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39 पत्नियों वाला परिवार: कायम कर दी मिसाल, 181 सदस्य है काबिले-तारीफ

कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा विश्व परेशान है। ऐसे में हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े परिवार की। ये परिवार मिजोरम के एक गांव में एक ही छत के नीचे रहता है।

Vidushi Mishra
Published on: 27 April 2020 12:20 PM GMT
39 पत्नियों वाला परिवार: कायम कर दी मिसाल, 181 सदस्य है काबिले-तारीफ
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39 पत्नियों वाला परिवार: कायम कर दी मिसाल, 181 सदस्य है काबिले-तारीफ

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरा विश्व परेशान है। ऐसे में हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े परिवार की। ये परिवार मिजोरम के एक गांव में एक ही छत के नीचे रहता है। महामारी का तनिक सा भी असर इस परिवार पर नहीं पड़ा है। इस परिवार के सदस्य आम दिनों की तरह मस्ती से अपने कामकाज में लगे है। ये पूरा परिवार जियोना चाना का है। इस परिवार में कुल मिलाकर 181 सदस्य रहते हैं। ये एक 100 कमरों के मकान में एक साथ रहते हैं। घर के मुखिया जियोना चाना की 39 बीवियां हैं औऱ कुल 94 बच्चे। और सुन लीजे ये परिवार यही नहीं रुका हुआ है, इसमें 14 बहुओं और 33 पोते पोतियां भी हैं और एक नन्हा प्रपौत्र भी शामिल है।

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हर चीज को वो खुद ही बना लेते

दुनिया का ये सबसे बड़ा परिवार मिजोरम की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच बटवंग गांव में एक बड़े से मकान में रहता है। यहां तक कोरोना का कोई असर नहीं है। यहां जीवन सामान्य यानी आम दिनों की तरह ही है।

परिवार के मुखिया जियोना मुख्यतौर पर बढ़ई का काम करते हैं लेकिन अब उनका परिवार खुद किसी कम्युनिटी की तरह है। वहीं परिवार के काम आने वाली हर चीज को वो या खुद ही पैदा कर लेते हैं या बना लेते हैं।

मुखिया जिओना अपने परिवार के साथ 100 कमरों के मकान में रहते हैं उसमें एक बड़े से रसोईघर के साथ सबके लिए पर्याप्त जगह है वहीं जिओना अपने परिवार को बड़े अनुशासन से चलाते हैं।

खुद को बाहरी लोगों से एकदम अलग रखा

परिवार के सभी लोग खाना बनाने और घर के अन्य कामकाज मिलकर करते हैं। बता दें, मिजोरम में कोरोना वायरस का अब तक केवल एक ही मरीज सामने आया है लेकिन राज्य में जिस तरह सावधानियां बरती जा रही हैं। वैसे ये परिवार भी बरत रहा है। उसने खुद को बाहरी लोगों से एकदम अलग रखा हुआ है।

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इस परिवार की महिलाएं खेती बाड़ी करती हैं और घर चलाने में योगदान देती हैं। जिओना की सबसे बड़ी पत्नी मुखिया की भूमिका निभाती हैं और घर के सभी सदस्यों के कार्यों का बंटवारा करने के साथ ही कामकाज पर नज़र भी रखती हैं।

परिवार में एक दिन में 45 किलो से ज्यादा चावल, 30-40 मुर्गे, 25 किलो दाल, दर्जनों अंडे, 60 किलो सब्जियों की ज़रूरत होती है। इसके साथ ही इस परिवार में लगभग 20 किलो फल की भी हर रोज़ खपत होती है।

राजनीतिक पार्टियां जियोना को अच्छा खासा महत्व देती

हैरान करने वाली बात तो ये है कि ये सबकुछ ये लोग खुद ही उगाते हैं। उनके पास अपने खुद के खेत हैं और फल के पेड़, सब्जियों के पेड़ और खेत हैं। कुछ सालों में उन्होंने अपना एक पोल्ट्री फॉर्म भी बना लिया है।

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साथ ही इलाके की सियासत में भी चाना परिवार का बहुत दबदबा है। एक साथ एक ही परिवार में इतने सारे वोट होने की वजह से तमाम नेता और इलाके की राजनीतिक पार्टियां जियोना चाना को अच्छा खासा महत्व देती हैं क्योंकि स्थानीय चुनाव में इस परिवार का झुकाव जिस पार्टी की तरफ होता है उसे ढेरों वोट मिलना बिल्कुल तय होता है।

वहीं इतने लंबे चौड़े परिवार का कोरोना के दौरान सुरक्षित होना दुनिया के लिए भी एक बहुत अच्छा संदेश है। ये परिवार दुनिया को एक संदेश भी दे रहा है कि अगर अच्छी तरह रहा जाए और सावधानियां लें तो कोई भी बीमारी पास नहीं आ सकती है।

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Vidushi Mishra

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