पाक सेना के उड़े चिथड़े: ऐसा था ये लड़ाकू विमान, आज भी कांपता है पाकिस्तान

देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान भले ही इन दिनों सुर्खियों में हो, लेकिन आज से लगभग 60 साल पहले से ही इसकी मुहिम छिड़ गई थी, और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए थे। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जर्मन के विशेषज्ञों की सहायता से भारत का पहला देसी लड़ाकू विमान बनवाया था।

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Published on: 25 Oct 2020 7:22 AM GMT
पाक सेना के उड़े चिथड़े: ऐसा था ये लड़ाकू विमान, आज भी कांपता है पाकिस्तान
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देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान भले ही इन दिनों सुर्खियों में हो, लेकिन आज से लगभग 60 साल पहले से ही इसकी मुहिम छिड़ गई थी, और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए थे।

नई दिल्ली: देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान भले ही इन दिनों सुर्खियों में हो, लेकिन आज से लगभग 60 साल पहले से ही इसकी मुहिम छिड़ गई थी, और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए थे। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जर्मन के विशेषज्ञों की सहायता से भारत का पहला देसी लड़ाकू विमान बनवाया था। देश के इस पहले देसी लड़ाकू विमान की पूरी रिसर्च और निर्माण का विकास भारत में ही हुआ था। हालाकिं देश के लोगों के बीच ये गलतफहमी थी कि भारत का पहला देसी लड़ाकू विमान तेजस रहा, पर ये बात बिल्कुल गलत है।

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भारत का पहला देसी ​फाइटर

इसके साथ ही जर्मन इंजीनियर कुर्त टैंक से डिजाइन किए गए फाइटर जेट HF-24 मारूत के बारे में क्या आपने पहले कभी सुना है। ये तो बात तय है कि भारत का पहला देसी ​फाइटर था और उस समय हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि भी। बात 1 अप्रैल 1967 की है जब भारतीय वायु सेना को मिले मारूत के बहाने भारत के देसी फाइटर जेट डेवलपमेंट की रोमांचक कहानी है।

 missile फोटो-सोशल मीडिया

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उस समय देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि के रूप में विकसित हुआ मारूत अपने डिज़ाइन में काफी सक्षम और कारगर था। पेंसिल जैसा स्लिम, आकर्षक, स्वेप्ट विंग और टेल का फ्यूज़लेज के साथ जुड़ा होना इसे खास बनाता था। वहीं हवा से ज़मीन पर मार कर सकने वाला यह फाइटर जेट सेल्फ डिफेंस के हिसाब से भी काफी कारगर था। चलिए मारूत की लड़ाइयों के बारे में जानते हैं।

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वैसे देखा जाए तो मारूत ने किसी युद्ध में हिस्सा नहीं लिया है। लेकिन इसका प्रदर्शन हमेशा जबरदस्त रहा कि एक भी मारूत जेट को कभी भी दुश्मन मारकर गिरा नहीं सका। ऐसे में ये भी है कि मारूत ने पाकिस्तान के काफी एडवांस्ड लड़ाकों पर हमला भी किया था। वहीं दिसंबर 6 मिशन के तहत मारूत ने पाकिस्तान के दो लड़ाकों को ध्वस्त कर दिया था। जिसके साथ ही मारूत की पहली बड़ी जीत थी।

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