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कमलेश मर्डर-पाकिस्तानी कनेक्शन! ये रहा सबूत, अब जांच शुरू
इस मामले में पुलिस व अन्य आला अधिकारी ने एक महिला से भी पूछताछ की। इस संदिग्ध महिला से एडीजी के कार्यालय में शनिवार देर रात आईजी, एसएसपी और डीजीपी ने पूछताछ की। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे के जरिये कुछ संदिग्ध चयनित किए और फिर उनकी गिरफ्तारी कर उनसे पूछताछ की गयी।
लखनऊ: हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के हत्याकांड में अब एक नया मोड आया है। इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी रशीद पठान का अब पाकिस्तानी संबंध सामने आया है। जानकारी के अनुसार, जिस कंपनी में दुबई में रशीद काम करता थाम उस कंपनी का मालिक पाकिस्तानी है। जब ये बात सामने आई कि आरोपी रशीद पठान का कोई पाकिस्तान कनेक्शन है, तो अब एटीएस इसकी जांच में भी जुट गयी है।
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कमलेश तिवारी हत्याकांड में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीन अन्य हिरासत में हैं। लखनऊ के नाका में हुए इस मर्डर के बाद अब फरार आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस ने 10 टीमें गठित की हैं। इसमें तीन टीमें जनपद के बाहर हत्यारोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। वहीं, घटना स्थल के आस-पास मौजूद करीब 25 सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने खंगाला है, जिससे अहम सुराग हाथ लगे हैं।
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एसएसपी कलानिधी नैथानी का कहना है कि फरार हत्यारोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा। एसएसपी ने बताया कि, हत्याकांड को अंजाम देने वाले फरार आरोपियों की तलाश जारी है। इसके लिए 10 टीमें गठित की गई हैं, जिसमें से तीन टीमें जनपद से बाहर काम कर रहीं हैं, जबकि सात टीमें जनपद के अंदर ही हत्यारों की तलाश में जुटी हैं। वहीं, गुजरात कनेक्शन मिलने के बाद वहां पर एसपी क्राइम, सीओ हजरतगंज और सीओ गाजीपुर के नेतृत्व में बाहर भेजी गयी हैं।
क्या बोले सीएम योगी?
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने शनिवार को कहा कि, ‘जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था। आगे उन्होंने कहा कि सुनियोजित ढंग से वारदात को अंजाम दिया गया है। हत्या से जुड़े किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही सीएम योगी आज कमलेश तिवारी के परिवार वालों से भी मिलेगें।’
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनाया सख्त रूप
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान सख्त रूप दिखाया है। उन्होंने इस मर्डर केस की जांच एनआईए से कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि एसआईटी (एसआईटी) एनआईए को इसमें मदद करेगी। वहीं, इस मामले में यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने भी शुक्रवार को लखनऊ में प्रेस कॉंन्फ्रेंस कर हत्या से जुड़ी पूरी वारदात को मीडिया से साझा किया।
यूपी डीजीपी ने दिया बयान
डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बताया है कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और हत्या के तार गुजरात के सूरत से जुड़े हैं। डीजीपी ने कहा कि 24 घंटे के अंदर हत्या के मामले को सुलझाया है। डीजीपी की प्रेस कांफ्रेस के बाद गुजरात के डीआईजी ने कहा कि हिरासत में लिए गए तीनों आरोपियों ने गुनाह कबूल कर लिया।
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इससे पहले डीजीपी ने कहा कि कमलेश की हत्या की साजिश 2015 में ही रची गई थी। कमलेश तिवारी की हत्या उनके 2015 में दिए गए उनके भड़काऊ भाषण की वजह से हुई है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपी कमलेश तिवारी के बयान से नाराज थे। यूपी पुलिस की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। डीजीपी ने कमलेश को सुरक्षा देने के मामले में कहा कि उनको गनर मिला हुआ था।
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बता दें कि हिंदूवाती नेता कमलेश तिवारी ने 2015 में पैंगबर मोहम्मद को लेकर विवादित बयान दिया था जिसके बाद काफी हंगामा मचा था। डीजीपी ने कहा कि रशीद अहमद पठान 21 साल का है और उसको कम्प्यूटर का एक्सपर्ट है, लेकिन वह दर्जी का काम करता है। तो वहीं दूसरे आरोपी का नाम मौलाना मोहसिन शेख है जिसकी उम्र 24 साल है और यह साड़ी की दुकान पर काम करता है।
संदिग्ध महिला से हुई पूछताछ
मालूम हो, इस मामले में पुलिस व अन्य आला अधिकारी ने एक महिला से भी पूछताछ की। इस संदिग्ध महिला से एडीजी के कार्यालय में शनिवार देर रात आईजी, एसएसपी और डीजीपी ने पूछताछ की। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे के जरिये कुछ संदिग्ध चयनित किए और फिर उनकी गिरफ्तारी कर उनसे पूछताछ की गयी। इसमें से मौलाना शेख सलीम, फैजान और राशिद पठान ने अपना जुर्म कबूल किया। वहीं, कमलेश तिवारी का अंतिम संस्कार शनिवार को किया गया।