सकता है आपको बीमार, जान लें इसके साइड इफेक्ट्स

Honey Side Effects : किसी भी भोजन या प्राकृतिक उपचार की तरह, शहद के अत्यधिक सेवन या दुरुपयोग से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। शहद कार्बोहाइड्रेट, मुख्य रूप से फ्रुक्टोज और ग्लूकोज का एक स्रोत है, जो इसे एक उत्कृष्ट प्राकृतिक ऊर्जा बूस्टर बनाता है। यह ऊर्जा का त्वरित विस्फोट प्रदान कर सकता है और एथलीटों या त्वरित पिक-मी-अप की आवश्यकता वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

Preeti Mishra
Published on: 5 Aug 2023 3:16 PM IST
Honey Side Effects : अत्यधिक शहद का सेवन भी कर सकता है आपको बीमार, जान लें इसके साइड इफेक्ट्स
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Honey Side Effects (Image credit: social media)

Honey Side Effects : सामान्य मात्रा में शहद का सेवन ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है। इसका उपयोग सदियों से इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभों और औषधीय गुणों के लिए किया जाता रहा है। हालाँकि, किसी भी भोजन या प्राकृतिक उपचार की तरह, शहद के अत्यधिक सेवन या दुरुपयोग से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। शहद कार्बोहाइड्रेट, मुख्य रूप से फ्रुक्टोज और ग्लूकोज का एक स्रोत है, जो इसे एक उत्कृष्ट प्राकृतिक ऊर्जा बूस्टर बनाता है। यह ऊर्जा का त्वरित विस्फोट प्रदान कर सकता है और एथलीटों या त्वरित पिक-मी-अप की आवश्यकता वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

शहद के कुछ साइड इफेक्ट्स (Side Effects Of Honey ):

एलर्जी प्रतिक्रियाएं (Allergic Reactions) : कुछ व्यक्तियों को शहद से एलर्जी हो सकती है। एलर्जी प्रतिक्रियाएं खुजली और पित्ती जैसे हल्के लक्षणों से लेकर सांस लेने में कठिनाई और एनाफिलेक्सिस जैसी अधिक गंभीर प्रतिक्रियाओं तक हो सकती हैं। यदि आपको शहद का सेवन करने के बाद किसी भी एलर्जी के लक्षण का अनुभव होता है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

शिशु बोटुलिज़्म (Infant Botulism) : 12 महीने से कम उम्र के शिशुओं को शहद नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम बीजाणु हो सकते हैं, जिससे शिशु बोटुलिज़्म हो सकता है - एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है।

ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि (Increase in Blood Sugar Levels): शहद में प्राकृतिक शर्करा, मुख्य रूप से फ्रुक्टोज और ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है। हालांकि इसमें रिफाइंड चीनी की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, फिर भी इसके अत्यधिक सेवन से ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है, खासकर मधुमेह या इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों में।

वजन बढ़ना (Weight Gain) : शहद में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है और इसका अत्यधिक सेवन वजन बढ़ाने में योगदान दे सकता है, खासकर अगर यह समग्र स्वस्थ आहार और जीवनशैली के साथ संतुलित न हो।

दांतों की सड़न (Tooth Decay) : शहद अम्लीय होता है और अधिक मात्रा में सेवन करने पर या उचित मौखिक स्वच्छता बनाए न रखने पर दांतों की सड़न में योगदान कर सकता है।

संदूषण( Contamination) : कच्चे और बिना पाश्चुरीकृत शहद में हानिकारक बैक्टीरिया, खमीर और बीजाणु हो सकते हैं, जो कुछ मामलों में खाद्य जनित बीमारियों का कारण बन सकते हैं। संदूषण के जोखिम को कम करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले शहद का चयन करना और उसे ठीक से संग्रहीत करना आवश्यक है।

उच्च फ्रुक्टोज सामग्री (High Fructose Content): शहद में काफी मात्रा में फ्रुक्टोज होता है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन करने से लीवर पर दबाव पड़ सकता है और चयापचय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

दवाओं का परस्पर प्रभाव (Medication Interactions): शहद कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है, विशेष रूप से रक्त शर्करा विनियमन या एंटीकोआगुलंट्स से संबंधित दवाओं के साथ। यदि आप दवाएँ ले रहे हैं, तो नियमित रूप से शहद का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है।



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Preeti Mishra

Preeti Mishra

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