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बंद होगी एंबुलेंस: 1 से रुक जाएगी ये सेवा, हालात हो सकते हैं बदतर

प्रदेश में कोरोना वायरस संकट के बीच एंबुलेंस सेवाओं के बंद होने से राज्य में क्या हालात उत्पन्न हो सकते हैं इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। लेकिन अब तक सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

Shreya
Published on: 31 July 2020 2:55 PM IST
बंद होगी एंबुलेंस: 1 से रुक जाएगी ये सेवा, हालात हो सकते हैं बदतर
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108 ambulance

शिमला: हिमाचल प्रदेश में आज यानी 31 जुलाई से 108 और 102 एम्बुलेंस कर्मचारियों की सेवाएं खत्म होने जा रही हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस संकट के बीच एंबुलेंस सेवाओं के बंद होने से राज्य में क्या हालात उत्पन्न हो सकते हैं इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। लेकिन अब तक सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

30 जून को ही कंपनी ने कर्मचारियों को निकाल दिया था

बता दें कि कंपनी ने 30 जून को ही अपने कर्मचारियों को निकाल दिया था, लेकिन सरकार के दखल देने के बाद कर्मचारियों की सेवाएं बढ़ा दी गई थीं। कर्मचारियों का सेवाकाल 15 जुलाई के बाद 31 जुलाई तक बढ़ा दिया था। साथ ही आश्वस्त किया गया था कि जल्द ही इसे लेकर कुछ फैसला किया जाएगा। आज 31 जुलाई है और कर्मचारियों की बढ़ी हुई सेवाओं का आखिरी दिन लेकिन अब तक सरकार ने कोई ठोस नीति नहीं बनाई है।

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25 जून को कंपनी ने कर्मचारियों को दिया था टर्मिनेशन लेटर

दरअसल, हिमाचल प्रदेश में जीवीके ईएमआरआई कंपनी ही सभी एम्बुलेंस का संचालन करती है और 30 जून को ही कर्मचारियों के साथ करार खत्म हो गया था। ऐसे में कंपनी ने 108 और 102 एम्बुलेंस कर्मचारियों को 25 जून को टर्मिनेशन लेटर दे दिया था और कहा था कि 30 जून के बाद आपकी सेवा खत्म कर दी जाएगी। हालांकि राज्य सरकार के साथ करार नामा 2021 तक है।

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Ambulance Service

सरकार के दखल के बाद 31 जुलाई तक बढ़ाई गई थी सेवाएं

उसके बाद 108 और 102 कॉन्ट्रेक्ट वर्कर यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने 29 जून को मुख्यमंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान और निदेशक स्वास्थ्य मिशन निपुण जिंदल से मुलाकात की थी। जिसके बाद यूनियन को आश्वस्त कर कंपनी को नोटिस जारी किया गया और उसके बाद कंपनी ने कर्मियों की सेवाओं को बढ़ा कर 15 जुलाई तक कर दिया। इसके बाद एक बार फिर से सरकार के दखल के बाद कर्मचारियों की सेवाएं 31 जुलाई तक बढ़ा दी गईं।

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कोई ठोस नीति तैयार नहीं कर रही सरकार

वहीं, 108 और 102 कर्मचारी यूनियन पूर्ण चंद का कहना है कि सरकार लॉकडाउन की तरह समय को आगे बढ़ा रही है, लेकिन कोई ठोस नीति तैयार नहीं कर रही। कर्मचारियों ने मांग की है कि सरकार उन्हें एनएचएम में मर्ज करे। कंपनी का ऐसे समय में कर्मचारियों को टर्मिनेट करना गैर कानूनी है। क्योंकि ये मामला कोर्ट में चल रहा है।

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सभी कर्मचारियों को एंबुलेंस छोड़नी पड़ेगी

ऐसे में अगर कंपनी द्वारा सभी कर्मचारियों का टर्मिनेशन वापस नहीं लिया जाता है तो मजबूर होकर सभी कर्मचारियों को एंबुलेंस छोड़नी पड़ेगी और महामारी के इस दौर में राज्य की जनता की जिंदगी के साथ खिलवाड़ के लिए कंपनी और सरकार जिम्मेदार होगी।

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