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शहीद का पत्नी को आखिरी काॅल, चिंता मत करना, पलानी की कहानी जान रो देंगे आप

लद्दाख में सोमवार की रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में हमारे देश के 20 जवान शहीद हो गए। इसमें से एक हैं तमिलनाडु के रामनाथपुरम निवासी के पलानी।

Shreya
Published on: 17 Jun 2020 5:04 AM GMT
शहीद का पत्नी को आखिरी काॅल, चिंता मत करना, पलानी की कहानी जान रो देंगे आप
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रामनाथपुरम: लद्दाख में सोमवार की रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में हमारे देश के 20 जवान शहीद हो गए। इसमें से एक हैं तमिलनाडु के रामनाथपुरम निवासी के पलानी। 40 वर्षीय जवान ने हमेशा देश को परिवार से पहले रखा। शायद तभी ना तो अपने बेटे के बर्थडे पर पर गए और ना ही अपने गृह प्रवेश में शामिल हुए।

नए घर को देखने का नहीं मिला मौका

आज यानी बुधवार को उनका नश्वर अवशेष उनके नए घर में लाया जाएगा। के पलानी ने बहुत ही मेहनत के साथ अपने नए घर को बनवाया था। लेकिन किसी को क्या पता था कि वो अपने घर में इस तरह प्रवेश करेंगे। वो गृह प्रवेश तो करेंगे, लेकिन अपने नए घर को देखने के लिए अब वह जीवित नहीं हैं।

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आखिरी बार एक जून को परिवार से हुई थी बात

के पलानी ने अपने पत्नी वानाथीदेवी से आखिरी बार एक जून को फोन पर बात की थी। उन्होंने अपनी पत्नी को बताया था कि हमें सीमा पर ले जाया जा रहा है, इसलिए अब तुमसे संपर्क नहीं हो पाएगा। चिंता ना करें। आखिरी बार कॉल पर दोनों ने लगभग चार मिनट तक बात की थी। दोनों के बीच की ये बातचीत आखिरी बार हुई थी। दोनों दिन बाद घर में के पलानी का जन्मदिन मनाया गया और उसी दिन नए घर का गृह प्रवेश भी हुआ।

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गृह प्रवेश में इस तरह हुए शामिल

पलानी के ससुर ने बताया कि गृह प्रवेश के दिन के पलानी ने उन्हें फोन किया था और गणपति होम के दौरान मंत्रों को सुना था। पलानी ने कहा कि भले ही वहां पर मौजूद नहीं हूं, लेकिन अपनी मौजूदगी का एहसास दिला रहा हूं।

भाई ने दी शहीद होने की खबर

के पलानी के शहीद होने की खबर उनके भाई इधायकानी ने मंगलवार को दी। परिवार को ये सूचना सुबह नौ बजे मिली। पलानी के शहीद होने की खबर सुनते ही परिवार को तगड़ा झटका लगा। पत्नी बेहोश हो गई। जबकि 10 वर्षीय बेटे प्रसन्ना और 8 साल की बेटी दिव्या को यह महसूस होने में कुछ वक्त लगा कि उनके पिता के साथ आखिर क्या हुआ।

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18 साल की उम्र में सेना में हुए थे भर्ती

किसान कालीमुथु के तीन बच्चों में के पलानी सबसे बड़े थे। पलानी 18 साल की उम्र में सेना में भर्ती हुए थे। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के चलते पलानी दसवीं के बाद अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके। वह सेना में हवलदार हो गए। सेवा में रहते हुए ही पलानी ने दूरस्थ शिक्षा के जरिए बीए की डिग्री प्राप्त की। वहीं पलानी की पत्नी एक निजी कॉलेज में क्लर्क हैं।

घर बनवाना था सपना

पलानी ने छह महीने पहले अपने गांव आए थे और तभी अपना घर बनाने के लिए आधारशिला रखी थी। घर बनाना के पलानी का सपना था। उनके एक दोस्त ने बताया कि अपना घर बनवाने के लिए उन्होंने बैंक से लोन लिया था। डाउन पेमेंट ना होने के चलते, उन्होंने पत्नी के गहने गिरवी रखे थे। पलानी इसी साल सेना से रिटायरमेंट लेना चाहते थे। जिससे वो लोन की कीमत चुका सकें और पत्नी के गिरवी रखे जेवर छुड़ा सकें। लेकिन ऐसा होने से पहले ही वो शहीद हो गए।

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