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राजस्थान में सियासत गरमाई, पर्दे के पीछे गहलोत और सचिन में जोर आजमाइश

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अपनी सरकार गिराने की साजिश और भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों के बाद सियासत...

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Published on: 12 July 2020 4:40 AM GMT
राजस्थान में सियासत गरमाई, पर्दे के पीछे गहलोत और सचिन में जोर आजमाइश
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अपनी सरकार गिराने की साजिश और भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों के बाद सियासत गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री गहलोत भाजपा पर खुलकर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन पर्दे के पीछे कांग्रेस में भी सब कुछ दुरुस्त नहीं चल रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच अंदरखाने जबर्दस्त खींचतान चल रही है। पायलट के अपने समर्थक 10- 15 विधायकों के साथ दिल्ली के पास हरियाणा के तावडू स्थित होटल में डेरा डालने की सूचना है। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस पार्टी के भीतर फूट काफी बढ़ गई है। सीएम और डिप्टी सीएम दोनों अपनी-अपनी ताकत दिखाने में जुटे हुए हैं।

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गहलोत ने विधायकों से मांगा समर्थन पत्र

शनिवार को कांग्रेस की ओर से भाजपा पर अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया। गहलोत ने सुबह भाजपा को घेरने के बाद देर शाम अपने आवास पर कई मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विधायकों से समर्थन पत्र लिखने के लिए भी कहा। गहलोत भी राज्य में चल रही उठापटक से घबराए हुए हैं। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी मंत्रियों से कहा कि वे अपने प्रभार वाले जिलों के विधायकों से संपर्क में रहें और कोई भी जानकारी मिलने पर तुरंत मुझे अवगत कराएं।

कोई भी आपने पर सीधे मिलेत्ति हो

उन्होंने कहा किसी विधायक को कोई भी आपत्ति होने पर उन्हें सीधे सीएम से मिलाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने क्षेत्रों का दौरा करने का भी निर्देश दिया। बैठक में सिर्फ उन्हीं मंत्रियों को बुलाया गया था जो राजधानी जयपुर में मौजूद थे। सियासी जानकारों का कहना है कि गहलोत विधायकों पर अपनी पकड़ को और मजबूत बनाना चाहते हैं ताकि उन्हें सत्ता से बेदखल करने की कोशिशों को विफल किया जा सके।

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सचिन पायलट ने डाला दिल्ली में डेरा

जानकार सूत्रों का कहना है कि डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित उनके समर्थक 10-15 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। इनके हरियाणा के तावड़ू स्थित एक होटल में डेरा डालने की सूचना है। सूत्रों के मुताबिक कई कांग्रेसी विधायक सरकार से नाराज चल रहे हैं। वे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं।

हाईकमान से अपना पक्ष रखने की कवायद

जिन विधायकों के दिल्ली पहुंचने की सूचना है उनमें सुरेश टांक, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, पी आर मीणा, ओम प्रकाश हुडला, राजेंद्र बिधूड़ी, रोहित बोहरा, दानिश अबरार और चेतन डूडी के नाम बताए जा रहे हैं। इन विधायकों में से कुछ का कहना है कि वे निजी काम से दिल्ली आए हुए हैं मगर सियासी जानकार बताते हैं कि इन सभी का दौरा मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ हाईकमान तक अपनी बात पहुंचाने से ही जुड़ा हुआ है।

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पायलट के साथ नाइंसाफी का आरोप

सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट अपना फोन बंद करके दिल्ली में हैं और वे पार्टी अध्यक्ष और राहुल गांधी से मिलकर उनसे अपनी बात कहना चाहते हैं। पायलट के करीबी विधायक का कहना है कि राज्य की जनता अशोक गहलोत से काफी नाराज है और पायलट के साथ नाइंसाफी की जा रही है। सियासी उठापटक के बीच पायलट को भी लग रहा है कि अब राजस्थान के सत्ता पर कब्जा करने का सही समय आ गया है। सचिन पायलट के करीबी एक मंत्री का कहना है किअगर यही हाल रहा तो राजस्थान में कांग्रेस का जनाधार गड़बड़ा जाएगा। उनका आरोप है कि राजस्थान में सचिन पायलट का अपमान किया जा रहा है जो अच्छी बात नहीं है।

सियासी ड्रामे पर हाईकमान की चुप्पी

पार्टी हाईकमान राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से अभी तक इस बाबत कोई भी बयान नहीं दिया गया है। संगठन महासचिव और हाल में राजस्थान से राज्यसभा का चुनाव जीतने वाले केसी वेणुगोपाल भी सियासी उठापटक पर चुप्पी साधे हुए हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि यदि हाईकमान की ओर से राजस्थान के मामले में दखल नहीं दिया गया तो कांग्रेस के भीतर चल रही उठापटक से स्थितियां और खराब हो सकती हैं।

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गहलोत ने भाजपा को घेरा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा पर सरकार गिराने की साजिश रचने का खुलकर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना के संकट के दिनों में भी भाजपा सरकार गिराने की साजिश में लगी हुई है। भाजपा के दो नेताओं भरत मलानी और अशोक सिंह को कांग्रेस विधायकों से संपर्क करके खरीद-फरोख्त करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों नेताओं के खिलाफ राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओपी) ने 10 जुलाई को ही मुकदमा दर्ज कर लिया था। एसओपी के एडीजी अशोक राठौर की निगरानी में जांच का काम भी शुरू कर दिया गया है।

तीन निर्दलीय विधायकों की संबद्धता खत्म

इस बीच डूंगरपुर और बांसवाड़ा के विधायकों को प्रलोभन देने के मामले में एसीबी ने तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सूत्रों का कहना है कि जांच में पता चला है कि इनके पास मोटी धनराशि भी थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब एसीबी की ओर से इस तरह के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन तीनों विधायकों की कांग्रेस से संबद्धता खत्म कर दी गई है।

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