जल जीवन मिशन: गोवा में जल सेवा आपूर्ति की होगी सेंसर आधारित निगरानी

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गोवा के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में 2021 तक ग्रामीण क्षेत्रों को 100 प्रतिशत कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध कराने की राज्य की योजना पर खुशी जाहिर की है।

Dharmendra kumar
Published on: 27 Jun 2020 3:58 PM GMT
जल जीवन मिशन: गोवा में जल सेवा आपूर्ति की होगी सेंसर आधारित निगरानी
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नई दिल्ली: केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गोवा के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में 2021 तक ग्रामीण क्षेत्रों को 100 प्रतिशत कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध कराने की राज्य की योजना पर खुशी जाहिर की है। बीते साल प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सुझाई गई गुणवत्ता वाले पेयजल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति की जाए, जो किफायती सेवा शुल्क पर नियमित रूप से और दीर्घकालिक आधार पर हो। इससे ग्रामीण समुदायों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।

जल शक्ति मंत्रालय भागीदारीपूर्ण ग्रामीण जल आपूर्ति रणनीति, जल सुरक्षा एवं जल आधारभूत ढांचे के निर्माण की योजना बनाने में सहयोग देने, उन्हें सशक्त बनाने और सुविधा प्रदान करने के लिए राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों के साथ मिलकर काम कर रहा है। सुरक्षित पेयजल तक पहुंच से निश्चित रूप से महिलाओं और बालिकाओं पर कड़ी मेहनत का बोझ कम होगा और ग्रामीण समुदायों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।

गोवा 2021 तक सभी ग्रामीण घरों के लिए 100 प्रतिशत एफएचटीसी सुनिश्चित करने की योजना बना रहा है। राज्य में 2.6 लाख घरों में से 2.29 लाख को पहले ही घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध कराए जा चुके हैं। सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता, गोवा की अध्यक्षता वाली एक बैठक में 2020-21 के लिए जेजेएम के कार्यान्वयन को वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत की गई, जिसमें मुख्य सचिव, गोवा ने 2021 तक 100 प्रतिशत नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया और ऐसा करके गोवा इस उपलब्धि को हासिल करने वाले शुरुआती कुछ राज्यों में से एक होगा तथा 100 प्रतिशत ‘हर घर जल’ राज्य बन जाएगा।

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केन्द्रीय मंत्री ने दोहराया कि केन्द्र सरकार जेजेएम के लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य सरकार को हर जरूरी सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। एफएचटीसी के लक्ष्य की तुलना में परिणाम के आधार पर भारत सरकार इस योजना के लिए कोष उपलब्ध कराती है और केन्द्र व राज्य की समान हिस्सेदारी में इसे उपयोग किया जाता है। मंत्री ने अपने पत्र के माध्यम से कहा कि पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध कराना सरकार के लिए एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है। 2020-21 में गोवा का कोष का आवंटन 3.08 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 12.40 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

केन्द्रीय मंत्री ने पत्र में भरोसा और उम्मीद जताई कि जेजेएम के शीघ्र कार्यान्वयन से ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों के लिए उनके घरों तक दीर्घकालिक आधार पर नियमित रूप से सुझाई गई गुणवत्ता के पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी; इस प्रकार ग्रामीण महिलाओं के लिए ‘जीवन सुगमता’ और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित होगा, जिसकी वे हकदार हैं। मंत्री ने अपने पत्र में राज्य को अगले 4-6 महीने के लिए एक ‘अभियान के रूप में’ काम करने और समाज के गरीब तथा वंचित तबकों के घरों में नल कनेक्शन देने की सलाह दी है। इस लक्ष्य को जल आपूर्ति योजना के तहत 378 गांवों तक आवश्यक ढांचे के निर्माण और विस्तार के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। इस योजना में जल की कमी वाले क्षेत्रों के शुष्क गांवों, पानी की गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, एससी/एसटी बहुल गांवों/बस्तियों और सांसद आदर्श ग्राम योजना के गांवों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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केन्द्रीय मंत्री ने आग्रह किया कि राज्य को स्रोत को मजबूत बनाने में कोषों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए मनरेगा, जेजेएम, एसबीएम (जी), पीआरआई के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान, जिला खनिज विकास कोष, सीएएमपीए, सीएसआर कोष, स्थानीय क्षेत्र विकास कोष आदि विभिन्न कार्यक्रमों को मिलाकर वर्तमान संसाधनों का उपयुक्त इस्तेमाल करना चाहिए।

वर्ष 2020-21 में गोवा को पंचायती राज संस्थानों के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान के रूप में 75 करोड़ रुपये मिलेंगे और इस कोष के 50 प्रतिशत हिस्से को अनिवार्य रूप से जल आपूर्ति एवं स्वच्छता पर व्यय करना होगा। एसबीएम (जी) के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई धनराशि को घरों से उत्सर्जित जल (ग्रे वाटर) के शोधन और पुनः उपयोग से संबंधित कार्य में इस्तेमाल किया जाना है।

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जल शक्ति मंत्रालय ने मुख्यमंत्री से सभी गांवों में दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए जल आपूर्ति योजनाओं की योजना बनाने, कार्यान्वयन, प्रबंधन, परिचालन, एवं रखरखाव में स्थानीय ग्रामीण समुदाय/ग्राम पंचायत या उप समिति/ उपयोगकर्ता समूहों को जोड़ने का अनुरोध किया है। जेजेएम को जनांदोलन बनाने के लिए सामुदायिक एकजुटता के साथ आईईसी अभियान की आवश्यकता होगी।

राज्य मुख्यालय से आधुनिक आदेश और नियंत्रण प्रणाली के साथ प्रत्येक गांव में जल आपूर्ति की निगरानी के लिए ‘सेंसर आधारित आईओटी’ समाधान शुरू करने को गोवा एक आदर्श राज्य है, जिससे रियल टाइम आधार पर जल आपूर्ति की मात्रा, गुणवत्ता और समय की निगरानी की जा सकती है।

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वर्तमान में जारी कोविड-19 महामारी के परिदृश्य को देखते हुए भी इस पत्र की अहमियत बढ़ गई है। यह जनता के व्यवहार में परिवर्तन लाने का एक समय है, जिससे उन्हें सामाजिक दूरी और उचित स्वच्छता के अभ्यास में सहायता मिल सके। जल जीवन मिशन से न सिर्फ जल संकट से राहत मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार देने में भी सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए केन्द्रीय मंत्री ने अपने पत्र में निकट भविष्य में मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेजेएम के कार्यान्वयन से सबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किए जाने के संकेत भी दिए हैं।

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