TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

इन पर लटकी तलवार! तो क्या लाखों की जाएगी अब नौकरी, करोड़ों डूबे

बताते चलें कि बोर्ड को संबोधित करके लिखी गई इन चिट्ठियों में शिकायतकर्ताओं ने जांच की मांग की और तुरंत कार्रवाई करने की अपील की, व्हिसलब्लोअर्स ने लिखा कि वो अपने आरोपों को साबित करने के लिए ईमेल और वॉइस रिकॉर्डिंग भी दे सकते हैं। वहीं इंफ़ोसिस के चेरयमैन नंदन नीले

Harsh Pandey
Published on: 23 Oct 2019 5:44 PM IST
इन पर लटकी तलवार! तो क्या लाखों की जाएगी अब नौकरी, करोड़ों डूबे
X

नई दिल्ली: आईटी क्षेत्र की विश्व की सबसे दिग्गज कंपनी इन्फ़ोसिस भी अब खतरे में नजर आ रही है। कंपनी के साथ-साथ अब कर्मचारियों पर भी तलवार लटकी है।

बताया जा रहा है कि शेयरों में मंगलवार को दिग्गज कंपनी इन्फ़ोसिस के क़रीब 17 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, आपको बता दें कि बीते छह साल में एक दिन में आई ये सबसे भारी गिरावट थी, जिसकी वजह से निवेशकों को क़रीब 53 हज़ार करोड़ का बड़ा नुक़सान हुआ है।

बता दें कि मंगलवार को मार्केट बंद होने तक इन्फ़ोसिस की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन या एमकैप 2.74 लाख करोड़ रुपए थी, जो पिछले सत्र में 3.27 लाख करोड़ रुपए रही थी। मार्केट कैप्टिलाइज़ेशन का मतलब शेयर बाज़ार में कंपनी के कारोबार के मूल्य से है।

यह भी पढ़ें- अजगर और BJP नेता: गाड़ी में था बैठा, जाने फिर क्या हुआ…

मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप...

भारत की बड़ी आईटी सर्विस कंपनी ने कहा कि उन्हें गुमनाम व्हिसलब्लोअर्स से शिकायतें मिली हैं कि कंपनी में ग़लत तरीक़े अपनाए जा रहे हैं,

इसके साथ ही व्हिसलब्लोअर्स ने सीधे तौर पर इन्फ़ोसिस के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कंपनी की आय और मुनाफ़े को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए बही-खातों में हेर-फेर करने की कोशिश की।

की अपील...

बताते चलें कि बोर्ड को संबोधित करके लिखी गई इन चिट्ठियों में शिकायतकर्ताओं ने जांच की मांग की और तुरंत कार्रवाई करने की अपील की। व्हिसलब्लोअर्स ने लिखा कि वो अपने आरोपों को साबित करने के लिए ईमेल और वॉइस रिकॉर्डिंग भी दे सकते हैं। वहीं इंफ़ोसिस के चेरयमैन नंदन नीलेकणी ने मामले की जांच कराने की बात कही है।

यह भी पढ़ें- रामलीला को चाइल्ड पोर्न बोल फंसे एक्टर, जानें कहां मचा घमासान

इंफ़ोसिस ने कहा...

इस पूरे मसले पर कहा कि इंफ़ोसिस ने कहा है कि शिकायत को कंपनी की व्हिसलब्लोअर नीति के तहत देखा जाएगा।

कंपनी के चेयरमैन ने कहा...

कंपनी के चेरयमैन नंदन नीलेकणी ने कहा कि कंपनी की ऑडिट कमिटी आरोपों की स्वतंत्र जांच करेगी. नीलेकणी ने बताया कि एक बोर्ड मेंबर को 30 सिंतबर को दो शिकायतें मिली थीं, जिन पर 20 सिंतबर की तारीख़ लिखी थी. इस शिकायत का टाइटल था - 'डिस्टर्बिंग अनएथिकल प्रैक्टिसेस' और एक बिना तारीख़ का नोट था, जिस पर टाइटल था - 'व्हिसलब्लोअर कंप्लेन'।

यह भी पढ़ें- सांसद की पत्नी ने बोला- रेप ऐसी चीज….. अब उनके साथ हुआ ऐसा

इंफ़ोसिस के चेयरमैन के अनुसार, एक शिकायत में अधिकतर सीईओ की अमरीका और मुंबई की अंतरराष्ट्रीय यात्रा से जुड़े आरोप हैं।

नीलेकणी के मुताबिक़, 11 अक्टूबर को बोर्ड मीटिंग के बाद ऑडिट कमिटी ने शुरुआती जांच के लिए स्वतंत्र आंतरिक लेखा परीक्षक से बातचीत शुरू की। ऑडिट कमिटी ने अब एक लॉ फर्म, शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी को जांच का काम सौंपा है। उनके मुताबिक़ जांच के नतीजों के आधार पर बोर्ड ज़रूरी क़दम उठाएगा।

यह भी पढ़ें- ये दिग्गज अभिनेता! मरने से पहले कहा था ऐसा, सुन कर दंग रह जाएंगे

इसके साथ ही इंफ़ोसिस के चेरयमैन नंदन नीलेकणी ने ये भी बताया कि सीईओ और सीएफ़ओ को इन मामलों से अलग कर दिया गया है ताकि जांच की स्वतंत्रता को सुनिश्चित किया जा सके।

विवादों में घिरी रही है कंपनी...

पिछले दो साल में व्हिसलब्लोअर्स की कई शिकायतों की वजह से इंफ़ोसिस विवादों में घिरी रही है। बता दें कि इसकी वजह से विशाल सिक्का को सीईओ पद छोड़ना पड़ा था। कहा जा रहा है कि शिकायतकर्ता कंपनी के ही गुमनाम कर्मचारी हैं।



\
Harsh Pandey

Harsh Pandey

Next Story