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चीन का कारनामा: सेना पर लगाया ये बड़ा आरोप, अब दे रहा भारत को गलती

झूठे दोगलेबाज चीन ने एक बार फिर भारत के ऊपर गलत आरोप लगाए हैं। चीन ने भारतीय सैनिकों पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने का अनर्गल आरोप लगाया है। जबकि खुद-ब-खुद चीन ही धोखेबाज है। 

Vidushi Mishra
Published on: 18 Jun 2020 3:59 PM IST
चीन का कारनामा: सेना पर लगाया ये बड़ा आरोप, अब दे रहा भारत को गलती
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नई दिल्ली। 15-16 जून को भारत और धोखेबाज चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में सेना के 20 जवानों को खोने से देशभर में आक्रोश छाया हुआ है। भारत में इसके बाद से चीन से जुड़े हर चीज का बढ़-चढ़कर विरोध किया जा रहा है। लेकिन अभी भी चीन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है और तो और उल्टा भारत पर ही झूठे आरोप लगा रहा है।

भारत पर गलत आरोप

झूठे दोगलेबाज चीन ने एक बार फिर भारत के ऊपर गलत आरोप लगाए हैं। चीन ने भारतीय सैनिकों पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने का अनर्गल आरोप लगाया है। जबकि खुद-ब-खुद चीन ही धोखेबाज है।

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ऐसे में चीन के विदेश मंत्री की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने भारत पर आरोप थोपते हुए कहा, भारतीय अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने आम सहमति को तोड़ दिया और एलएसी को पार किया। जानबूझकर चीनी अधिकारियों और सैनिकों को भड़काया और उनपर हमला किया। इसके बाद शारीरिक संघर्ष हुआ और चोटें आईं।

चीन की इतनी हिम्मत

और तो और चीनी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत को वर्तमान स्थिति को गलत नहीं समझना चाहिए या चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए।

इसके साथ ही बता दें, भारत-चीन हिंसक झड़प के बाद हालात को सामान्य करने के लिए दोनों पक्षों के बीच मेजर जनरल स्तर की तीसरी वार्ता आज भी चल रही है।

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सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वार्ता उसी क्षेत्र में हो रही है जहां देनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इससे पहले बुधवार को दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर पर बातचीत हुई थी। हालांकि इसका कोई नतीजा नहीं निकला था।

हालात नियंत्रित करने पर सहमत

इसके अलावा विदेश मंत्री जयशंकर ने बीते बुधवार को चीनी विदेश मंत्री वांग से हिंसक झड़प के लिए बेहद कड़े शब्दों में कड़ा विरोध दर्ज कराया। चीनी मंत्री वांग की तरफ से आए फोन पर बातचीत में दोनों पक्ष तनाव कम करने, मौजूदा हालात से निपटने और हालात नियंत्रित करने पर सहमत हुए।

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ऐसे में भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, विदेश मंत्री ने साफ-साफ बताया कि समय की मांग यही है कि चीन सुधार की दिशा में कदम उठाए।

आगे उन्होंने कहा कि 6 जून को सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर माहौल सामान्य बनाने पर सहमति के बाद स्थिति सामान्य होने की दिशा में प्रगति हो रही थी।

लेकिन चीन ने भारतीय सीमा के अंदर निर्माण करने की कोशिश की। इसके चलते यही विवाद की वजह बन गया तो चीन की सेना ने सोची-समझी रणनीति के तहत कार्रवाई की। जिसके चलते हिंसात्मक झड़प हो गई।

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