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मुम्बई की नहीं, दादरी की घटना पर लगता है इनको डर

अभी कुछ ही साल पहले की ही तो बात है जब मुम्बई से 1700 किलोमीटर दूर (दादरी) में हुई माबलिचिंग की एक घटना के बाद उन्हे इस देश में रहने से डर लगता था।

Vidushi Mishra
Published on: 22 April 2020 11:35 AM GMT
मुम्बई की नहीं, दादरी की घटना पर लगता है इनको डर
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श्रीधर अग्निहोत्री

नई दिल्ली। अभी कुछ ही साल पहले की ही तो बात है जब मुम्बई से 1700 किलोमीटर दूर (दादरी) में हुई माबलिचिंग की एक घटना के बाद उन्हे इस देश में रहने से डर लगता था। पर पता नहीं, अब क्या बदलाव होे गया कि मुम्बई से 100 किलोमीटर नजदीक बसे पलघर जिले में दो साधुओं की हत्या हो गयी और उन्हे डर नहीं लगा।

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बड़ी घटना के बाद भी अब तक डर नहीं

क्या ऐसे लोग टीवी नहीं देखते कि अखबार नहीं पढते जो अबतक उन्हे इतनी बड़ी घटना के बाद भी अब तक डर नहीं लगा। आज पूरा देश अब उनसे यही सवाल पूछ रहा है कि आखिर उन्हे अबतक डर क्यों नहीं लगा ? सोशल मीडिया पर ऐसे सेलेब्रटीज को देश के लोग लगातार कटघरे में खड़ा करने का काम कर रहे हैं।

बतातें चलें कि जब 2014 में केन्द्र में मोदी सरकार का गठन हुआ था तो एक साल बाद ही 28 सितम्बर 2015 कों दिल्ली से सटे नोएडा में रहने वाले अखलाक की कुछ शरारती तत्वों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी।

पूरे देश में शोर मचा, शोर मचना स्वाभाविक भी था। मामले की जांच भी हुई। घटना के खिलाफ कुछ प्रगतिशील विचारधारा के लोग, तथाकथित प्रबुद्ववर्ग तथा कई सेलेब्रेटीज जागरूक हो गए।

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तुम हिंदू हो या मुसलमान?

फिल्म अभिनेता आमिर खान ने तो यहां तक कह दिया कि उनकी पत्नी किरण खेर को डर लगता है । उनकी पत्नी किरण राव ने यहां तक सुझाव दिया कि उन्हें अब देश छोड़ देना चाहिए।

पर आश्चर्य इस बात का है कि पलघर में दो साधुओं की सार्वजनिक हत्या के बाद भी न तो आमिर खान को और न ही उनकी पत्नी किरण खेर को अब तक डर लगा है।

इसके बाद दिसम्बर 2018 में एक और फिल्म अभिनेता नसीरूद्दीन शाह को भी डर लगा। जब उन्होंने अपने बच्चों को लेकर चिंता जाहिर की, कहा- मुझे अपने बच्चों के लिए बेहद डर लगता है कि अगर कही मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा जाए कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? तो मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा।

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दिल्ली पुलिस के लिए तालियां

सोशल मीडिया पर अक्सर लोगों के निशाने पर आने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर भी अभी कुछ दिन पहले एक बार फिर सबके निशाने पर आ गयी थी।

जब सीएए को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा पर उन्होंने एक ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा है- आगे बढ़ों और पत्थर फेंको... दिल्ली पुलिस के लिए तालियां। कर्तव्य की उपेक्षा के चलते तुमने एक अपने को खोया है।

स्वरा भास्कर ने यहां शहीद दिल्ली पुलिस के हवलदार रतनलाल की बात की थी। उन्होंने लिखा- दिल्ली पुलिस के लिए तालियां, अभी तुमने एक को खोया है। स्वरा के पिता चित्ररापु उदय भास्कर भारतीय नौसेना में अधिकारी रह चुके हैं और उनकी माता इरा भास्कर जेएनयू में प्रोफेसर हैं।

