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सड़कों पर नेपाल की जनताः चीन की चालों का विरोध, जमकर हुई नारेबाजी

चीन द्वारा नेपाल की जमीन पर कब्जा करके भवन बनाए जाने के खिलाफ बुधवार को राजधानी काठमांडू में विरोध प्रदर्शन किया गया। युवाओं ने जमीन हड़पने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 

Shreya
Published on: 23 Sept 2020 2:49 PM IST
सड़कों पर नेपाल की जनताः चीन की चालों का विरोध, जमकर हुई नारेबाजी
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नेपाल में चीन के खिलाफ हुआ प्रदर्शन, युवाओं ने की जमकर नारेबाजी

नई दिल्ली: चीन ने अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल में विस्तारवादी नीति शुरू कर दी है। पहले तो उसने अपने मित्र देश पाकिस्तान के कई इलाकों में अपने प्रोजेक्ट शुरू कर वहां की जमीन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने नेपाल में भी अपने पांव जमाना शुरू कर दिया है। वहीं चीन द्वारा नेपाल की जमीन पर कब्जा करके भवन बनाए जाने के खिलाफ बुधवार को राजधानी काठमांडू में विरोध प्रदर्शन किया गया।

जमीन हड़पने के खिलाफ किया गया विरोध प्रदर्शन

काठमांडू स्थित चीनी दूतावास के बाहर युवाओं ने जमीन हड़पने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आपको बता दें कि नेपाल के हुम्ला जिले में सीमा स्तम्भ से दो किलोमीटर अंदर चीन के सैनिकों ने नेपाल की जमीन कब्जा करके नौ भवनों का निर्माण किया है। केवल यहीं नहीं अब चीनी सैनिकों ने वहां पर नेपाल के नागरिकों का आना जाना ही बंद कर दिया है।

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चीन ने कहा चीनी भूभाग में बनाई है इमारत

इस खबर के पता चलने के बाद नेपाल सरकार ने सभी सुरक्षा निकाय और प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी के लिए ग्राउंड पर भेजा था। चीन का दावा है कि उसने चीन के ही भूभाग में वो इमारतें बनाई हैं। जबकि नेपाली पक्ष का दावा है कि 11 नम्बर की सीमा स्तम्भ ही गायब कर दी गई है और ड्रैगन ने भूमि अतिक्रमण करते हुए इन भवनों को बनाया है।

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nepal Agression चीन ने नेपाल से बात करने से किया मना (फोटो- सोशल मीडिया)

चीन ने नेपाल से बात करने से किया मना

वहीं जब नेपाली के अधिकारी वहां पहुंचे तो चीन ने उस जगह पर बात करने से ही मना कर दिया। चीनी सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सीमा संबंधी कोई भी बात केवल सीमा क्षेत्र में ही होगी। इसके अलावा चीनी दूतावास ने एक बयान जारी करते हुए चीन की ओर से नेपाल की भूमि अतिक्रमण कर इमारत बनाए जाने की खबर को खारिज कर दिया गया। दूतावास ने कहा कि अगर नेपाल के पास सबूत है तो चीन बातचीत करने के लिए तैयार है।

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इससे पहले भी हो चुके हैं चीन के खिलाफ प्रदर्शन

बता दें कि चीन के खिलाफ नेपाल में इससे पहले भी कई प्रदर्शन हो चुके हैं। इससे पहले जब चीनी राजदूत होउ यान्की का नेपाल की आंतरिक राजनीति में दखल बढ़ा तो इसे लेकर भी नेपाल में छात्रों ने प्रदर्शन किया था। विश्लेषकों का कहना है कि पिछले पांच-छह सालों में नेपाल की आंतरिक राजनीति में चीन का दखल काफी बढ़ा है।

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