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लाॅकडाउन: जिम्मेदारी संभालने के लिए इन दो जज ने तय किया 2000 किमी का सफर

कोरोना संकट के दौर में सेवा, सहायता और समर्पण की शानदार मिसालें देखने को मिल रही हैं। देशभर में डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों की...

Ashiki
Published on: 26 April 2020 7:12 PM GMT
लाॅकडाउन: जिम्मेदारी संभालने के लिए इन दो जज ने तय किया 2000 किमी का सफर
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नई दिल्ली: कोरोना संकट के दौर में सेवा, सहायता और समर्पण की शानदार मिसालें देखने को मिल रही हैं। देशभर में डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों की सेवा को सलाम किया जा रहा है। साथ ही दो ऐसे न्यायाधीशों की भी देशभर में चर्चा हो रही है। ये दोनों न्यायाधीश अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए 2000 किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं।

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हवाई सेवा बंद है तो उठाया ये कदम

दरअसल कोरोना संकट की वजह से देश में लॉकडाउन है। लॉकडाउन से ट्रेन और हवाई सेवाएं बंद हैं। ऐसे में दो राज्यों के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश 2000 किमी का सफर सड़क मार्ग से ही पूरा किए, ताकि वो अलग-अलग राज्यों में बतौर मुख्य न्यायाधीश जिम्मेदारी संभाल सकें।

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस विश्वनाथ समद्दर और जस्टिस दीपांकर दत्ता की हाल ही में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति की थी। बता दें कि दोनों ही न्यायाधीश सड़क मार्ग से अपने-अपने राज्यों में जिम्मेदारी संभालने के लिए निकल पड़े हैं। इससे वो अपने कार्यों के क्रियान्यवन कर सकेंगे।

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कोलकाता से पहुंचे मुंबई

कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता अपने लड़के के साथ कार से कोलकाता से मुंबई के लिए निकले हैं। इस दौरान कभी वो तो कभी उनके बेटे कार चला रहे हैं। उन्हें बाम्बे हाईकोर्ट में बतौर मुख्य न्यायाधीश चार्ज लेना है।

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प्रयागराज से पहुंचे मेघालय

उन्हीं की तरह इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस विश्वनाथ समद्दर को मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। जस्टिस समद्दर इलाहाबाद से कार द्वारा अपने ड्राइवर के साथ पहले कोलकाता पहुंचे। फिर कोलकाता से शिलांग। शिलांग से मेघालय भी पहुंच गए हैं। इस दौरान कभी ड्राइवर ने तो कभी उन्होंने खुद कार चलाई। उनकी पत्नी भी उनके साथ हैं।

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