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प्रवासियों पर हाईकोर्ट की सरकार को लताड़, कही ऐसी बात कि रो देंगे आप

कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का पैदल घर लौटना जारी है। रोजाना मीलों पैदल चलते हुए मजदूरों की तस्वीरें सामने आ रही हैं।

Ashiki
Published on: 16 May 2020 2:30 PM GMT
प्रवासियों पर हाईकोर्ट की सरकार को लताड़, कही ऐसी बात कि रो देंगे आप
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चेन्नई: कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का पैदल घर लौटना जारी है। रोजाना मीलों पैदल चलते हुए मजदूरों की तस्वीरें सामने आ रही हैं। राष्‍ट्रव्‍यापी लॉकडाउन ने इन मजदूरों के सामने बड़ी समस्‍या खड़ी कर दी है। इसकी वजह से रोजगार तो छिन ही गया है साथ ही पेट पालने की समस्‍या ने उनकी हालत दयनीय कर दी।

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कोर्ट ने मांगा जवाब

इस बीच मद्रास हाई कोर्ट ने मजदूरों की सुरक्षा और देखभाल पर ध्यान न देने को लेकर केंद्र और तमिलनाडु सरकार को लताड़ लगाई है। साथ ही कोर्ट ने सरकारों से पूछा कि प्रवासी मजदूरों की स्थिति ठीक करने के लिए उनके द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं।

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हाईकोर्ट ने कहा- 'मजदूरों को सुविधा देनी चाहिए थी'

हाईकोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की स्थिति दयनीय है... यह मानवीय त्रासदी के अलावा कुछ नहीं है। हाईकोर्ट ने स्थिति के मद्देनजर उठाए गए कदमों पर सरकार को घेरा और प्रवासी मजदूरों की समस्‍याओं का समाधान करने के लिए राज्‍यवार आंकड़ा देखने को कहा। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को पैदल घर वापस जाते देखकर दया आती है और इस दौरान कई मजदूरों ने जान भी गवां दी है। सभी राज्यों को इस दौरान प्रवासी मजदूरों को मानवीय सुविधा देनी चाहिए थी।

औरंगाबाद ट्रेन हादसा एक मानवीय त्रासदी है

औरंगाबाद ट्रेन हादसे का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि पिछले दिनों हादसे में 16 मजदूरों की दर्दनाक मौत जैसी घटनाओं ने सभी को झकझोर कर रख दिया। इन्‍हें देखकर शायद ही किसी का दिल ना पसीजा हो। आंसुओं को रोक पाना मुश्किल था। यह एक मानवीय त्रासदी है।

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कोर्ट की लताड़ के बाद तमिलनाडु सरकार ने प्रवासियों से कहा है कि वे शिविरों मे ही रहें। सरकार उनकी हर तरह से मदद करेगी। सरकार आपको वापस भेजने के लिए अन्‍य राज्‍यों के साथ समन्‍वय कर रही है। सरकार आपके ट्रेन का किराया और यात्रा का खर्च उठाएगी।

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