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सचिन के रुख से राजस्थान में संकट, विधायक दल की बैठक में नहीं होंगे शामिल

राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थकों के कड़े रुख के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार पर संकट और गहरा गया है। मुख्यमंत्री

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Published on: 12 July 2020 4:29 PM GMT
सचिन के रुख से राजस्थान में संकट, विधायक दल की बैठक में नहीं होंगे शामिल
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अंशुमान तिवारी

जयपुर: राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थकों के कड़े रुख के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार पर संकट और गहरा गया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कल सुबह 10:30 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है। जानकारों के मुताबिक विधायक दल की बैठक में कांग्रेस हाईकमान की ओर से भेजे जा रहे तीन पर्यवेक्षक सभी विधायकों से बातचीत कर उनकी राय लेंगे और उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे मगर इस बीच सचिन पायलट के इस बैठक में शामिल न होने की बात सामने आ रही है। सचिन पायलट के करीबियों का कहना है कि पायलट कल विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे और गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई है।

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हाईकमान की मंशा नहीं होगी पूरी

कांग्रेस हाईकमान की ओर से रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और अविनाश पांडे को पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा जा रहा है। कांग्रेस हाईकमान की सोच है कि पर्यवेक्षकों की बातचीत से उन विधायकों के रवैये में बदलाव आएगा जो मुख्यमंत्री गहलोत से नाराज चल रहे हैं मगर सचिन पायलट के रुख से हाईकमान की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही है। सचिन पायलट के करीबियों ने साफ कर दिया है कि सचिन इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। सूत्रों का कहना है कि 30 कांग्रेसी विधायक और कुछ निर्दलीय सचिन पायलट के संपर्क में हैं। 15 भाजपा विधायकों के भी पायलट के संपर्क में होने का दावा किया गया है।

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नहीं दूर हो पाएगा गहलोत सरकार का संकट

अभी यह साफ नहीं हो सका है कि सचिन के बैठक में हिस्सा न लेने के बाद उनके करीबी बैठक में शामिल होंगे या नहीं मगर सूत्रों का कहना है कि जब सचिन ही बैठक में शामिल नहीं होंगे तो उनके समर्थकों के भी बैठक से दूर रहने की ही संभावना है। ऐसे में गहलोत सरकार पर छाया संकट दूर होने की कोई संभावना नहीं है। सियासी जानकारों का कहना है कि पर्यवेक्षकों की बातचीत के बाद भी राजस्थान का संकट दूर होता नहीं दिख रहा है क्योंकि बात अब काफी आगे बढ़ चुकी है।

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दिनभर मंत्रियों- विधायकों से मिलते रहे गहलोत

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले यह बैठक रविवार की रात में बुलाई थी मगर पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बातचीत करने के लिए इसे कल सुबह 10:30 बजे तक के लिए टाल दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सुबह से लेकर देर शाम तक अपने आवास पर कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों से मुलाकात की। जो मंत्री और विधायक अभी जयपुर में मौजूद नहीं है, उन्हें तत्काल जयपुर पहुंचने को कहा गया है।

एसओजी की नोटिस से बिगड़ी बात

वैसे तो सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से काफी दिनों से नाराज चल रहे हैं, लेकिन इसका तात्कालिक कारण स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की नोटिस को बताया जा रहा है। वैसे एसओजी की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई अन्य मंत्रियों को भी नोटिस भेजा गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि इसे लेकर किसी को नाराज नहीं होना चाहिए क्योंकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। नोटिस मिलने के बाद पायलट समर्थक नाराज बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने सभी हदों को पार करते हुए पायलट को यह नोटिस जारी किया है और अब मुख्यमंत्री गहलोत के साथ काम करना मुश्किल है।

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खुद को दरकिनार किए जाने से नाराज हैं सचिन

सचिन पायलट की गहलोत से नाराजगी का तात्कालिक कारण भले ही एसओजी की नोटिस हो मगर सचिन पायलट सरकार में खुद को दरकिनार किए जाने से काफी दिनों से नाराज चल रहे हैं। वे पार्टी हाईकमान से इस बात की शिकायत करने के लिए ही दिल्ली पहुंचे हैं कि सरकार के फैसलों में उन्हें कोई महत्त्व नहीं दिया जा रहा है। उनकी यह भी शिकायत है कि उनकी जानकारी के बिना महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं और अफसर भी उनकी बातों को महत्व नहीं दे रहे हैं। हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी आलाकमान से अभी तक सचिन पायलट की मुलाकात नहीं हो सकी है। पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि उनकी ओर से सचिन पायलट से संपर्क करने का प्रयास किया गया मगर उनसे अभी तक बातचीत नहीं हो सकी है।

राजस्थान में भी मध्यप्रदेश जैसे हालात

सियासी जानकारों का कहना है कि मध्यप्रदेश में एक युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत की तरह राजस्थान में भी स्थितियां बनती जा रही हैं। सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच में गहरी दोस्ती रही है और इसी कारण आज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सचिन पायलट की अनदेखी पर ट्वीट करते हुए इसे दुखद बताया है। सोशल मीडिया पर सचिन पायलट के अगला सीएम बनने की चर्चाएं तक शुरू हो गई हैं। कई लोग तो यह भी कह रहे हैं कि पायलट राजस्थान के अगले ज्योतिरादित्य सिंधिया होंगे।

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