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भयानक होगा 21 जून: आएगी ऐसी प्रलय, ग्रहों ने बताई विनाश की वजह

अमानवीय और घिनौनी हरकते करने वाले चीन और उससे जुड़े हिस्सों के बहुत बुरा समय आने वाला है। ये और कोई नहीं कह रहा, इस बात को ज्योतिष शास्त्र और खगोलीय घटना सूर्य ग्रहण के दावों पर बताया जा रहा है।

Vidushi Mishra
Published on: 11 Jun 2020 1:53 PM GMT
भयानक होगा 21 जून: आएगी ऐसी प्रलय, ग्रहों ने बताई विनाश की वजह
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नई दिल्ली। अमानवीय और घिनौनी हरकते करने वाले चीन और उससे जुड़े हिस्सों के बहुत बुरा समय आने वाला है। ये और कोई नहीं कह रहा, इस बात को ज्योतिष शास्त्र और खगोलीय घटना सूर्य ग्रहण के दावों पर बताया जा रहा है। इसके लिए काशी के ज्योतिषी ने दावा किया है कि 21 जून को लगने वाला सूर्यग्रहण गंधार (कंधार), पीओके (पुलिंद), कश्मीर भूभाग (कश्मीर) और चीन के लिए बहुत विनाशकारी साबित होने वाला है।

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वर्षों पहले लिख दिया गया था

बता दें ये दावा जिस ग्रंथ के आधार पर किया जा रहा है, उसमें 6वीं शताब्दी के देवज्ञ ज्योतिषी आचार्य वराहमिहिर ने यह बात लिख दी थी, जिसका नाम 'बृहत्संहिता' ग्रंथ है। ये कोई अभी-अभी बताई गई बात नहीं है, बल्कि इसकों वर्षों पहले लिख दिया गया था।

वराहमिहिर द्वारा लिखे इस ग्रंथ 'बृहत्संहिता' के एक श्लोक में ये लिखा है कि आषाढ़ माह में लगने वाला सूर्यग्रहण धरती के इन भूभागों के लिए नुकसानदायक साबित होगा।

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देवज्ञ ज्योतिषी आचार्य 'वराहमिहिर'

जानकारी के लिए बता दें कि देवज्ञ ज्योतिषी आचार्य 'वराहमिहिर' चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे और इन्हीं के बताए ज्योतिष सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। इन्हीं के बताए सिद्धांतों पर आज भी ज्योतिष विद्या विधमान हुई है। साथ ही देश और दुनिया के तमाम ज्योतिषी खुद इसका पालन करते हैं।

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इसके साथ ही 6वीं शताब्दी में वराहमिहिर द्वारा लिखी गई 'बृहत्संहिता' ग्रंथ के राहुचारा अध्याय के श्लोक संख्या 77 में जो लिखा है, वह चीन और उससे लगते भूभाग में रहने वालों के लिए बुरी खबर से कम नहीं है क्योंकि श्लोक के अनुसार, आषाढ़ महीने यानी जून में लगने वाला सूर्य ग्रहण गंधार (कंधार), पीओके (पुलिंद), कश्मीर भूभाग (कश्मीर) और चीन के लिए विनाशकारी है।

ग्रहों का योग काफी उत्पातकारी आक्रामक

इसी कड़ी में और जानकारी देते हुए काशी के एक ज्योतिषी पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया कि 21 जून को मिथुन राशि पर लगने वाला सूर्य ग्रहण ('बृहत्संहिता' ग्रंथ के मुताबिक आषाढ़ महीने में लगने वाला सूर्य ग्रहण) इन जगहों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि ग्रहों का योग काफी उत्पातकारी आक्रामक बन रहा है।

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ऐसे में भारत के सीमावर्ती उत्तर के देशों में लोग विद्रोह कर सकते हैं। प्राकृतिक प्रकोप, भूकंप, सैन्य कार्यवाही या युद्ध भी हो सकता है। मतलब भारत के सीमावर्ती उत्तर के तरफ वाले क्षेत्र में कुछ बुरा होने वाला है। क्योंकि इस वजह से चीन का नाश हो सकता है इसलिए चाइना इस समय जो कुछ करेगा, वह सब बैकफुट पर ही जाएगा।

इसके अलावा जहां तक इस ग्रहण का भारत पर पड़ने की बात है तो मध्यवर्ती भूभाग पर विशेष कुप्रभाव ला सकता है और पूरे देश में अराजकता में बढ़ोत्तरी और अग्निकांड भी हो सकता है। साथ ही प्रबल युद्ध की संभावना बनती दिखाई दे रही है।

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Vidushi Mishra

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