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जारी हुई चेतावनी: रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी रहें सतर्क, बढ़ी मुसीबत

एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि जांच में कोरोना निगेटिव पाए जाने वाले लोग भी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं।

Shreya
Published on: 12 July 2020 1:02 PM GMT
जारी हुई चेतावनी: रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी रहें सतर्क, बढ़ी मुसीबत
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नई दिल्ली: देश में तेजी से कोरोना संक्रमण फैलता जा रहा है। रोजाना आ रहे कोरोना के रिकॉर्ड तोड़ मामले की वजह से कोविड-19 का ग्राफ तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में लगातार गंभीर हो रही कोरोना संक्रमण की स्थिति के बीच एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि जांच में कोरोना निगेटिव पाए जाने वाले लोग भी कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि जिन लोगों में बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं, उनका इलाज किया जाना जरूरी है। इसके लिए उनकी जांच रिपोर्ट आने तक का इंतजार नहीं करना चाहिए।

क्लिनिकल लक्षण दिखने के बाद भी रिपोर्ट आई निगेटिव

चिकित्सकों के मुताबिक, ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें मरीजों में कोरोना वायरस के क्लिनिकल लक्षण तो दिखते हैं, लेकिन कई बार उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे मरीजों की लगातार कई जांच होने के बाद उनके संक्रमित होने की पुष्टि हो पाई है। ऐसे में जिनमें लक्षण दिखता है, उनका इलाज शुरू करने के लिए रिपोर्ट पर डिपेंड रहना मरीज के हेल्थ के लिए सही नहीं है।

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इलाज के लिए टेस्ट रिपोर्ट पर नहीं रह सकते निर्भर

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मरीजों का इलाज शुरू करने के लिए केवल आरटी-पीसीआर टेस्ट के रिजल्ट पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, जिसके सही होने के चांसेस केवल 70 प्रतिशत है। अगर केवल इन जांचों पर निर्भर रहते हैं तो बड़ी तादाद में मरीज इलाज से वंचित रह जाएंगे। इलाज के लिए केवल टेस्ट रिपोर्ट पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके लिए हमें लक्षणों को आधार मानना होगा।

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सीटी स्कैन से मिल सकता है सही परिणाम

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन मरीजों में बीमारी के लक्षण तो दिखाई दे रहे हों, लेकिन बार-बार जांच करने के बाद भी संक्रमण की पुष्टि न हो रही हो तो, ऐसे मरीजों के लिए फेफड़ों का सीटी स्कैन काफी लाभप्रद साबित हो सकता है। सीटी स्कैन से सही परिणाम जानने में मदद मिल सकती है। ऐसे कई मामले भी देखे जा चुके हैं कि जिन मरीजों की लगातार आरटी-पीसीआर जांच कराने के बाद भी कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि सीटी स्कैन में अलग निमोनिया के संकेत मिले हैं। जो कोरोना वायरस होने की प्रबल आशंका होती है।

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एंटीबॉडी पाए जाने के बाद संक्रमण का चला पता

बाद में उन मरीजों के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाए जाने के बाद पता चलता है कि वो कोरोना से संक्रमित थे। लेकिन आरटी-पीसीआर जांच में रिपोर्ट निगेटिव पाई गई थी। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर किसी मरीज में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं तो उनका इलाज कोविड-19 के हिसाब से किया जाना चाहिए, इसके लिए जांच रिपोर्ट आने तक का इंतजान नहीं किया जाना चाहिए।

इसलिए गलत आ जाती है रिपोर्ट

वहीं कोरोना जांच गलत आने के पीछे की वजह बताते हुए इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में स्लीप डिसऑर्डर, क्रिटिकल केयर और रेस्पिरेटरी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. निखिल मोदी कहते हैं कि सैंपल लेने के गलत तरीके की वजह से भी जांच परिणाम गलत आ सकते हैं। अगर सैंपल गलत तरीके से लिया गया है तो इससे टेस्ट रिपोर्ट गलत आ सकती है।

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