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राज्यपाल, कुलपति, प्रोफेसरों का लगा जमावड़ा: वेबीनार के जरिए पढ़ाया योग का पाठ

छठवें योग दिवस पर एक वेबीनार आयोजित की गई। इसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी सहित देश की कई यूनिवर्सिटी के कुलपति व प्रोफेसर शामिल हुए। पेश हैं उनके व्याख्यानों के अंश

Ashiki
Published on: 21 Jun 2020 2:28 PM GMT
राज्यपाल, कुलपति, प्रोफेसरों का लगा जमावड़ा: वेबीनार के जरिए पढ़ाया योग का पाठ
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झाँसी। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वैज्ञानिक तथा शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी एवं पेट्रोलियम और ऊर्जा जल विश्वविद्यालय, देहरादून के तत्वावधान में कोविड-19 के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने एवं इलाज में योग की भूमिका: चुनौतियां विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया।

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महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे मुख्य अतिथि

वेबीनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि भगत सिंह कोश्यारी, राज्यपाल महाराष्ट्र ने कहा कि योग प्राचीन काल से ही जीवन जीने की एक वैज्ञानिक तकनीक है। योग पतंजलि, स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामदेव, के द्वारा जन-जन तक पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि योग के साथ-साथ सात्विक भोजन को भी अपनाए जाने की आवश्यकता है। महामहिम ने योग के साथ ज्योतिष एवं आयुर्वेद को भी आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा इन पर अनुसंधान होना चाहिए और सभी विश्वविद्यालयों को आगे आकर आयुर्वेद को और अधिक विकसित करना चाहिए।

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बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने गिनाए योग के गुण

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे वी वैशंपायन ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि योग व्यक्ति को बाह्य शारीरिक मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ आंतरिक मानसिक अवसाद, तनाव, कुंठा को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। योग व्यक्ति को समाज एवं प्रकृति से जोड़े रखता है।

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इन्होंने भी योग को सराहा

विशिष्ट अतिथि लक्ष्मी नारायण बाला, चिंतक, विचारक एवं समाजसेवी ने प्राणायाम की सूक्ष्मता को कोविड-19 से तुलना करते हुए कहा कि यदि पूरे मनोयोग के साथ प्राणायाम किया जाए तो इस महामारी से निजात पाई जा सकती है और मन को भी शांत रखा जा सकता है। वहीं, दूसरे विशिष्ट अतिथि डॉ. अमित जैन, संपादक, चाणक्य वार्ता, नई दिल्ली ने कहा कि जीवन का सार ही योग है।

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इन्होंने दिया व्याख्यान

प्रथम तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. विनोद बब्बर, पूर्व प्राचार्य एवं संपादक, राष्ट्र किंकर, नई दिल्ली ने रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में योगाभ्यास की भूमिका का विस्तृत महत्व बताया। प्रोफेसर रामदेव भारद्वाज, कुलपति अटल बिहारी वाजपई हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल ने कोरोना वायरस और योग पर सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया।

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ये रहे शामिल

डॉ. रुद्र भंडारी, योग विज्ञान विभाग, पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार ने करोना का मुकाबला करने में सभी समाविष्ट उपचारों पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर एसपी सिंह, अकादमी निदेशक, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि योग का अर्थ एकीकरण है। योग मानव जीवन का मूल तत्व है। प्रोफेसर अविनाश कुमार अध्यक्ष वैज्ञानिकता एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली ने सबका धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर इंजीनियर शिव कुमार चौधरी, डॉक्टर संदीप वर्मा, डॉक्टर सुनील त्रिवेदी, प्रोफेसर कटियार, मोहित गुप्ता आदि उपस्थित रहे। संचालन संजय सिंह रावत ने किया।

रिपोर्ट: बी के कुशवाहा

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