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Sattu Benefits: रोजाना खाली पेट सत्तू का सेवन बचाता है कई बीमारियों से

Sattu Benefits: सत्तू में आहार फाइबर होता है, जो पाचन में सहायता करता है, नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है और आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। सत्तू में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि यह उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फ़ूड की तुलना में ब्लड शुगर के स्तर में धीमी और स्थिर वृद्धि का कारण बनता है। यह ब्लड शुगर के स्तर को प्रबंधित करने के लिए फायदेमंद हो सकता है।

Preeti Mishra
Published on: 9 Aug 2023 2:13 PM IST
Sattu Benefits: रोजाना खाली पेट सत्तू का सेवन बचाता है कई बीमारियों से
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Sattu Benefits(Image credit: social media)

Sattu Benefits: सत्तू एक पारंपरिक भारतीय खाद्य उत्पाद है जो भुने हुए अनाज या दालों, मुख्य रूप से चने के आटे से बनाया जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में इसका व्यापक रूप से सेवन किया जाता है और यह अपने पोषण संबंधी लाभों के लिए जाना जाता है। बता दें कि सत्तू पौधे-आधारित प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, खासकर जब चने के आटे से बनाया जाता है। प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत, विकास और संपूर्ण शरीर के कामकाज के लिए आवश्यक है।

सत्तू के फायदे (Benefits Of Sattu)

सत्तू में आहार फाइबर होता है, जो पाचन में सहायता करता है, नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है और आंत के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। सत्तू में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसका अर्थ है कि यह उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फ़ूड की तुलना में ब्लड शुगर के स्तर में धीमी और स्थिर वृद्धि का कारण बनता है। यह ब्लड शुगर के स्तर को प्रबंधित करने के लिए फायदेमंद हो सकता है।

सत्तू में मौजूद विटामिन बी, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और जिंक जैसे विभिन्न आवश्यक पोषक तत्व सम्पूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं। सत्तू में प्रोटीन और फाइबर का मिश्रण तृप्ति की भावना को बढ़ावा दे सकता है, संभावित रूप से अधिक खाने को कम करके वजन प्रबंधन में सहायता करता है। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज को रोककर और संतुलित आंत वातावरण का सहयोग करके स्वस्थ पाचन बनाता है।

सत्तू का सेवन किन बीमारियों से बचाता है?

टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes): सत्तू का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और उच्च फाइबर सामग्री ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, जो टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को रोकने और कम करने के लिए फायदेमंद हो सकती है।

हृदय रोग(Heart Disease): सत्तू में फाइबर, प्रोटीन और पोषक तत्व स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ावा देने, रक्त वाहिका कार्य का सहयोग करने और वजन प्रबंधन में सहायता करके हृदय स्वास्थ्य बढ़ाता है।

पाचन विकार (Digestive Disorders): सत्तू का आहार फाइबर कब्ज को रोककर और स्वस्थ आंत वातावरण को बढ़ावा देकर पाचन स्वास्थ्य का सहयोग कर सकता है, जो पाचन विकारों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

मोटापा (Obesity): सत्तू की प्रोटीन और फाइबर सामग्री तृप्ति की भावना को बढ़ावा दे सकती है और वजन प्रबंधन में सहायता कर सकती है, जो मोटापे के जोखिम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।

एनीमिया (Anemia): सत्तू में आयरन होता है, जो आयरन की कमी वाले एनीमिया को रोकने और प्रबंधित करने के लिए आवश्यक है।

हड्डियों का स्वास्थ्य( Bone Health): सत्तू कैल्शियम और मैग्नीशियम प्रदान करता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

हाइड्रेशन संबंधी बीमारियाँ (Hydration-Related Illnesses): सत्तू को पानी में मिलाकर एक हाइड्रेटिंग पेय बनाया जा सकता है जो गर्म मौसम के दौरान इड्रेशन संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है।

कुपोषण (Malnutrition) : सत्तू की पोषक तत्वों से भरपूर प्रोफ़ाइल सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने और समग्र पोषण स्वास्थ्य का समर्थन करने में योगदान दे सकती है।

जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ( Lifestyle Diseases): सत्तू के पोषक तत्वों और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले गुणों का मिश्रण मोटापा, हृदय रोग और मधुमेह सहित विभिन्न जीवनशैली से संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।



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Preeti Mishra

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