TRENDING TAGS :
कोरोना संकट: अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए RBI ने किए कई बड़े एलान
कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया(आरबीआई) ने शुक्रवार को फिर कई बड़े एलान किए हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का मिशन है कि कोरोना के कारण गिरती अर्थव्यवस्था के घटने की रफ्तार तेज होने से रोका जा सके।
नई दिल्ली: कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया(आरबीआई) ने शुक्रवार को फिर कई बड़े एलान किए हैं। आरबीई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का मिशन है कि कोरोना के कारण गिरती अर्थव्यवस्था के घटने की रफ्तार तेज होने से रोका जा सके। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है।
इसके साथ केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो रेट को 4 पर्सेंट से घटाकर 3.75 पर्सेंट कर दिया गया और रेपो रेट को बरकरार रखा गया है। टार्गेटेड लांग टर्म रेपो ऑपरेशन(TLTRO 2) के तहत आरबीआई ने MFIs और NBFCs को 50 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया। इसके अलावा नाबार्ड, सिडबी और एनएचबी को 50 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने कहा कि बैंकों की ओर से कर्ज मिलने में आम आदमी को कोई दिक्कत नहीं आएगी।
यह भी पढ़ें...कोरोना पर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा, चीन ने इस मकसद के लिए बनाया वायरस
आरबीई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि केंद्रीय बैंक का मिशन है कि कोरोना की वजह से गिरती अर्थव्यवस्था के घटने की रफ्तार तेज होने से रोका जा सके। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है।
आरबीई के गवर्नर ने कहा कि 27 मार्च को जब वह पहला बूस्टर लेकर आए थे, तब से मैक्रोइकॉनमिक कंडिशन बिगड़ती जा रही है। वैश्विक अर्थव्यवसथा सबसे बुरी मंदी देख सकती है। वैश्विक जीडीपी में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है जो जापान और जर्मनी की जीडीपी के बराबर हो सकता है।
यह भी पढ़ें...वैज्ञानिक का दावा-इस देश में नवंबर में आएगी ऐसी तबाही, चलते-फिरते मरेंगे लोग
भारत जी20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा ग्रोथ वाला देश हो सकता है जैसा कि IMF ने कहा है। शशिकांत दास ने कहा, हम पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नजर रख रहे हैं। भारत के हालात दूसरों से बेहतर हैं। वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच भारत की विकास दर अब भी पॉजिटिव रहने का अनुमान है और यह 1.9 प्रतिशत रहेगी।
शक्तिकांत दास ने कहा कि इस संकट में भी कृषि क्षेत्र टिकाऊ है, हमारे पास बफर स्टॉक है। उन्होंने कहा कि इस साल मॉनसून की बारिश अच्छा रहने का अनुमान है, फरवरी में ट्रैक्टर की बिक्री में अच्छी बढ़त हुई थी।
यह भी पढ़ें...भारत में कोरोना को लेकर WHO ने कही ये बड़ी बात
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है, इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है। दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, जिससे फायदा हो सकता है।
नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बैंकों को मदद
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण इन इंस्टीट्यूशन्स को सेक्टोरल क्रेडिट की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रीफाइनेंसिंग के लिए इनके लिए 50 हजार करोड़ रुपये की मदद दी जा रही है। इसमें 25 हजार करोड़ नाबार्ड के लिए, सिडबी के लिए 15 हजार करोड़ और 10 हजार करोड़ एनएचबी के लिए होगा। इस अमाउंट के बारे में फैसला इनसे चर्चा के बाद लिया गया है। इसमें बाद में बदलाव किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें...ये हो गया तो भी डरना क्यों, बस करें ये काम भाग जाएगा डर हो जाएंगे फिट
जानिए और बड़ी बातें...
-बैंकों को अपने फंड का 50% TLTRO-2 के तहत स्मॉल और मिड साइज NBFC में इन्वेस्ट करना होगा।
-राज्यों की WMA लिमिट 60 पर्सेंट बढ़ा दी गई है। बढ़ी हुई लिमिट 30 सितंबर तक के लिए होगी।
-90 दिनों के NPA पीरियड से मोराटोरियम पीरियड बाहर रहेगा।
-कर्ज लेने वालों को NBFCs रिलैक्स्ड NPA के तहत रख सकती हैं।
बैंक और कोऑपरेटिव बैंक किसी डिविडेंड का भुगतान नहीं करेंगे।
-अगर किसी ऐसी वजह से रियल्टी प्रॉजेक्ट में देरी होती है जिसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता तो NBFCs लोन को 1 साल के लिए बढ़ा सकते हैं।
-स्टिल अकाउंट्स पर बैंकों को 10फीसदी की प्रोविजनिंग मेनटेन करना होगा।