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बारिश से मचेगी तबाही: 16 राज्यों में भयंकर खतरा, अब आ रही ये आफत
बीते साल की अपेक्षा देश के सारे जल-बांधों और जलाशयों में बहुत अधिक पानी भरा हुआ है। ऐसे में मानसून भी दस्तक दे चुका है। मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार भी मॉनसून में सामान्य स्तर की बारिश होगी।
नई दिल्ली। बीते साल की अपेक्षा देश के सारे जल-बांधों और जलाशयों में बहुत अधिक पानी भरा हुआ है। ऐसे में मानसून भी दस्तक दे चुका है। मौसम विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार भी मॉनसून में सामान्य स्तर की बारिश होगी। इन हालातोंं में बांधों में भरा पानी कहां जाएगा? अगर बांध नहीं खोले गए और अगर खोल भी दिए गए तो भी हर स्थिति में बाढ़ का संभावना है। चलिए आपको बताते हैं कि देश के 16 राज्यों में इन्हीं तरह की परिस्थितियां है, उनका आखिरकार क्या होगा।
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केंद्रीय जल आयोग के 11 जून के बुलेटिन के मुताबिक, देश के 123 जलाशय (बांध) बीते साल के इसी समय की अपेक्षा में 173 प्रतिशत अधिक भरे हुए हैं।
बता दें, इन 123 जलाशयों में अभी 54.636 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी है। जबकि बीते साल इसी समय इन जलाशयों या बांधों में 31.572 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरा हुआ था।
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ऐसे में इस बार बारिश अगर ज्यादा हुई तो बांधों में और पानी भर जाएगा। इसके बाद अलग-अलग राज्य सरकारों और प्रशासन को मजबूरी के चलते बांधों के दरवाजों को खोलना पड़ेगा। जिससे बांध के आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है।
बता दें, हर साल बाढ़ से यूपी, बिहार, असम, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित कई राज्य परेशान होते हैं। बीते साल की बात करें तो कर्नाटक-महाराष्ट्र और साल 2018 में केरल में आई बाढ़ सबसे ताजा उदाहरण हैं ये बाढ़ बांधों की वजह से आई थी।
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इन क्षेत्रों के ये हैं हालात
इसके साथ ही देश के उत्तरी क्षेत्र के बांधों और जलाशयों में 11 जून 2020 तक औसत स्टोरेज 39 प्रतिशत है, इनमें 8 जलाशय सीडब्ल्यूसी के तहत आते हैं।
साथ ही पूर्वी क्षेत्र के बांधों और जलाशयों में 28 प्रतिशत पानी भरा है। इन राज्यों के 18 जलाशय सीडब्ल्यूसी के तहत आते हैं।
पश्चिमी क्षेत्र की बात करें तो बांधों में 35 प्रतिशत पानी भरा हुआ है। पश्चिमी क्षेत्र में आने वाले राज्य गुजरात और महाराष्ट्र के 42 जलाशय सीडब्ल्यूसी के तहत आते हैं।
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मध्य क्षेत्र की बात करें तो बांधों में 38 प्रतिशत पानी जमा हुआ है। इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आते हैं। इन राज्यों के 19 जलाशय सीडब्ल्यूसी के तहत आते हैं।
दक्षिणी क्षेत्र की बात करें तो बांधों में 24 प्रतिशत पानी है। इस रीजन में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु आते हैं। इन राज्यों के 36 जलाशय सीडब्ल्यूसी के तहत आते हैं।
इसके साथ ही सीडब्ल्यूसी ने अपने बुलेटिन में बताया है कि गंगा, सिंधु, नर्मदा, तापी, माही, साबरमती, कच्छ की नदियों, गोदावरी, कृष्णा, महानदी, कावेरी में बीते साल की अपेक्षा में सामान्य जलस्तर है। बारिश होने पर इनका भराव और ज्यादा बढ़ जाएगा।
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