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खतरनाक बीमारी: अस्पतालों में भर्ती मरीजों में दिखे ये लक्षण, लगातार बढ़ रहा खतरा

कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 8 लाख से ज्यादा हो गई है। इसके साथ ही कोविड हॉस्पिटलों में भर्ती मरीजों के सामने एक और नई बीमारी पैदा हो रही है।

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Published on: 12 July 2020 5:46 AM GMT
खतरनाक बीमारी: अस्पतालों में भर्ती मरीजों में दिखे ये लक्षण, लगातार बढ़ रहा खतरा
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नई दिल्ली : कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 8 लाख से ज्यादा हो गई है। इसके साथ ही कोविड हॉस्पिटलों में भर्ती मरीजों के सामने एक और नई बीमारी पैदा हो रही है। भर्ती मरीज मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं। इनमें तनाव, नींद ना आना, अवसाद और कई लक्षण भयभीत कर देने दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि भविष्य को लेकर चिंता, बीमारी का डर और घबराहट के कारण मरीजों में यह लक्षण नजर आ रहे हैं। लेकिन आने वाले समय में यह एक बड़ी चिंता का विषय भी बन सकते हैं।

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मानसिक रूप से बीमार

इसी सिलसिले में एम्स अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार श्रीनिवास ने बताया कि मनोरोग एक ऐसी दशा है जो एक दिन में नहीं होती है। यह धीरे-धीरे बनती है। कोरोना के मरीज हो या आम लोग। इस समय सभी मानसिक परेशानी झेल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कोविड अस्पतालों मे कई मरीज हैं, जिन्हें हर समय डर सताता रहता है। उन्हें नींद न आने जैसी समस्या हो रही है। वह मानसिक दबाव भी महसूस कर रहे हैं। यह सब अवसाद के लक्षण हैं, जो लंबे समय मेें मनोरोग की समस्या बन जाती है।

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आत्महत्या जैसे कदम

आगे बताते हुए बीते चार महीनों में उन लोगों की तादाद काफी बढ़ी है, जो पहले से किसी मानसिक परेशानी से ग्रस्त हैं और अब उनकी परेशानी काफी बढ़ गई है। यह समस्या लंबे समय तक रहती है तो लोग मनोरोगी बन जाते हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं।

इसी कड़ी में दिल्ली के सबसे बड़े मानसिक रोग अस्पताल इह्बास के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओमप्रकाश ने बताया कि कोविड-19 के बारे में सूचनाओं की बाढ़ ने बड़े पैमाने पर लोगों में डर बना दिया है। हालत यह हो गई है कि एक बार छींकने व खांसने पर भी लोगों को संक्रमण का अंदेशा होने लगता है।

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गंभीर लक्षण दिखाई देते

आगे बताते हुए महामारी को लेकर चारों ओर एक नकारात्मक माहौल है। संक्रमितों को परिवार की चिंता के साथ-साथ सामाजिक अलगाव का डर भी सता रहा है। इस कारण उनके दिमाग में नकारात्मक ख्याल आते रहते हैं और उनमें अवसाद जैसे गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं।

उन्होंने कहा- सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोरोना महामारी के कारण लोग अस्पताल में जाने से बच रहे हैं। इस वजह से वह या तो घर पर ही ठीक हो रहे हैं या उनकी बीमारी और गंभीर रूप लेती जा रही है।

ये जरूर करना चाहिए

इसके चलते डॉक्टर ओमप्रकाश की सलाह है कि मानसिक अवसाद जैसी बीमारी पर काबू पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सकारात्मक सोच रखना सोच रखना। लोगों को सोचना होगा कि इस संकट में वह अकेले नहीं हैं। किसी भी समस्या के बारे में लोगों को अपने परिवार वालों से खुलकर बात करनी चाहिए।

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साथ ही सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर ध्यान नहीं देना है। किसी भी बीमारी के लिए डाक्टरों पर ही भरोसा करना होगा। पूरी नींद लेनी चाहिए।

इससे बचने के लिए नियमित योग और प्राणायाम का भी सहारा लेना चाहिए। किसी भी शंका की स्थिति में डाक्टरों और मानसिक रोग विशेषज्ञों की सलाह लेने से कतराना नहीं चाहिए।

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