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बांद्रा घटना के आरोपी का यूपी कनेक्शन, राजनीति से भी जुड़े हैं इसके तार

बांद्रा में भारी भीड़ एकत्र करने का आरोपी भदोही का विनय दुबे 2012 में वाराणसी शहर उत्तरी से विधानसभा का चुनाव एनसीपी के टिकट पर लड़ा था।

Aradhya Tripathi
Published on: 15 April 2020 6:36 PM IST
बांद्रा घटना के आरोपी का यूपी कनेक्शन, राजनीति से भी जुड़े हैं इसके तार
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देश में मचे कोरोना वायरस के आतंक से बचने के लिए भारत सरकार द्वारा 3 मई तक लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा कर दी गई है। पीएम मोदी द्वारा कल 14 अप्रैल को देश को संबोधित करते हुए दूसरे चरण की घोषणा की गई। जिसका पूरा देश ने तहे दिल से स्वागत किया। लेकिन कल ही मुम्बई के बांद्रा में एक ऐसी घटना हुई जिसने सभी को हिला कर रख दिया। घटना के मुख्य आरोपी विनय दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन क्या आपको पता है कि मुम्बई के इस विनय दुबे का यूपी से भी कनेक्शन है। हम बताते हैं कि क्या है विनय का यूपी से सम्बन्ध।

वाराणसी से लड़ा विधानसभा का चुनाव

जो इन्सान कभी इंजीनियर बनना चाहता हो लेकिन बन जाता है पूरे समाज का दुश्मन। जी हां, ये ही कहानी है कल मुंबई के बांद्रा में लॉकडाउन की पाबंदियों के बीच भारी भीड़ एकत्र करने के मुख्य आरोपी विनय दुबे की। जो मूल से रूप से यूपी के भदोही जिले का रहने वाला है। और बचपन से एक इंजीनियर बनना चाहता था। लेकिन आज उसे समाज का दुश्मन माना जा रहा है।

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एक समय था जब उसने गरीब-मजदूरों के हक के लिए सिस्टम से दो-दो हाथ करने की तमन्ना मन में पाली थी। भदोही जिले के औराई क्षेत्र के हरिनारायणपुर गांव निवासी जटाशंकर दुबे के पहले पुत्र विनय की जिंदगी में कुछ कर गुजरने की हसरत उसके होश संभालते ही दिखने लगी थी। यही वजह थी कि 2012 में वाराणसी शहर उत्तरी से विधानसभा का चुनाव एनसीपी के टिकट पर लड़ा था।

सोशल मीडिया की पोस्ट ने मचा दी खलबली

चुनाव में सफलता नहीं मिली तो पार्टी छोड़कर महाराष्ट्र में उत्तर भारतीय महापंचायत नाम से स्वयंसेवी संगठन बनाकर समाजसेवा में जुट गया। लेकिन, राजनीति से मोहभंग अब भी नहीं हुआ था। लिहाजा, महज सोशल मीडिया के फैन फॉलोअर्स के बूते पिछले लोकसभा चुनाव में मुंबई के कल्याण सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गया, मगर फिर हार का सामना करना पड़ा। लेकिन वो कहते हैं न कि राजनीति बहुत गन्दी चीज है। जिसको इसकी लत लग जाती है फिर छोटती नहीं।

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इसी लिए विनय के दिल में भी मुंबई में उत्तर भारतीयों की अगुवाई करने की हसरत थी। जिसे लॉकडाउन में मुफीद होने का मौका मिल गया और वह सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप आदि के जरिए लंबे-चौड़े पोस्ट कर मुंबई में उत्तर भारतीयों की नुमाइंदगी करने की राह पर चल पड़ा। लेकिन इस बीच उसकी एक पोस्ट ने सोशल मीडिया पर खलबली मचा कर रख दी। आरोप है कि उसकी पोस्ट के कारण ही बड़ी तादाद में उत्तर भारतीय लोग बांद्रा में एकत्र हुए और लॉकडाउन तार-तार हो गया।

पिता के मना करने पर भी नहीं माना

अब विनय का पूरा परिवार मुंबई में ही पूरी तरह से सेट है। हरिनारायण पुर गांव निवासी विनय दुबे और उसके परिवार का आगमन यहां कम ही हो पाता है। किसी शादी-ब्याह या खास मौकों पर ही उसका परिवार यहां आता है। उसके पिता जटाशंकर मुंबई में ऑटो ड्राइवर हैं। गांव में पैतृक मकान है, जिसमें उसके ताऊ रविशंकर दुबे अपनी पत्नी के साथ रहते हैं।

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विनय की पैदाइश से लेकर पढ़ाई-लिखाई तक सब कुछ मुंबई में ही हुई। चार भाइयों में सबसे बड़ा विनय मुंबई से बीई कर रहा था, लेकिन प्रथम वर्ष में फेल होने के कारण पढ़ाई छोड़कर समाजसेवा की ओर मुड़ गया। तीन छोटे भाई निर्भय, अभय और अजय माता-पिता के साथ मुंबई में ही रहते हैं और पढ़-लिखकर विभिन्न कंपनियों में जॉब करते हैं। गांव में बड़े पिता रविशंकर कहते हैं कि एक बार उसे समझाया था कि वह राजनीति के चक्कर में न पड़े, लेकिन नहीं माना।

परिवार ने लगाया राजनीति के शिकार होने का आरोप

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वहीं अब विनय के परिवार का कहना है कि हमारा बेटा विनय राजनीति का शिकार हो रहा है। बांद्रा की इस भीड़ से उसका कोई लेना-देना नहीं है। विनय के भाई निर्भय ने कहा कि हमारे भाई को राजनीति का शिकार बना दिया गया है। विनय के भाई ने कहा कि विनय ने जो पोस्ट की थी, उसमें 18 अप्रैल को पैदल निकलने की बात कही थी। जबकि यह भीड़ 15 को ही एकत्र हो गई। इससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। बाद की पोस्ट को भी अगर देखा जाए तो वह पोस्ट शाम के चार बजे की गई है। जबकि बांद्रा में भीड़ सुबह 10 बजे से ही लगनी शुरू हो गई थी। उनके साथ राजनीति हो रही है।



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Aradhya Tripathi

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