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भारत महाशक्तिशाली हुआ: मजबूत हुई देश की वायुसेना, अब कांपेंगे दुश्मन देश

लद्दाख सीमा पर तेजी से बढ़ रहे तनाव को देखते हुए देश की मोदी सरकार ने सैन्य ताकत को और तंदरूस्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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Published on: 2 July 2020 2:42 PM GMT
भारत महाशक्तिशाली हुआ: मजबूत हुई देश की वायुसेना, अब कांपेंगे दुश्मन देश
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नई दिल्ली। लद्दाख सीमा पर तेजी से बढ़ रहे तनाव को देखते हुए देश की मोदी सरकार ने सैन्य ताकत को और तंदरूस्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिसके चलते रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने लड़ाकू विमानों और हथियारों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साथ ही सीमा पर स्पेशल फोर्सज की तैनाती भी कर दी गई है।

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खरीद के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी

रक्षा अधिग्रहण परिषद की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में 21 मिग-29 और 12 सुखोई (एसयू-30 एमकेआई) लड़ाकू विमानों की खरीद के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 59 मिग-29 लड़ाकू विमानों के अपग्रेडेशन की भी मंजूरी दी गई है।

लड़ाकू विमानों में मिग-29 लड़ाकू विमानों की खरीद रूस से की जाएगी। इसके साथ ही मौजूदा मिग-21 लड़ाकू विमानों का अपग्रेडेशन भी से कराया जाएगा। बता दें, इस पर लगभग 7 हजार 418 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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HAL से खरीदा जाएगा

वहीं, एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को HAL से खरीदा जाएगा, जिन पर 10 हजार 730 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इसके अलावा रक्षा अधिग्रहण परिषद ने कुल मिलाकर 38 हजार 900 करोड़ रुपये की खरीद को मंजूरी दी है। यह महत्‍वपूर्ण फैसला बृहस्पतिवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में लिया गया। ऐसे में देश की मोदी सरकार के इस फैसले से भारतीय रक्षा तंत्र और मजबूत होगा।

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'आत्मनिर्भर भारत'

जानकारी के लिए बता दें, कि सीमा के मजबूती के लिए लड़ाकू विमानों और हथियारों की खरीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' को ध्यान में रखकर किया जाएगा। ऐसे में स्वदेशी डिजाइन पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारतीय उद्योग को भी अधिग्रहण में शामिल किया जाएगा।

वहीं इसमें से 31 हजार 130 करोड़ रुपये के अधिग्रहण भारतीय उद्योग से किए जाएंगे। रक्षा उपकरणों को भारतीय रक्षा उद्योग के साथ मिलकर भारत में बनाया जाएगा। इसमें एमएसएमई की भी साझेदारी की जाएंगी।

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