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आया मानसून: बस 72 घंटे का इंतजार, फिर होगी झमाझम बारिश

मानसून का इंतजार बस अब खत्म ही होने वाला हाै। देश में 1 जून तक मानसून की पहली बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। आईएमडी ने पहले आशा जताई थी कि मानसून 6 जून को पहुंचेगा, लेकिन साइक्लोन के बाद से कुछ जगहों पर दबाव कम होने की वजह से यह जल्दी पहुंच रहा है।

Vidushi Mishra
Published on: 28 May 2020 1:07 PM GMT
आया मानसून: बस 72 घंटे का इंतजार, फिर होगी झमाझम बारिश
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नई दिल्ली। मानसून का इंतजार बस अब खत्म ही होने वाला हाै। देश में 1 जून तक मानसून की पहली बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। मानसून लवर्स के लिए तो ये बड़ी ही खुशी की खबर होगी, लेकिन इस बार मानसून से किसानों को भी भरपूर फायदा होगा। 1 जून तक मानसून के दक्षिणी तट के जरिए भारत में प्रवेश करने का अंदेशा लगाया जा रहा है। ऐसे में गुरूवार को मौसम विभाग ने कहा कि 4 महीने पड़ने वाली बारिश भारत के लिए बहुत जरूरी है। वैसे भी हमारा देश की कृषि प्रधान देश यानी अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है।

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पहली बारिश केरल में 1 जून को

मौसम के बारे में बताते हुए भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक बयान में बताया कि 'मानसून की शुरुआत के लिए मौसम की स्थिति 1 जून, 2020 से अनुकूल होने की संभावना है। पहली बारिश केरल में 1 जून को आ सकती है।'

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पहले आशा जताई थी कि मानसून 6 जून को पहुंचेगा, लेकिन साइक्लोन के बाद से कुछ जगहों पर दबाव कम होने की वजह से यह जल्दी पहुंच रहा है।

देश के करीब आधे से ज्यादा खेत बिना किसी सिंचाई के चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों को उगाने के लिए वार्षिक जून-सितंबर की बारिश पर निर्भर करते हैं।

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किसानों के लिए खुशी की खबर

मौसम विभाग ने बीते महीने बताया था कि भारत में इस साल औसत मानसून बारिश होने की संभावना है, जिससे उच्च कृषि उत्पादन की उम्मीदें बढ़ जाती हैं। जोकि किसानों के लिए खुशी की खबर है।

बता दें, भारतीय अर्थव्यवस्था, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से बुरी स्थिति प्रभावित हो रही है।

इसके साथ ही पश्चिम-मध्य और दक्षिण पश्चिम अरब सागर के ऊपर साइक्लोन के प्रभाव के चलते पश्चिम मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव वाला क्षेत्र बन गया है।

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अपने सबसे करीब तट पर पहुंच जाएं

आशंका जताई जा रही है कि आने वाले 72 घंटों में ये उत्तर पश्चिम से दक्षिण ओमान और पूर्वी यमन तट की ओर बढ़ेगा।

भारतीय मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए केरल सरकार ने अरब सागर में मछली मारने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं जो मछुआरे पहले से ही समुद्र में मछली मारने के लिए उतरे हैं, उन्हें भी आज रात तक वापस आने के लिए संदेश भेज दिया गया है।

इसके साथ ही जो लोग केरल तट पर नहीं पहुंच सकते हैं, उनसे सख्ती से कहा गया है कि वे जितनी जल्दी हो सके अपने सबसे करीब तट पर पहुंच जाएं।

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