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लॉकडाउन के बीच जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों ने सरकार से मांगी ये इजाजत

कोरोना महामारी के मद्देनजर देशभर में लागु लॉकडाउन के बीच पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से पत्र के जरिये अनुरोध किया है कि....

Ashiki
Published on: 30 April 2020 11:20 PM IST
लॉकडाउन के बीच जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों ने सरकार से मांगी ये इजाजत
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भुवनेश्वर: कोरोना महामारी के मद्देनजर देशभर में लागु लॉकडाउन के बीच पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से पत्र के जरिये अनुरोध किया है कि बेहद छोटे स्तर पर ही सही वार्षिक रथयात्रा निकालने की अनुमति दें। रथयात्रा आयोजन से जुड़े सेवादारों के एसोसिएशन दैतापति निजोग का कहना है कि वार्षिक रथयात्रा कभी नहीं रुकी है, फिर चाहे दोनों विश्वयुद्ध हुए या बंगाल में अकाल आया।

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एसोसिएशन ने बुधवार को एक पत्र लिखते हुए सीएम पटनायक से आग्रह किया कि वे श्रद्धालुओं की भीड़ के बगैर रथयात्रा का आयोजन करने की अनुमति दें। बता दें कि हर साल भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा की इस रथयात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु इकठ्ठा होते हैं।

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निजोग के सचिव ने कहा कि कभी रथयात्रा नहीं रोकी गई है, चाहे कैसी भी आपदा आई हो। 1866 में बंगाल के अकाल के दौरान और 'बॉम्बे इंफ्लूएंजा', जो कि1918 से 1920 तक चला था, उस दौरान भी रथ यात्रा हुई थी। जबकि उस दौरान करीब 10 लाख लोग मरे थे। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि यह यात्रा पहले और दूसरे विश्व युद्ध, भारत-पाकिस्तान के बीच 1947, 48 व 65 में हुई लड़ाई के दौरान और देश की आजादी से पहले फैली महामारियों के दौरान भी बंद नहीं हुई।

सेवादारों द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि मध्यकाल के कुछ दस्तावेजों में यह उल्लेख मिलता है कि 16वीं और 17वीं शताब्दी में मुसलमानों के आक्रमण के दौरान रथयात्रा रुकी थी, और इस रिवाज को सांकेतिक तौर पर किया गया था। लेकिन ऐसी घटनाओं को उदाहरण के रूप में नहीं लेना चाहिए। साथ ही दासमहापात्र ने कहा कि एसोसिएशन ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि वह रथयात्रा में शामिल होने वाले सभी लोगों की जांच कर लें।

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बता दें कि श्रद्धालु रथ यात्रा का प्रसारण 23 जून को टीवी पर देख सकते हैं। एक अन्य एसोसिएशन के सदस्य ने कहा कि जल्दी ही ‘गजपति महाराज’ दिव्य सिंह देव और गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से मिलकर मामले पर चर्चा करेंगे।

हालांकि सूत्रों के मुताबिक पटनायक ने हाल ही में इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की है। लेकिन दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिली है।

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