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राष्ट्रीय मतदाता दिवसः तैयार हो जाएं Hello Voters, e-Epic का मिलने जा रहा तोहफा
निर्वाचन आयोग ई-इपिक की सुविधा एक तोहफे के रूप में प्रदान कर रहा है जिसके माध्यम से घर बैठे फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र हासिल हो जाएगा।
रामकृष्ण वाजपेयी
25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाएगा। राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2021 की थीम - "सभी मतदाता बनें: सशक्त, सतर्क, सुरक्षित एवं जागरूक" रखी गई है। अनुमान है कि इस दिन तक देश में एक करोड़ 46 लाख डिजिटल वोटर कार्डधारक हो जाएंगे वैसे तो मतदाताओं की संख्या 90 करोड़ लोकसभा चुनाव 2019 में ही पार हो गई थी लेकिन चुनाव आयोग अब सभी को डिजिटल करने की तैयारी कर रहा है।
25 जनवरी को मतदाताओं का वेब रेडियो शुरु
निर्वाचन आयोग इस बार 25 जनवरी को मतदाताओं के लिए वेब रेडियो शुरु करने जा रहा है, मतदाता इसे अपने मोबाइल में भी डाउनलोड कर सकेंगे और आयोग की वेबसाइट से भी सुन सकेंगे।
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चुनाव आयोग द्वारा शुरू किये जाने वाले इस वेब रेडियो की टैग लाइन होगी ''हेलो वोटर्स'', इस रेडियो के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों से संबंधित जानकारियां पायी जा सकती हैं।
मतदाताओं को जागरूक किया जाएगाः
अभी तक मतदाताओं को समाचार पत्रों और सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से जागरूक किया जाता था, लेकिन अब वेब रेडियो तमाम जरूरी सूचनाएं देगा। 25 जनवरी से इस वेब रेडियो पर तीन ब्रांड एंबेसडरों अपूर्वी चंदेला, देवेंद्र झाझड़िया, रजत चौहान के संदेश सुनाई देने शुरू हो जाएंगे।
25 जनवरी को मतदाता दिवस के अवसर पर आयोग ई-लिपिक भी लांच कर रहा है। इसके लांच होने के साथ ही मतदाता फोटो पहचान पत्र (इपिक) हासिल करने के लिए भाग दौड़ से छुटकारा भी मिल जाएगा।
e-Epic की मिलेगी सुविधा
निर्वाचन आयोग ई-इपिक की सुविधा एक तोहफे के रूप में प्रदान कर रहा है जिसके माध्यम से घर बैठे फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र हासिल हो जाएगा। मतदाता अब कहीं से भी ऑनलाइन वोटर आई-कार्ड डाउनलोड कर उसका उपयोग कर सकेंगे।
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ई-ईपिक का सोशल मीडिया यथा-फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब आदि प्लेटफॉर्म पर भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि सभी को जानकारी हो सके। साथ ही फ्लेक्स, बैनर, पोस्टर, ध्वनि विस्तारक यंत्र आदि का भी प्रचार में उपयोग होगा।
डिजिटल वोटर कार्ड की नयी सुविधा
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी के अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा डिजिटल वोटर कार्ड की नयी सुविधा शुरू कर रहा है जिस में दो क्यूआर कोड होंगे। एक में मतदाता का फोटो और आबादी से संबंधित जानकारियां होगी ,तो दूसरे में डायनेमिक डाटा होगा।
मतदाताओं को ई-ईपिक डाउनलोड करने के लिए वोटर पोर्टल पर लॉगिन करना होगा। यह कार्ड मतदाताओं को पीडीएफ फॉर्मेट में मिलेगा। मतदाता इसे कंप्यूटर या मोबाइल से भी डाउनलोड कर सकेंगे।
आई कार्ड के लिए चलाया जा रहा अभियान
डिजिटल वोटर आई कार्ड के लिए चलाया जा रहा अभियान दो फेज में चलेगा। पहले फेज में 25 से 31 जनवरी तक के वैसे नए मतदाता जिन्होंने विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान के दौरान अपना नाम जुड़वाया है वह अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के माध्यम से ई-इपिक कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। वहीं 1 फरवरी के बाद से यह सभी मतदाताओं के लिए शुरू हो जाएगा। ई-इपिक कार्ड के लिए मतदाताओं को अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर देना होगा। वहीं जिन मतदाताओं का मोबाइल नंबर नहीं जुड़ा हुआ है। वे पोर्टल के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
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वैसे देखा जाए तो वोटर आईडी कार्ड 27 साल पहले अस्तित्व में आया था। इस चुनाव आयोग की मतदाता सूची में शामिल वैध मतदाताओं को पहचान देने के लिए लागू किया गया था। सबसे पहले 1993 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने इसे लागू कराया था, जिससे चुनावी धांधली को रोकने में बहुत अधिक मदद मिली।
वोटर आईडी कार्ड में कई बदलाव
बाद के सालों में वोटर आईडी कार्ड में कई तरह के बदलाव हुए। यह ब्लैक एंड व्हाइट से कलर और कागज से अब यह प्लास्टिक कार्ड में शिफ्ट हो चुका है। वोटर आईडी कार्ड को देश में पहचान और पते के पक्के सबूत के तौर पर मान्यता मिली हुई है।
सबसे बड़ी बात ये है किसी मतदाता के मतदाता पहचान पत्र में बहुत सारे सुधार हो सकते हैं लेकिन उसका नंबर कभी नहीं बदल सकता। मतदाता पहचान पत्र में अंकित नंबर को ही EPIC (Election photo identity card) नंबर कहते हैं।
18 की उम्र के हर नागरिक को वोट देने का अधिकार
इसे ऑनलाइन भी देखा जा सकता है। देश मे 18 की उम्र के हर नागरिक को वोट देने का अधिकार है। 18 साल की उम्र पूरी होते ही आप को निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार मिल जाता है। चुनाव आयोग नए वोटरों के नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए बाकायदा अभियान चलाता है। इसलिए लोकतंत्र में वोट देकर सरकार चुनने का जो सबसे बड़ा अधिकार मिला है इसका सदुपयोग करना चाहिए।
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यह मतदाता पहचान पत्र फोटो, नाम और पते के आधार पर आपकी पहचान प्रमाणित करता है। पहली बात तो ये है कि ये कार्ड बहुत सम्हाल कर रखने की चीज है लेकिन अगर कभी खो जाए तो अपना इपिक नंबर यानी मतदाता फोटो पहचान पत्र में दिये नंबर को बताकर आप दूसरा कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए आपको अपने शहर के कचहरी जाना पड़ेगा।
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