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राम मंदिर विवाद: SC में तीखी बहस, मुस्लिम पक्ष के वकील ने फाड़ा नक्शा
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर विवाद पर आखिरी दिन की सुनवाई हो रही है है। बधवार सुनवाई की शुरुआत से ही देश की सर्वोच्च अदालत में तीखी बहस हो रही है। कोर्ट में जब हिंदू महासभा ने दलील रखनी शुरू की तो बहस छिड़ गई।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर विवाद पर आखिरी दिन की सुनवाई हो रही है है। सुनवाई की शुरुआत से ही देश की सर्वोच्च अदालत में तीखी बहस हो रही है। कोर्ट में जब हिंदू महासभा ने दलील रखनी शुरू की तो बहस छिड़ गई।
हिंदू महासभा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में किताब रखी इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताई। इसी दौरान उन्होंने अदालत में एक नक्शा भी फाड़ दिया।
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हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एक किताब रखने की कोशिश की तो मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कड़ी आपत्ति जताई और उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह इनके सवालों का जवाब नहीं देंगे। इसपर चीफ जस्टिस रंजन गगोई ने कहा कि ठीक है, आप जवाब मत देना।
दरअसल, हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल की किताब बेंच को दी थी।
बता दें कि गुजरात कैडर और 1972 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल ने अपनी लिखी किताब 'अयोध्या रीविजिटेड' में दावा किया है कि अयोध्या के मंदिरों को बाबर ने नहीं बल्कि औरंगजेब ने तोड़वाये थे। कुणाल का दावा है कि बाबर कभी अयोध्या नहीं आया था।
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अयोध्या में राम मंदिर बाबर के शासनकाल के दौरान नहीं, बल्कि औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ा गया था। उन्होंने बताया है कि संस्कृत, अंग्रेजी और फ्रेंच विद्वानों ने भी अपनी पुस्तक में लिखा है कि अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर मौजूद था।
राजीव धवन की आपत्ति पर विकास सिंह ने कहा कि मैं किताब पर अपना जवाब नहीं दे रहा हूं, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक एक नक्शा दिखाना चाहता हूं।
हालांकि, राजीव धवन ने इसपर भी ऐतराज जताया और कहा कि ये भी किताब का हिस्सा है, इसे मंजूरी नहीं दी जा सकती। इतना कहते ही राजीव धवन ने उस नक्शे को फाड़ दिया और उसके पांच टुकड़े कर डाले। हिंदू महासभा के वकील ने इस दौरान बुकनन और थ्रेलर की किताबों का भी हवाला दिया।
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इसके बाद राजीव धवन क्रोधित हो गए और गुस्से में कहा कि आपने कोर्ट का मजाक बना दिया है। इसके जवाब में विकास सिंह ने भी कहा कि मजाक तो आप बना रहे हैं।
इसके अलावा विकास सिंह ने ऑक्सफोर्ड की किताब का हवाला दिया और जन्मस्थान की पुष्टि की। विकास सिंह ने कहा कि बाबर उदार था, लेकिन औरंगजेब कट्टर शासक था। बाबरनामा में ऐसी किसी बात का जिक्र नहीं है।
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नाराज हुए चीफ जस्टिस
वकीलों की तीखी बहस देख चीफ जस्टिस रंजन गगोई नाराज हो गए। चीफ जस्टिस ने सुनवाई के बीच कहा कि हमारी तरफ से दोनों ओर की बहस पूरी हो चुकी है। हम सिर्फ इस इसलिए सुन रहे हैं कि कोई कुछ कहना चाहता है तो कह दे। हम अभी उठ कर जा भी सकते हैं।