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अमृता सिंह के नाम से छत्तीसगढ़ में बाजार गरम, यह है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति के नाम को लेकर शुक्रवार को राजनैतिक घराने में हलचल तेज हो गई। इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह का नाम सामने आने के बाद बाजार में तरह-तरह की चर्चायें जन्म ले रही हैं।
रायपुर: छत्तीसगढ़ के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति के नाम को लेकर शुक्रवार को राजनैतिक घराने में हलचल तेज हो गई। इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह का नाम सामने आने के बाद बाजार में तरह-तरह की चर्चायें जन्म ले रही हैं।
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बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सीएम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक गुरु होने के कारण अमृता सिंह के नाम की चर्चा ब्यूरोक्रेसी में भी रही है।
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बताया जा रहा है कि राज्यपाल की कुलपतियों के साथ बैठक में यह मुद्दा सामने आया है, आपको बता दें कि देर शाम अमृता सिंह ने इन चर्चाओं पर सोशल मीडिया पर फेसबुक के जरिये विराम लगाते हुए कहा है कि ये सभी बातें चंडूखाने की गप्प करार दिया।
अमृता सिंह ने कहा...
अमृता सिंह के अनुसार एक खबर बहुत जोरों से चलायी गई है कि मैंने एक आवेदन दिया है और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल से कहा है कि मुझे एक विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर बना दें।
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले साल मैंने सुना था कि मैं तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रही हूं। बाद में कभी लोकसभा चुनाव, तो कभी मेयर की लाइन में भी मुझे खड़ा कर दिया गया। यहां सब कुछ होता रहता है, बस मुझे ही खबर नहीं होती कि मैं क्या करने जा रही हूं।
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उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की मीडिया के ज्यादातर साथी मेरे व्यक्तिगत संपर्क में रहते हैं। अक्सर बात भी करते रहते हैं, लेकिन जाने क्यों मेरे खुद के मामलों में अंतरयामी बन जाते हैं।
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सभी बातों को विराम लगाते हुए कहा कि मैंने न कोई आवेदन किया है, न ही कोई ऐसा पद मांगने या ग्रहण करने की संभावना है। ये खबर सिर्फ और सिर्फ उस फेक दिव्यदृष्टि का कमाल है, जो तथ्य से परे गप्प गढ़ भी लेती है और प्रचारित कर भी देती है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी सच्चाई नहीं है।
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