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भारत चीन विवादः कल हो सकता है बड़ा फैसला, होगी बड़ी बैठक
दोनों देश के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय जवानों की शहादत के बाद तनाव और बढ़ गया है। जिसे कम करने के लिए दोनों देश के बीच बातचीत जारी है।
नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में बीते काफी दिनों से भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देश के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय जवानों की शहादत के बाद तनाव और बढ़ गया है। जिसे कम करने के लिए दोनों देश के बीच बातचीत जारी है। अब इसी कड़ी में कल यानी मंगलवार को कोर कमांडर स्तर पर तीसरे दौर की बैठक होगी।
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कोर कमांडर स्तर पर मंगलवार को होगी तीसरी बैठक
बता दें कि बीते एक महीने के भीतर भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर पर मंगलवार को तीसरी बैठक होने वाली है। कोर कमांडर स्तर पर यह तीसरी बैठक भारतीय पक्ष में चुशूल में होने जा रही है। इससे पहले की दो बैठकें चीनी पक्ष में मोल्डो में हुई थी। दोनों पक्षों के बीच होने वाली इस बातचीत का एजेंडा डिसएंजेगमेंट के लिए दोनों देशों द्वारा किए गए प्रस्तावों को आगे ले जाने पर होगा।
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लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह बैठक का करेंगे नेतृत्व
वहीं सीमा पर तनाव को सामान्य बनाने के लिए मौजूदा गतिरोध के दौरान सभी विवादास्पद क्षेत्रों पर भी चर्चा होगी। बत दें कि इससे पहले हुई कोर कमांडर स्तर की दो बैठकें 6 जून और 22 जून को हुई थी। इस बैठक में भारत की तरफ से 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह बैठक का नेतृत्व कर रहे हैं।
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चीन की तरफ मोल्डो क्षेत्र में 22 जून को बैठक
बता दें कि इससे पहले स्थिति को सामान्य करने के लिए दोनों देशों के बीच 22 जून को हुई बैठक करीब 11 घंटे चली। कोर कमांडर स्तर की यह बैठक चीन की तरफ मोल्डो क्षेत्र में हुई थी। यह बैठक गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद बने तनाव को कम करने के लिए हुई थी।
पहले की स्थिति बनाए रखने की हुई थी बात
22 जून को बातचीत के दौरान भारत ने चीन से एलएसी से सैनिकों की वापसी के लिए समय सीमा मांगा था। इसके साथ ही फिंगर 4 समेत 2 मई से पहले की स्थिति और तैनाती को बनाए रखने के लिए कहा। दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह बैठक 11 घंटे तक चली थी। इसका मकसद एलएसी पर पहले वाली स्थिति को बनाए रखना था।
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15 जून को झड़प में 20 जवान हुए थे शहीद
बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून को हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद से सीमा पर तनाव चरम पर बना हुआ है। जबकि चीन की तरफ 45 सैनिकों के मारे जाने या घायल होने की खबर है, जबकि अब तक चीन ने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या को सार्वजनिक नहीं किया है।
इस हमले को लेकर भारत में काफी आक्रोश है। फिलहाल दोनों ओर से तनाव को खत्म करने के लिए सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है।
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