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सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए बिपिन रावत, जानें इनके बारे में

तीन साल के कार्यकाल के बाद जनरल बिपिन रावत आज सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गए हैं। बिपिन रावत ने आज अपने कार्यकाल के आखिरी दिन दिल्ली में वॉर मेमोरियल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

Shreya
Published on: 31 Dec 2019 5:47 AM GMT
सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए बिपिन रावत, जानें इनके बारे में
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सेना प्रमुख के पद से रिटायर हुए बिपिन रावत, जानें इनके बारे में

नई दिल्ली: तीन साल के कार्यकाल के बाद जनरल बिपिन रावत आज सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गए हैं। बिपिन रावत ने आज अपने कार्यकाल के आखिरी दिन दिल्ली में वॉर मेमोरियल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनको साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। अब बिपिन रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर कार्यभार संभालेंगे। वो कल से यह पद संभालेंगे। कार्यभार संभालने से पहले बिपिन रावत ने सभी जवानों को शुभकामनाएं दीं।

भारतीय सेना और अधिकारियों को कहा धन्यवाद

बिपिन रावत ने कहा कि, मैं भारतीय सेना और सभी अधिकारियों को शुभकामनाएं और धन्यवाद देता हूं। उनके सहयोग से ही मैंने सफलतापूर्वक अपना कार्यकाल पूरा किया। मैं उन्हें और उनके परिवालों को, वीर नारियों नीर माताओं को नए साल की शुभकामनाएं देता हूं।

चीफ ऑफ आर्मी सिर्फ एक पद है- बिपिन रावत़

उन्होंने कहा कि, चीफ ऑफ आर्मी सिर्फ एक पद है, वो अकेला का काम नहीं करता। इसे अपने काम के लिए सभी जवानों और अफसरों का सहयोग मिलता है तभी आर्मी चीफ अपना काम कर पाता है। उसी सहयोग से देश की सेना आगे बढ़ पाती है। उन्होंने कहा कि, बिपिन रावत सिर्फ एक नाम है, लेकिन जब उसे सभी का सहयोग मिलता है तब वो सेना प्रमुख बनता है। अकेला कोई भी कुछ भी नहीं बन सकता है।

उन्होंने इस दौरान कहा कि, उन्हें पूरी उम्मीद है कि मनोज मुकुंद देश की सेना को और आगे ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि नए आर्मी चीफ को कैसे काम करना है ये उनको तय करना है। हम सब उनका सहयोग करेंगे। हमें उनकी क्षमताओं पर पूरा भरोसा है।

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मैं चीफ ऑफ डिफेंस बनूंगा। अभी तक मैं सेना प्रमुख के पद ही काम कर रहा था। बिपिन रावत ने कहा कि अपने कार्यकाल में सेना का आधुनिकिकरण करना, एक बड़ा कदम था।

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मनोज मुकुंद नरवणे होंगे नए सेना प्रमुख

बता दें कि बिपिन रावत के सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद उनकी जगह मनोज मुकुंद नरवणे लेंगे। मनोज मुकुंद नरवणे अब अगले सेना प्रमुख होंगे। वहीं बिपिन रावत भारत सरकार की तरफ से पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ घोषित किए गए हैं।

कल से बिपिन रावत CDS पद का सभालेंगे कार्यभार

जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख के तौर पर आज रिटायर हो चुके हैं। कल बुधवार को वह देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर कार्यभार संभालेंगे। बता दें कि बिपिन रावत ने 31 दिसंबर, 2016 को सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला था। तीन साल के कार्यकाल में भारतीय सेना ने बिपिन रावत के अगुवाई में कईयों सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया।

चीफ ऑफ डिंफेस स्टाफ बनने जा रहे बिपिन रावत के बारे में जानिए कुछ दिलचस्प बातें-

उत्तराखंड में जन्मे बिपिन रावत

बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में राजपूत जाति में हुआ था। इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत, जो सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। रावत ने साल 1978 में ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से अपने करियर की शुरुआत की थी।

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शैक्षिक योग्यता

जानकारी के मुताबिक, रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से शिक्षा ग्रहण की है। जहां उन्हें 'सोर्ड ऑफ़ ऑनर' दिया गया। वह फोर्ट लीवनवर्थ, यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं। बिपिन रावत मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। साल 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया था।

राजपूत परिवार में पैदा हुए बिपिन रावत की कई पीढ़ियों ने सेना में अपनी सेवा दी है। बिपिन रावत ने जनवरी, 1979 में सेना में मिजोरम में सबसे पहली नियुक्ति पाई। नेफा इलाके में तैनाती के दौरान उन्होंने बटालियन की अगुवाई की। इसके अलावा बिपिन रावत ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की। इसके बाद 01 सितंबर, 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला। फिर 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला।

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बिपिन रावत का सैन्य कार्यालय

बिपिन रावत 1 सितंबर, 2014 से 23 नवंबर, 2015 तक जनरल ऑफिसर कमांडिंग तृतीय कोर रहे। उसके बाद 2015 से 31 जुलाई, 2016 तक वो जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पर कार्यरत रहे। 1 सितंबर, 2016 से 31 दिसंबर, 2016 तक उन्होंने सेना के उपाध्यक्ष का पद संभाला। उसके बाद बिपिन रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार संभाला। आज 31 दिसंबर, 2019 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। अब वह कल से सीडीएस का कार्यभार संभालेंगे।

बता दें कि बिपिन रावत 65 साल की उम्र तक चीफ ऑफ डिफेंस के पद पर कार्यरत रह सकते हैं। बिपिन रावत 2020 में मार्च में 62 साल के हो जाएंगे। यानि कि वह 3 साल तक इस पद पर अपनी सेवा देंगे।

क्या होगी CDS की जिम्मेदारी?

CDS की जिम्मेदारी तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में रक्षामंत्री को सलाह/सुझाव देना होगा। यानि कि CDS ही रक्षामंत्री का प्रधान सैन्य सलाहकार (Principal Military Advisor) होगा। हालांकि पहले की ही तरह सैन्य सेवाओं से जुड़े मामलों में तीनों सेनाओं के चीफ रक्षामंत्री को सलाह/सुझाव देते रहेंगे।

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