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PM मोदी बोले- भारत की सफलता, तरक्की निश्चित, आत्मनिर्भर बन सकते हैं हम

चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की है।

Dharmendra kumar
Published on: 18 Jun 2020 11:31 AM IST
PM मोदी बोले- भारत की सफलता, तरक्की निश्चित, आत्मनिर्भर बन सकते हैं हम
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नई दिल्ली: चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश और विदेश से इस इवेंट में हिस्सा ले रहे सभी साथियों का बहुत-बहुत स्वागत है। इतने Challenging Time में इस तरह के इवेंट का होना, आप सभी का उसमें शामिल होना, अपने आप में एक बड़ा संदेश लिए हुए है। उन्होंने कहा कि भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे भी बढ़ेगा। भारत इस बड़ी आपदा को अवसर में बदलेगा। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत- Self Reliant होने का सबक दिया है।



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पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत यानि भारत Import पर अपनी निर्भरता कम करेगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत Import पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत को Import न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करेगा। आज Energy Sector में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, Self Reliant बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है।



पीएम मोदी ने कहा कि महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो Agriculture Sector में हो, चाहे MSMEs के सेक्टर में हो या फिर अब Coal और Mining के Sector में हो, तेज़ी से ज़मीन पर उतर रहे हैं। ये दिखाता है कि भारत इस Crisis को Opportunity में बदलने के लिए कितना गंभीर है, कितना Committed है। आज हम सिर्फ Commercial Coal Mining के लिए Auction ही Launch नहीं कर रहे हैं, बल्कि Coal Sector को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं।



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उन्होंने कहा कि जो देश Coal Reserve के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Producer हो, वो देश Coal का Export नहीं करता बल्कि वो देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Coal Importer हैं। हमारे यहां दशकों से यही स्थिति चल रही थी। देश के Coal Sector को Captive और Non-captive के जाल में उलझाकर रखा गया था। इसको Competition से बाहर रखा गया था, Transparency की एक बहुत बड़ी समस्या थी।



प्रधानमंजत्री ने कहा कि साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए। जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया। ऐसे कदमों के कारण Coal Sector को मजबूती भी मिली। अब भारत ने Coal और Mining के सेक्टर को competition के लिए, capital के लिए, Participation और Technology के लिए, पूरी तरह से खोलने का बहुत बड़ा फैसला लिया है।



उन्होंने कहा कि एक मजबूत माइनिंग और मिनरल सेक्टर के बिना Self Reliance संभव नहीं है। क्योंकि Minerals और Mining हमारी Economy के Important Pillars हैं। इन रिफॉर्म्स के बाद अब Coal Production, पूरा Coal Sector भी एक प्रकार से आत्मनिर्भर हो पाएगा। जब हम Coal Production बढ़ाते हैं तो Power Generation बढ़ने के साथ ही Steel, Aluminum, फर्टिलाइजर, सीमेंट जैसे तमाम दूसरे सेक्टर्स में Production और Processing पर भी Positive Impact होता है।



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उन्होंने कहा कि Commercial Coal Mining के लिए आज जो ये Auction की शुरुआत हो रही है वो हर Stakeholders के लिए Win-win Situation है। इंडस्ट्रीज को, आपको, अपने बिजनेस, अपने investment के लिए अब नए Resources मिलेंगे, नया मार्केट मिलेगा। Coal Reforms करते समय इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि Environment की रक्षा का भारत का कमिटमेंट कहीं से भी कमजोर न पड़े। Coal से Gas बनाने के लिए अब बेहतर और आधुनिक टेक्नॉलॉजी आ पाएगी, कोल गैसीफिकेशन जैसे कदमों से Environment की भी रक्षा होगी।



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उन्होंने कहा कि हमने लक्ष्य रखा है कि साल 2030 तक करीब 100 मिलियन टन Coal को Gasify किया जाए। मुझे बताया गया है कि इसके लिए 4 प्रोजेक्ट्स की पहचान हो चुकी है और इन पर करीब-करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए Invest किए जाएंगे। Coal Sector से जुड़े ये रिफॉर्म्स Eastern और Central India को, हमारी Tribal Belt को, Development का Pillar बनाने का भी बहुत बड़ा ज़रिया है।

पीएम ने कहा कि देश में 16 Aspirational Districts ऐसे हैं, जहां कोयले के बड़े-बड़े भंडार हैं। लेकिन इनका लाभ वहां के लोगों को उतना नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। यहां से बड़ी संख्या में हमारे साथी दूर, बड़े शहरों में Employment के लिए Migration करते हैं।



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Dharmendra kumar

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