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कांग्रेस की ऐसी बिल्डिंग: दरवाजा कहीं, तो रास्ता कहीं और ही है, अब हुआ नुकसान

कांग्रेस का मुख्यालय दीनदयाल मार्ग पर बन रहा है। हालांकि कांग्रेस न इसका दरवाजा बहादुर शाह जफर मार्ग की तरफ खोला है। लेकिन ये भाजपा के मुख्यालय के करीब है। जानकारी के मुताबिक इस मुख्यालय का उद्घाटन 28 दिसंबर को होना था। लेकिन अब कांग्रेस ने इसकी तारीख टाल दी है। नई तारीख को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है।

SK Gautam
Published on: 28 Dec 2019 12:50 PM GMT
कांग्रेस की ऐसी बिल्डिंग: दरवाजा कहीं, तो रास्ता कहीं और ही है, अब हुआ नुकसान
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नई दिल्ली: दीनदयाल दयाल मार्ग पर कांग्रेस के नए मुख्यालय का पता हाल फिलहाल दिल्ली में 24 अकबर रोड ही रहने वाला है। क्योंकि कांग्रेस ने नए मुख्यालय के उद्घाटन का कार्यक्रम रोक दिया है। हालांकि अभी तक इस मुख्यालय का काम पूरा नहीं हुआ है। क्योंकि दिल्ली में निर्माण पर रोक लगी है। कांग्रेस ने इस मुख्यालय का नाम इंदिरा भवन रखा है।

बिल्डिंग दीनदयाल मार्ग पर, दरवाजा बहादुर शाह जफर मार्ग की तरफ

कांग्रेस का मुख्यालय दीनदयाल मार्ग पर बन रहा है। हालांकि कांग्रेस न इसका दरवाजा बहादुर शाह जफर मार्ग की तरफ खोला है। लेकिन ये भाजपा के मुख्यालय के करीब है। जानकारी के मुताबिक इस मुख्यालय का उद्घाटन 28 दिसंबर को होना था। लेकिन अब कांग्रेस ने इसकी तारीख टाल दी है। नई तारीख को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है। माना जा रहा कि अगले साल इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस बहुमंजिला इमारत को भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बनाया गया है। 24 अकबर रोड के कार्यालय से कांग्रेस देश की सत्ता कई बार चला चुकी है।

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फिलहाल कांग्रेस का दफ्तर 24 अकबर रोड पर है

बता दें कि पुराना कार्यालय होने के कारण यहां पर जगह कम थी। लिहाजा इसके लिए दीन दयाल मार्ग पर कांग्रेस को जमीन आवंटित की गई। भाजपा ने दो साल पहले ही दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर नया मुख्यालय बनाया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब अगले साल मार्च तक ही नए मुख्यालय का उद्घाटन हो सकता है। फिलहाल कांग्रेस का दफ्तर 24 अकबर रोड पर है। कांग्रेस 1978 से ही इस मुख्यालय से पार्टी की गतिविधियों को संचालित कर रही हैं। हालांकि इसके बाद संगठन में बहुत विस्तार हुआ है और संगठन के बड़ा होने का कारण पदाधिकारी भी बढ़े है।

लिहाजा इस मुख्यालय में जगह की कमी हो गई है। क्योंकि इसके करीब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का आवास है। बहरहाल कांग्रेस के इस नए मुख्यालय का नाम इंदिरा भवन रखा गया है। फिलहाल 24 अकबर रोड से ही कांग्रेस मुख्यालय संचालित होगा। हालांकि इस मुख्यालय के शुरू होने के कार्यकर्ताओं को काफी लाभ होगा क्योंकि ये मेट्रो और बस रूट पर है।

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कांग्रेस का नया मुख्यालय सेंट्रल दिल्ली में 9 कोटला रोड पर, इसका नाम इंदिरा गांधी भवन होगा

पार्टी सूत्रों ने शनिवार को बताया कि नए मुख्यालय में अगले स्थापना दिवस यानी 28 दिसंबर से कामकाज शुरू हो जाएगा। इसी दिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भवन का उद्घाटन करेंगी। पिछले चार दशकों से कांग्रेस का मौजूदा मुख्यालय दिल्ली के 24 अकबर रोड पर स्थित है।

नए मुख्यालय में छह मंजिलें होंगी और यह दीन दयाल उपाध्याय रोड स्थित भाजपा मुख्यालय के नजदीक होगा, लेकिन पार्टी ने इसका मुख्य द्वारा कोटला रोड पर रखने का निर्णय लिया है। 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय के अलावा दिल्ली के 26 अकबर रोड पर कांग्रेस की इकाई सेवा दल, 5 रायसीना रोड पर युवा कांग्रेस और एनएसयूआई का कार्यालय भी है। इन सभी को नए मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

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जनवरी 2015 में कार्यालयों का आवंटन रद्द किया गया था

शहरी एवं आवासीय विकास मंत्रालय ने कांग्रेस को 24 और 26 अकबर रोड समेत लुटियन्स जोन में स्थित तीन कार्यालयों को खाली करने का नोटिस दिया था। इन भवनों में कांग्रेस के कार्यालय 1976 से चल रहे थे। जनवरी 2015 में कांग्रेस के इन कार्यालयों का आवंटन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस ने नए मुख्यालय के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।

