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6 दमदार मुख्यमंत्री: कोरोना-जमात का एक साथ किया इलाज, लिए ताबड़तोड़ एक्शन
देश में कोरोना संक्रमण जिस तेजी से बढ़ा है उसके पीछे किसी का सबसे बड़ा दोष सामने आया है तो वह तबलीगी जमात से जुडे़ लोगों का। केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली से निकले तब्लीगी जमात के लोगों की वजह से कोरोना का संक्रमण 17 राज्यों में तेजी से पांव पसार रहा है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। देश में कोरोना संक्रमण जिस तेजी से बढ़ा है उसके पीछे किसी का सबसे बड़ा दोष सामने आया है तो वह तबलीगी जमात से जुडे़ लोगों का। केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली से निकले तब्लीगी जमात के लोगों की वजह से कोरोना का संक्रमण 17 राज्यों में तेजी से पांव पसार रहा है। तबलीगी जमात के लोगों पर अधिकतर राज्यों में धर्मस्थलों में छिपे रहने के कारण ही कोरोना फैल गया। देश मेंकरीब 35 फीसदी मामले तो अकेले तब्लीगी जमात के चलते बढ़ गए हैं।
विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की इस मसले पर राय स्वाभाविक रूप से बंटी है। तब्लीगी जमात को लेकर एक तरफ तंज है, तो दूसरी ओर बचाव भी है। कई मुख्यमंत्रियों ने कोरोना की लड़ाई में मध्यमार्ग पर ही चलना ठीक समझा हैं। पर कुछ राज्यों की सरकारों ने बेहद कड़ा रूख अपनाते हुए इलाज तो कराया ही साथ ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में कोई हिचक नहीं दिखाई।
आईए हम आपको बताते हैं ऐसे ही मुख्यमंत्रियों के बारे में !
योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश)
दिल्ली के जामियानगर क्षेत्र में तबलीगी जमात का मामला सामने आने के बाद से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सतर्कता दिखानी शुरू कर दी थी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से सतर्क रहने को कहा था।
इसके बाद जब गाजियाबाद के एक अस्पताल में क्वांरटाइन के दौरान रखे गए कोरोना संक्रमण से प्रभावित जमातियों की की अश्लील हरकतों की घटना सामने आई तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई करने को कहा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके पहले भी कह चुके थें कि जो भी अराजक तत्व पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपत्तिजनक हरकत करेगा। उसके खिलाफ भी एनएसए लगाया जाएगा। उसके बाद प्रयागराज में जमात पर टिप्पणी
मोहम्मद सोना नाम के एक शख्स ने जब उसकी हत्या कर दी तो मुख्यमंत्री योगी ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। मृतक के परिजनों को 5 लाख का मुआवजा देने की भी घोषणा की। योगी के इस कड़े रूख का ही नतीजा रहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो पाई।
शिवराज सिंह चैहान (मध्यप्रदेश)
प्रदेश की सत्ता संभालते ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को इस चुनौती का सामना करना पड़ा लेकिन तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चैहान को इस समस्या से निबटने में कोई दिक्कत नहीं हुई। मध्यप्रदेश में कोरोना के 165 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
शिवराज सिंह चैहान ने जनता को बता दिया कि कोरोना संकट से निपटने के लिए हमें पाबंदियों पर कड़ाई से अमल करना होगा। बाहर से आए कुछ लोगों की वजह से समस्याएं बढ़ी हैं।
तब्लीगी जमात में शामिल लोगों ने कोरोना की लड़ाई को मुश्किल बना दिया है। गुरुवार को उनके एक ट्वीट से कुछ ऐसा ही इशारा मिल रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने अपने ट्वीट में लिखा है, ये सिर्फ एक ट्वीट नहीं है।
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ये कड़ी चेतावनी है... मानवाधिकार सिर्फ मानवों के लिए होते हैं। इससे साफ है कि उन्हेांने प्रदेश की जनता को संदेश दे दिया है कि जो भी सरकारी आदेश का पालन नहीं करेगा, उसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा।
मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा)
हरियाणा में जब कोरोना के केस में बढ़ोतरी की बड़ी वजह तब्लीगी जमात बन गया और तब्लीगी जमात के 1500 लोगों का पता चला तो हरियाणा सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हे चेतावती दी कि इससे जुड़े जो लोग 8 अप्रैल तक अपने बारे में जानकारी नहीं देंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही अगर प्रशासम की जांच में वो पकड़े जाते हैं तो उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत हत्या की कोशिश का मामला चलाया जाएगा।
वहीं हरियाणा सरकार ने इस संबंध में बड़ा फैसला लिया और उन स्वास्थ्यकर्मियों को दोगुनी सैलरी देने का फैसला किया है जो कोविड-19 मरीदों के इलाज में मुस्तैद हैं।
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नवीन पटनायक (उड़ीसा)
वैसे तो सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने अपने स्तर से कोराना से निबटने के लिए इंतजाम किए हैं पर गैरभाजपाई सरकार वाले राज्यों में उड़ीसा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तत्परता कोरोना को लेकर बेहतर पाई गयी है।
देश के सभी राज्यों में बीजू पटनायक ही ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक करने फैसला किया।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि स्कूल और अन्य शिक्षण संस्थान 17 जून तक बंद रहेंगे। हमने 30 अप्रैल तक बंद को बढ़ाने का फैसला किया है और इस संबंध में केंद्र को सिफारिश भेजी जाएगी।
इसके अलावा उन्होंने तब्लीगी जमात के लोगों से बाहर आकर आने की अपील की और कहा कि वह लोग बाहर आकर अपनी जांच कराए वरना कानून अपना काम करेगा।
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सर्वानन्द सोनोवाल (असम)
मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने माना है कि उनके राज्य में कोरोना संक्रमण बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण तबलीगी जमात के लोगों का यहां आना है।
उन्होंने पहले ही साफ कह दिया था कि इस मामले में जाित धर्म आदि कुछ नहीं देखा जाएगा जो भी इस मामले में लापरवाही करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। असम में 28 केस सामने आनेके बाद मुख्यमंत्री सर्वानन्द ने बेहद तत्परता दिखाते हुए इससे निबटने के लिए सारे इंतजाम किए है।
जगन मोहन रेड्डी (आन्ध्र प्रदेश)
आन्ध्रप्रदेश में कोरोना के 266 मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने माना कि तबलीगी जमात के लोगों के कारण यह संक्रमण बढ़ा है। संकट के दौर में जाति-धर्म को किनारे रखा जाना चाहिए।
प्रदेश के कई लोग तब्लीगी जमात के आयोजन में शामिल होकर लौटे हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने प्रदेश के सभी क्वारंटाइन केंद्रों पर ‘गोरू मुड्डा’ मेन्यू का पालन करने करने को कहा है।
गोरू मुड्डा मेन्यू में चावल, अंडा करी, चिकीया, उबला हुआ अंडा, टमाटर, सांभर आदि रहता है। आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 348 हो गई है।
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