TRENDING TAGS :
6 सालों में 8 बार यहां तूफान ने दी दस्तक, लेकिन इसलिए नहीं मचा पाए तबाही
चक्रवात तूफान अम्फान के गुजरने के बाद अब एक और खतरनाक तूफान से देश का सामना होने वाला है। अरब सागर से उठे चक्रवात निसर्ग ने महाराष्ट्र और गुजरात में जोरदार ढंग से दस्तक दे दी है।
नई दिल्ली: चक्रवात तूफान अम्फान के गुजरने के बाद अब एक और खतरनाक तूफान से देश का सामना होने वाला है। अरब सागर से उठे चक्रवात निसर्ग ने महाराष्ट्र और गुजरात में जोरदार ढंग से दस्तक दे दी है। जिस वजह से बहुत सी जगह नुकसान हुआ है। मुंबई और गुजरात में चक्रवात तूफान को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
भावनगर के समुद्री तट से टकरा सकता है निसर्ग
चक्रवात तूफान निसर्ग के भावनगर के समुद्री तट से टकराने की संभावना है। इसे लेकर भावनगर के 34 और अमरेली के 24 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। तटीय राज्य होने की वजह से गुजरात पर कई तूफान अपना कहर बरपा चुके हैं। लेकिन पिछले छह सालो में गुटरात के समुद्री तट से एक भी तूफान नहीं टकराया है। ऐसा नहीं है कि तूफान गुजरात तट की ओर बढ़े नहीं, लेकिन वहां तक पहुंच नहीं पाए।
आठ बार खतरे से बचा गुजरात
साल 2014 के बाद से गुजरात में आठ चक्रवाती तूफानों ने दस्तक देने की कोशिश की, लेकिन हर बार गुजरात तूफान की चपेट में आने से बच गया। तो चलिए आपको बताते हैं उन आठों तूफान के बारे में जो गुजरात की तरफ बढ़े तो लेकिन अपनी दिशा ही बदल ली। इनमें से पांच को तो समुद्र ने समेट लिया तो वहीं बाकी तीन को समुद्र ने ही अपने भीतर समेट लिया।
यह भी पढ़ें: SBI ग्राहक सावधान: भूलकर भी ना करें ऐसा, बैंक ने ग्राहकों को दिए ये टिप्स
ननौक
चक्रवात तूफान ननौक 13 जून 2014 को अरब सागर में वेरावल से 590 किलोमीटर की दूर पर भूमध्य सागर में उठा था। जिसके बाद तूफान को लेकर राज्य के तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया था, लेकिन ननौक ने अपनी दिशा ही बदल ली और ओमान की ओर बढ़ गया और गुजरात के तट से नहीं टकराया।
नीलोफर
चक्रवात तूफान नीलोफर अक्तूबर 2014 में अरब सागर में उच्च वायु दबाव के कारण उठा था। इस बार चक्रवात तूफान नीलोफर को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। इसका सबसे ज्यादा खतरा सौराष्ट्र और कच्छ के इलाके में पनप रहा था, लेकिन नीलोफर को समुद्र की लहरों ने अपने अंदर ही समेट लिया और एक बार फिर खतरा टल गया।
यह भी पढ़ें: सरकार ने दिया करोड़ों का लोन, लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए छोटे कारोबारी
अशोबा
चक्रवात तूफान अशोबा जून 2015 में पूर्व-मध्य अरब सागर में पनपा था, जो ओमान की तरफ जाकर विभाजित हो गया। जिससे गुजरात एक बार फिर से तबाही के मंजर से बच गया।
चपाला
अक्तूबर, 2015 में अरब सागर में चक्रवात तूफान चपाला का निर्माण हुआ, लेकिन इसने भी अपना रास्ता बदल दिया। चपाला गुजरात की ओर गया ही नहीं। ओशोबा की तरह ही ओमान की तरफ निकल गया। जिससे गुजरात से खतरा टल गया।
यह भी पढ़ें: सेना सड़क पर आएगी: सावधान रहें यहां प्रदर्शनकारी, आ रहा ये कानून
ओखी
दिसंबर 2017 में तमिलनाडु और केरल में तबाही मचाने वाला चक्रवाती तूफान ओखी अरब सागर के रास्ते गुजरात की ओर बढ़ रहा था, लेकिन वजह गुजरात पहुंचने से पहले ही बिखर गया। जिसके बाद एक बार फिर से खतरा टल गया।
सागर
गुजरात के तट पर 17 मई 2018 में सागर नाम के एक चक्रवात का निर्माण हुआ था। लेकिन इसने भी अपना रास्ता बदल दिया और यह यमन की ओर निकल गया।
यह भी पढ़ें: इस आतंकी ने रची थी पुलवामा को दहलाने की साजिश, सेना ने उतारा मौत के घाट
वायु
अरब सागर में जून 2019 में आया चक्रवात तूफान वायु खतरनाक साबित होता जा रहा था। ऐसा कहा जा रहा था कि यह 120 से 160 किमी की गति से तट से टकराएगा। वायु के दीव और वेरावल के बीच तट से टकराने का अनुमान जताया गया था। लेकिन इसकी भी दिशा बदल गई और यह यमन की ओर चला गया।
महा
सात नवंबर 2019 में अरब सागर से उठे चक्रवात तूफान महा के चलते सौराष्ट्र-गुजरात में भारी बारिश हुई। महा तूफान के दीव और पोरबंदर के बीच टकराने के संकेत थे। लेकिन वह अरब सागर में ही कमजोर हो गया और समुद्र में समा गया। जिस वजह से गुजरात एक बार फिर तबाही से बच गया।
यह भी पढ़ें: शराबी पति की हैवानियत, पत्नी को इसलिए पीट-पीट कर मार डाला
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।