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भारत की तीनों सेनाएं रूस में करेंगी शक्ति प्रदर्शन, डर गया चीन

भारत की थल, जल और वायु सेनाओं की एक टुकड़ी 24 जून को रूस की राजधानी मॉस्को के रेड स्क्वायर पर होने वाली सालाना परेड में भेजने वाला है। ऐसा नजारा पहली बार देखने को मिलेगा।

Shreya
Published on: 15 Jun 2020 5:28 AM GMT
भारत की तीनों सेनाएं रूस में करेंगी शक्ति प्रदर्शन, डर गया चीन
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नई दिल्ली: भारत की थल, जल और वायु सेनाओं की एक टुकड़ी 24 जून को रूस की राजधानी मॉस्को के रेड स्क्वायर पर होने वाली सालाना परेड में भेजने वाला है। ऐसा नजारा पहली बार देखने को मिलेगा। क्योंकि इससे पहले तक इस मार्च में केवल भारत की थल सेना ही हिस्सा लेती थीं। लेकिन इस बार भारत की तीनों सेनाएं मार्च करती दिखाई देंगी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस ने भेजा था न्योता

बता दें कि इस पूरे कार्यक्रम के लिए रूस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता भेजा था। हालांकि PM मोदी कोरोना के चलते इसमें शिरकत नहीं करेंगे। इस परेड में भारत की तीनों सेनाओं (थल, जल और वायु) की एक टुकड़ी अपने साहस और ताकत का प्रदर्शन करेंगी। ऐसे में रूस के साथ गहरे सैन्य संबंध रखने वाले पड़ोसी देश चीन की टेंशन बढ़ सकती हैं।

19 जून को सरकार मॉस्को भेजेगी सेनाओं के 75 से 80 जवान

बीते साल राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्लादिवोस्तोक में मुलाकात के दौरान नरेंद्र मोदी को इस परेड में आने के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि इस कार्यक्रम में पीएम मोदी शामिल हो सकेंगे। लेकिन सरकार 19 जून को तीनों सेनाओं के 75 से 80 जवान को मॉस्को भेज रही है। जो वहां परेड में हिस्सा लेंगे। और अपनी ताकत और साहस का परिचय देंगे।

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सरकार जल, थल और वायु सेनाओं के 75-80 जवान 19 जून को मॉस्को भेज रही है जो परेड में हिस्सा लेंगे। जानकारी के मुताबिक भारत की टुकड़ी परेड में ग्रेट पैट्रिऑटिक वॉर में भारतीय सैनिकों के योगदान का जिक्र करते हुए प्रदर्शन करेगी।

हर साल नौ मई को रूस करता है विक्टरी डे परेड का आयोजन

बता दें कि रूस हर साल नौ मई को विक्टरी डे परेड का आयोजन करता है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस महामारी के चलते यह परेड टाल दिया गया। रूस हर साल इस परेड का आयोजन 1945 में नाजी जर्मनी के आत्मसमर्पण के जश्न में मनाया जाता है।

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कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को रूस ने किया आमंत्रित

इस साल नाजियों पर विजय की 75वीं वर्षगांठ है। इसलिए इस साल रूस ने विक्टरी डे परेड के लिए कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेनाओं की टुकड़ी ग्रेट पैट्रिऑटिक वॉर में भारतीय सेना के जवानों के योगदान का जिक्र करते हुए प्रदर्शन कर सकती है। फिलहाल परेड के विवरण पर काम चल रहा है।

चीन की बढ़ेगी चिंता

बता दें कि रूस और भारत के एक साथ सैन्य अभ्यास के चलते पड़ोसी देश चीन की चिंताएं बढ़ना तय है। चीन के साथ रूस के गहरे सैन्य और राजनीतिक संबंध हैं, जबकि वर्तमान में भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। इस सभी समीकरणों के बाद भी भारत और रूस दोनों देश एक- दूसरे को अहम सहयोगी के रूप में देखते हैं।

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