आईये जानते हैं कांग्रेस के पुराने पार्टी मुख्यालय की कुछ खासियतें

1- आठ कमरों का यह बंगला 1911 और 1925 के बीच सर एडविन लुटियंस ने बनवाया था। कांग्रेस मुख्यालय बनाए जाने से पहले यह बंगला इंदिरा गांधी के करीबी और वफादार राज्यसभा सांसद जी. व्यंकटेश्वर के नाम आवंटित था। उनसे पहले यह बंगला दो साल के लिए नेहरू के दौर में म्यामार के राजदूत रहे नोबेल पुरुस्कार प्राप्त आँग सान सु कई को आवंटित था। इस बंगले के जिस कमरे में राहुल गांधी का कार्यालय है वह सु कई की पुत्री को बेहद पंसद था क्योंकि वहां पर एक बड़ा पियानों रखा हुआ था। इसी कमरे में वह संगीत की शिक्षा लिया करती थी।

2-आजादी मिलने के बाद से कांग्रेस का मुख्यालय 7 जतंर मंतर हुआ करता था। बाद में इंदिरा गांधी ने विंडसर प्लेस को अपना अस्थाई पार्टी ऑफिस बनाया, जो नेहरू सरकार में उपमंत्री रहे एम.वी. कृष्णाप्पा का आवास था। वहां से कांग्रेस मुख्यालय को 5 राजेन्द्र प्रसाद रोड ले जाया गया। और 1978 में कांग्रेस का स्थाई कार्यालय 24 अकबर रोड को बनाया गया।

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बंगले का सबसे बड़ा कमरा डायनिंग कम लिविंग रूम था

3-जब 24 अकबर रोड को चुना गया तो उस बंगले का सबसे बड़ा कमरा डायनिंग कम लिविंग रूम था। जिसे कांग्रेस अध्यक्ष कार्यालय के लिए चुना गया। उस वक्त इस कमरे में केवल एक बेंत वाली कुर्सी और छोटी मेज थी।

4-कांग्रेस मुख्यालय की सबसे खास बात यह है कि इसका एक पिछला दरवाजा 10 जनपथ से मिला हुआ है, जो उस वक्त युवा कांग्रेस का मुख्यालय हुआ करता था और अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का निवास है।

5-कांग्रेस मुख्यालय बनाए जाने के बाद यह बंगला आठ कमरों से बढ़ते-बढ़ते 34 कमरों वाला हो गया। पूरे कार्यालय परिसर को पांच हिस्सों में विभाजित भी किया गया है। इंदिरा से लेकर सोनिया गांधी तक सभी कांग्रेस अध्यक्षों ने कांग्रेस मुख्यालय में बदलाव किए। कभी कमरे बढ़ाए गए और कभी टॉयलेट।

6-मुख्य बंगले की पिछली तरफ बने दर्जनभर कमरों का निर्माण नरसिम्हा राव के दौर में किया गया था। इस दफ्तर में ही कर्मचारियों और उनके परिवार वालों के आवास भी हैं। इन कमरों में सभी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं। लेकिन बाद में किए गए अधिकतर निर्माण अवैध हैं।

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कुछ खामियां-

महिलाओं को आरक्षण देने वाली पार्टी के मुख्यालय में महिलाओं के लिए कोई शौचालय नही

7-कांग्रेस अध्यक्ष और उनके 11 महासचिवों के कक्ष में टॉयलेट अटैच्ड है। लेकिन महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाली पार्टी के मुख्यालय में महिलाओं के लिए कोई शौचालय नही हैं। 1999 में यहां कांग्रेस मीडिया विभाग के कमरों को तोड़ दिया गया था क्योंकि वहां पर कांग्रेस सचिव सत्यजीत गायकवाड़ और कुमारी शैलजा के दफ्तर बनाए गए थे।

8-राजीव गांधी 1985-86 में कांग्रेस के लिए राजेन्द्र प्रसाद रोड पर आधुनिक कार्यालय बनाना चाहते थे। उन्होंने पार्टी के सभी सांसदों से इसके लिए उनके वेतन से दान लेने की योजना बनाई थी। लेकिन 1991 में उनकी मृत्यु के साथ ही सब बदल गया।

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भंयकर तूफान की वजह से प्रागंण में खड़ा सौ साल से पुराना पेड़ गिर गया था

9-1990 में एक भंयकर तूफान की वजह से कांग्रेस मुख्यालय के प्रागंण में खड़ा सौ साल से पुराना पेड़ गिर गया था। जिसकी वजह से एक आठ साल के बच्चे की मौत हो गई थी और पार्टी ऑफिस में बना एक मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गया था। यह मंदिर और पेड़ टिकट की चाह रखने वालों के लिए खास थे। मंदिर का निर्माण कर्नाटक के एक कांग्रेस नेता ने टिकट पाने की खुशी में कराया था।

10-जब 2004 और 2009 में कांग्रेस को सत्ता मिली। 24 अकबर रोड को कांग्रेस के लिए शुभ माना गया। यहां मुख्यालय बन जाने के बाद कांग्रेस ने कई बड़ी जीत देखी लेकिन 2014 में कांग्रेस को अब तक की सबसे बड़ी हार का सामना भी इसी दफ्तर में बैठकर करना पड़ा।

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