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जावेद अख्तर को जमकर ट्रोल किया

जाने माने गीतकार जावेद अख्तर देश में होने वाले हर अन्याय के खिलाफ अक्सर आवाज उठाते रहते हैं। साम्प्रदायिक घटनाओं को लेकर वह दुखी भी हो जाते है। हाल ही में दिल्ली में जब हिंसा हुई और सभासद मो ताहिर पर पुलिसया कार्रवाई हुई।

तब उहोने कहा कि दिल्ली में इतनी हिंसा हुई पर केवल एक ही व्यक्ति पर कार्रवाई हुई, क्योंकि उसका नाम ताहिर हुसैन है। इसके बाद जावेद अख्तर को जमकर ट्रोल किया गया।

हांलाकि जावेद अख्तर ने हाल ही मे कहा, दो साधुओं और उनके ड्राइवर की हत्या के लिए जो लोग भी जिम्मेदार हैं, उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।

पालघर की घटना

गंगा जमुनी तहजीब की बात कर अक्सर सरकार को घेरने वाली शबाना आजमी की पालघर की घटना पर चुप्पी कई सवाल खडे कर रही है।

अभी पिछले साल जुलाई में उन्होंने इंदौर में कहा था ‘‘सरकार की आलोचना करने वालों को तुरंत राष्ट्रविरोधी का तमगा दे दिया जाता है। हमें इससे डरना नहीं चाहिये और इनके सर्टिफिकेट की किसी को जरूरत भी नहीं है।

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कमियों को दूर करने के लिये समस्याओं पर बोलना जरूरी है। अगर हम बुराइयां नहीं बतायेंगे, तो हालात में सुधार कैसे लायेंगे?’

अभिनेता शाहरूख खान का बयान भी चर्चा

दादरी में जब अखलाक की माब लिंचिंग मेें मौत हुई तो देश में असहिष्णुता के खिलाफ एक देशव्यापी अभियान में फिल्म अभिनेता शाहरूख खान का बयान भी चर्चा में खूब आया था।

2 नवंबर 2015 को शाहरुख खान ने कहा था ‘अत्यधिक असहिष्णुता का माहौल है. इस देश में धार्मिक रूप से असहिष्णु होना, धर्मनिरपेक्ष नहीं होना, किसी देशभक्त द्वारा किया जा सकने वाला सबसे बुरा अपराध है।

फिल्म अभिनेत्री और लेखिका नंदिता दास अक्सर देश के हालातों पर अपनी बेबाक राय के लिए जानी जाती है। जनवरी में उन्होंने सीएए और एनआरसी का विरोध करते हुए कहा कि दोनों को जोड़ना बेहद खतरनाक है।

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अशोभनीय टिप्पणी

उन्होंने कहा कि यह बिखराव वाला कानून है। देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि लोगों को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है।’ पर पालघर की घटना पर उनकी चुप्पी सवाल खडे कर रही है।

निर्माता निर्देशक अनुराग कश्यप सरकार की गतिविधियों को लेकर अक्सर अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं। यहां तक कि वह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी अशोभनीय टिप्पणी कर चुके हैं।

पालघर के मुद्दे पर जब निर्माता अशोक पंडित ने किसी हमलावर के नाम से ट्विट किया तो अनुराग कश्यप ने रिट्वीट कर दिया कि मामले को सांम्प्रदायिक रंग न दिया जाए।

अपने बयानों से सरकारों को घेरने वाले दक्षिण भारतीय अभिनेता प्रकाश राज भी पलघर की घटना को लेकर चुप हैं जिसको लेकर कई सवाल खडे़ हो रहे हैं कि सार्वजनिक रूप से हत्या के बाद भी खुद को मानवता का सेवक बताने वाले प्रकाश अबतक क्यों चुप हैं ?

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रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री

Vidushi Mishra

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