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मस्जिदों में सख्ती को लेकर भिड़े दो बड़े शायर, इन शेरों के जरिये किया हमला
बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर और मशहूर शायर मुनव्वर राणा के बीच छिड़ी जुबानी जंग सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है और लोग इसे लेकर जमकर कमेंट कर रहे हैं।
लखनऊ: बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर और मशहूर शायर मुनव्वर राणा के बीच छिड़ी जुबानी जंग सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है और लोग इसे लेकर जमकर कमेंट कर रहे हैं। मुंतशिर का कहना है कि मैं मुनव्वर साहब का काफी मुरीद रहा हूं, लेकिन उनके एक शेर ने मेरा दिल तोड़ दिया। फिर मुंतशिर ने मस्जिदों पर सख्ती को लेकर जब एक शेर लिखा तो राणा साहब ने तुरंत दूसरा शेर लिखकर उसका जवाब दिया। दरअसल यह जुबानी जंग तबलीगी जमात के जरिए देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद उठाए गए सख्त कदमों को लेकर शुरू हुई है।
राणा के शेर पर शुरू हुआ विवाद
मुनव्वर राणा ने हाल में ट्वीट कर एक शेर लिखा था, जो भी यह सुनता है हैरान हुआ जाता है, अब कोरोना भी मुसलमान हुआ जाता है। देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद सोशल मीडिया में तबलीगी जमात को लेकर काफी कमेंट किए जा रहे हैं। इसे लेकर सियासी जंग भी चल रही है। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि कोरोना को काबू में करने में भारत काफी हद तक कामयाब होता दिख रहा था, लेकिन तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने भारत को गहरी मुसीबत में डाल दिया। इस बाबत लोगों के जमकर कमेंट किए जाने के बाद ही मुनव्वर राणा ने अपना यह शेर लिखा है।
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राणा के शेर पर जताया अफसोस
मुनव्वर राणा के शेर पर गहरी नाराजगी जताते हुए मनोज मुंतशिर ने लिखा- मोहतरम मुनव्वर राणा साहब, मुरीद हूं आपका, इश्क करता हूं आपकी शायरी से, लेकिन आपके इस शेर ने दिल तोड़ दिया। आपने कलम का इस्तेमाल एक गलत बात पर पर्दा डालने के लिए और भावनाएं भड़काने के लिए किया। आप कब से हिंदू-मुसलमान वाली जहनीयत का शिकार हो गए। अफसोस।
मुंतशिर ने अपने शेर को ज्यादा सच्चा बताया
तबलीगी जमात के जलसे के जरिए देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद विभिन्न सरकारों ने मस्जिदों में जुटने वाली भीड़ पर काफी सख्ती दिखाई है। मुंतशिर ने मुनव्वर राणा पर निशाना साधते हुए एक शेर लिखा है, लोग बेमौत मरें जान के लाले पड़ जाएं, इससे तो अच्छा है कि मस्जिद में ही ताले पड़ जाएं। मुंतशिर ने इस शेर को ट्वीट करते हुए लिखा है कि मेरा यह शेर मुनव्वर राणा साहब के शेर से ज्यादा अच्छा तो नहीं पर ज्यादा सच्चा जरूर है। उन्होंने लोगों से इस पर उनकी राय भी मांगी है।
मुनव्वर राणा
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मुंतशिर को राणा ने दिया जवाब
मुंतशिर के इस ट्वीट पर जवाब देने में मुनव्वर राणा भी कहां पीछे रहने वाले थे। राणा ने ट्वीट करते हुए लिखा, फिर जगह कौन सी बचती है गरीबों के लिए, मस्जिदों पर भी अगर खौफ से ताले पड़ जाएं। सोशल मीडिया पर मुंतशिर और राणा दोनों के शेर चर्चा का विषय बन गए और लोग इस पर जमकर कमेंट कर रहे हैं।
जमात के जलसे से बढी नाराजगी
यहां यह उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के जलसे के आयोजन से देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस आयोजन से कोरोना का प्रकोप केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न राज्यों और अंडमान निकोबार तक पहुंच गया। जानकारों का कहना है कि इस जलसे ने लॉकडाउन से देश को मिल रही कामयाबी पर काफी हद तक पानी फेर दिया। इसे लेकर लोगों में गहरी नाराजगी है।
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शेर पर पहले भी हो चुका है विवाद
वैसे यह पहली बार नहीं है जब मुनव्वर राणा विवादों में आए हैं। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध के दौरान हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भी उन्होंने एक शेर लिखा था जिसे लेकर काफी विवाद पैदा हो गया था। मुनव्वर राणा ने 19 दिसंबर को ट्वीट कर लिखा था, मरना ही मुकद्दर है तो फिर लड़के मरेंगे, ख़ामोशी से मर जाना मुनासिब नहीं होगा। मुनव्वर राणा के शेर को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उन पर जमकर निशाना साधा था। निशाना साधने वालों में प्रसिद्ध फिल्म प्रोड्यूसर अशोक पंडित भी शामिल थे।
मनोज मुंतशिर
राणा ने दिया था यह जवाब
इसके जवाब में मुनव्वर राणा का कहना था कि जो शेर उन्होंने लिखा है उसका मकसद जिंदगी से मुकाबला करने का था। हालांकि लोग अपने-अपने मतलब निकाल रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही राणा ने यह भी कहा था कि जिस तरह का माहौल देश में है, यह शेर उस पर भी मुकम्मल बैठता है। उनका कहना था कि कलम का काम सच्चाई बयां करना है।
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राणा की बेटियों पर दर्ज हुआ था केस
लखनऊ के घंटाघर के पास सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे महिलाओं के प्रदर्शन में मुनव्वर राणा की दो बेटियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। बाद में इसे लेकर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी जिनमें मुनव्वर राणा की दो बेटियों के नाम भी शामिल थे। इसे लेकर मुनव्वर राणा ने खुलकर नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि यूपी सरकार उन पर भी मुकदमा दर्ज करे क्योंकि वह भी मरते दम तक नागरिकता कानून का विरोध करेंगे।