TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

लॉकडाउन में सैलरी के मुद्दे पर सरकार का यूटर्न, अब सुप्रीम कोर्ट में कही ये बात

लॉकडाउन के दौरान निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को पूरी सैलरी देने के मामले में मोदी सरकार ने यूटर्न ले लिया है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है और सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सरकार ने एकदम अलग रुख अपनाया है।

Ashiki
Published on: 4 Jun 2020 9:45 PM IST
लॉकडाउन में सैलरी के मुद्दे पर सरकार का यूटर्न, अब सुप्रीम कोर्ट में कही ये बात
X

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को पूरी सैलरी देने के मामले में मोदी सरकार ने यूटर्न ले लिया है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है और सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सरकार ने एकदम अलग रुख अपनाया है। अदालत में सरकार की ओर से कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान पूरी सैलरी देने का मुद्दा कंपनी और कर्मचारी के बीच का मसला है। सरकार ने इस मामले में दखल न देने की बात भी अदालत में कही है।

ये भी पढ़ें: अडानी ग्रुप को चाहिए छह महीने, इस काम के लिए मांगा सरकार से वक्त

गृह मंत्रालय ने जारी किया था यह आदेश

लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 29 मार्च को एक आदेश जारी किया गया था। इस आदेश में कहा गया था कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन की अवधि की भी पूरी सैलरी देनी होगी। इस आदेश में कर्मचारियों को पूरी सैलरी न देने पर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही गई थी। बाद में इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी थी आदेश पर रोक

इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि आखिर सरकार को बिना काम किए कंपनियों से कितने दिन सैलरी देने की उम्मीद है। कोर्ट ने इस बाबत सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए गृह मंत्रालय के आदेश पर रोक लगा दी थी। जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान की सैलरी के भुगतान के मुद्दे पर कंपनियों और कर्मचारियों के बीच कोई सहमति बनना जरूरी है। कंपनियों को पूरी सैलरी का भुगतान करने का आदेश देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत की ओर से यह टिप्पणी की गई है।

ये भी पढ़ें: BJP सासंद का अजीबोगरीब बयान, इस बात के लिए इंदिरा गांधी को बता दिया जिम्मेदार

सरकार मसले को हल करने का प्रयास करे

सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत सरकार से कहा कि सरकार कर्मचारियों को लॉतडाउन के अवधि की पूरी सैलरी देने की पक्षधर रही है। इसलिए उसे इस मसले को हल करने की कोशिश करनी चाहिए। इस मसले की सुनवाई करने वाली बेंच में शामिल जस्टिस संजय किशन कौल ने टिप्पणी की कि सरकार कर्मचारियों की जेब में पैसा डालने की इच्छुक है। ऐसे में उसे इस मसले का समाधान करने की कोशिश करनी चाहिए।

पीएम मोदी ने की थी कंपनियों से अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले चरण का लॉकडाउन घोषित करने के दौरान राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कंपनियों से कर्मचारियों के हित का ध्यान रखने की अपील की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि हमारी विभिन्न कंपनियों से अपील है कि वे लॉकडाउन की अवधि के दौरान कर्मचारियों की सैलरी में किसी प्रकार की कोई कटौती ना करें। उनका कहना था कि कंपनियों को मानवीय आधार पर यह कदम उठाना चाहिए। पीएम मोदी की अपील से कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। पीएम की इस अपील के बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कर्मचारियों की सैलरी में कटौती न करने का आदेश जारी किया गया था।

ये भी पढ़ें: ऑनलाइन ठगी का होते हैं शिकार, तो यहां दर्ज कराएं शिकायत, वापस मिलेगा पैसा

बड़ा खुलासा: सामने आई जॉर्ज फ्लॉयड की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, नहीं बचेगा पुलिस अधिकारी

बड़े भूकंप का खतरा: दिल्ली को जापान से लेना चाहिए ये सबक, तभी बच पाएंगे



\
Ashiki

Ashiki

Next Story