नागरिकता कानून: बंगाल से लेकर दिल्ली तक हिंसा, जानिए पूरे देश का हाल

नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया है। देश के उत्तर पूर्व से लेकर दक्षिण तक लोग इस कानून के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 16 Dec 2019 4:39 AM GMT
नागरिकता कानून: बंगाल से लेकर दिल्ली तक हिंसा, जानिए पूरे देश का हाल
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया है। देश के उत्तर पूर्व से लेकर दक्षिण तक लोग इस कानून के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार से इस कानून को बदलने की मांग कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र भी इस कानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दक्षिण दिल्ली में रविवार शाम प्रदर्शन ने हिंसा का रूप और जबरदस्त हिंसा हुई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई के दौरान जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के 50 छात्रों को हिरासत मे ले लिया। छात्रों को हिरासत में लेने और जामिया कैंपस में कार्रवाई के बाद छात्र पुलिस मुख्यालय पर धरने पर बैठ गए।

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बवाल बढ़ता देख पुलिस ने हिरासत में लिए छात्रों को रिहा कर दिया। छात्रों की रिहाई के बाद पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन खत्म हो गया और सभी छात्र धीरे-धीरे यहां चले गए। जामिया कैंपस में हिंसा को भारी तनाव है। कांग्रेस ने आधी रात को प्रेस कांफ्रेंस कर छात्रों की पिटाई की निंदा की और सरकार को घेरा। कांग्रेस ने पूछा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री क्यों चुप हैं?

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया हिंसा मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज हो गई है। ये शिकायत पुलिस के खिलाफ दर्ज कराई गई है।

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जामिया कैंपस में पुलिस की कार्रवाई का असर अब देश के दूसरी यूनिवर्सिटी में भी दिख रहा है। हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने परीक्षा को बायकॉट करने की घोषणा की है। तो वहीं पुड्डुचेरी यूनिवर्सिटी में छात्रों ने क्लास बायकॉट करने का ऐलान किया है।

तो वहीं जामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस को छात्र अब छोड़-छोड़ कर जा रहे हैं। बता दें कि रविवार को दिल्ली पुलिस जामिया कैंपस में घुस गई थी, पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया। बता दें कि प्रदर्शन को देखते हुए जामिया प्रशासन की तरफ से 5 जनवरी तक छुट्टी का भी ऐलान किया गया है।

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प्रदर्शन के बाद राजधानी दिल्ली में कई स्कूलों को बंद किया गया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में साउथ ईस्ट जिले में ओखला, जामिया, न्यू फ्रैंड्स कालोनी, मदनपुर खादर क्षेत्र के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे। दिल्ली में रविवार को प्रदर्शन के कारण कई मेट्रो स्टेशन बंद किए गए थे, अब सोमवार सुबह सभी को खोल दिया गया है।

इस कानून को लेकर सबसे पहले नाॅर्थ ईस्ट के महत्वपूर्ण राज्यों में असम में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ जिसके बाद यह बंगाल से लेकर राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है।

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जामिया के छात्रों का प्रदर्शन हिंसक हो उठा और यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ के अलावा प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों में भी आग लगा दी। आग बुझाने के लिए दमकल की 4 गाड़ियां मौके पर पहुंची थीं। बसों में लगी आग बुझाने के दौरान ही प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों पर हमला कर दिया, जिसमें एक फायरमैन को काफी चोटें भी आई हैं।

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी हजारों लोग इकट्ठा हो गए हैं और कानून का विरोध किया। प्रदर्शनकारी इस कानून को देश तोड़ने वाला और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बता रहे हैं।

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हिंसक प्रदर्शनों की चिंगारी उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है। यूपी के 6 जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध के साथ ही धारा 144 लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश वासियों से शांति और सौहार्द की अपील की है।

पश्चिम बंगाल के कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने उत्पात मचाया है। ट्रेनों, स्टेशनों और बसों में आग लगा दी। रविवार को भी राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों को अवरुद्ध करने के लिए उन पर पेड़ काटकर गिराए और टायरों में आग लगाई। प्रदर्शन के चलते पूरी रेल सेवा बाधित हो गई है।

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दक्षिण-पूर्वी रेलवे के हावड़ा-खड़गपुर खंड पर ईएमयू लोकल ट्रेन सेवा 10 घंटे अवरुद्ध रहने के बाद शनिवार शाम बहाल हुई। पूर्वी रेलवे ने रविवार को चलने वालीं 9 एक्सप्रेस और चार लंबी दूरी की ट्रेनें रद्द कर दीं।

बता दें कि नागरिकता कानून के तहत मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न के कारण भाग कर भारत आए हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

Dharmendra kumar

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