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नेतृत्व को लेकर कांग्रेस दोराहे पर, लेटर बम फूटने से पार्टी में मचा घमासान

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सोमवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले पार्टी में नेतृत्व का मुद्दा और गहरा गया है।

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Published on: 23 Aug 2020 4:15 PM GMT
नेतृत्व को लेकर कांग्रेस दोराहे पर, लेटर बम फूटने से पार्टी में मचा घमासान
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नेतृत्व को लेकर कांग्रेस दोराहे पर

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सोमवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले पार्टी में नेतृत्व का मुद्दा और गहरा गया है। बैठक से पहले ही पार्टी के 23 बड़े नेताओं ने लेटर बम फोड़ते हुए पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने की मांग करते हुए पार्टी में बड़े बदलाव करने पर जोर दिया है।

पार्टी का एक धड़ा राहुल गांधी को फिर कमान सौंपने की मांग कर रहा है तो कई प्रमुख नेता ऐसे नेता को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं जो फील्ड में पूरी तरह सक्रिय हो और असरकारक साबित हो। सही बात तो यह है कि नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस दोराहे पर खड़ी है और पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए पार्टी में एक राय नहीं कायम हो पा रही है।

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सोनिया ने पहले ही कर दिया था साफ

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि 10 अगस्त को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में नेताओं ने जब सोनिया से एक बार फिर अध्यक्ष का पद संभालने की गुजारिश की थी तो उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वह आगे पार्टी का नेतृत्व करने के लिए इच्छुक नहीं है।

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उनका कहना था कि उन्होंने इसी शर्त पर अंतरिम अध्यक्ष का पद संभाला था कि पार्टी जल्द ही पूर्णकालिक अध्यक्ष की खोज कर लेगी। हालांकि पार्टी पिछले एक साल के दौरान यह काम नहीं कर सकी है।

आगे नेतृत्व नहीं करना चाहतीं सोनिया

सोमवार को होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले भी सोनिया गांधी ने साफ कर दिया है कि वे आगे पार्टी का नेतृत्व नहीं संभालना चाहती हैं। उन्होंने पार्टी से नया अध्यक्ष चुनने की अपील की है। वैसे माना जा रहा है कि सोमवार की बैठक में अंतरिम अध्यक्ष ही चुना जाएगा क्योंकि नए अध्यक्ष की नियुक्ति कांग्रेस के आंतरिक चुनावों के बाद ही की जा सकती है।

सोनिया गांधी को पिछले साल लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। उस समय पार्टी की कमान संभाल रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की हार के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पार्टी की कमान किसी और को सौंपने की गुजारिश की थी।

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गांधी परिवार के समर्थन में उतरे तीन सीएम

पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर उभर रही अलग-अलग रायों से साफ है कि पार्टी के लिए नए अध्यक्ष का चुनाव करना आसान काम नहीं साबित होगा। वैसे गांधी परिवार के कई करीबी नेता राहुल गांधी के समर्थन में उतर आए हैं। कांग्रेस शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के भूपेश सिंह बघेल खुलकर गांधी परिवार के समर्थन में उतर आए हैं।

कैप्टन अमरिंदर ने की यह मांग

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि आजादी के समय से ही गांधी परिवार का नाम देश की प्रगति से जुड़ा रहा है और गांधी परिवार ही अध्यक्ष की भूमिका के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जब तक चाहें तब तक उन्हें कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए।

कैप्टन ने गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने वाले नेताओं का विरोध करते हुए कहा कि यह इस तरह का मसला उठाने का उचित समय नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो पूरी पार्टी, सभी कार्यकर्ताओं और पूरे देश में स्वीकार्य हो।

बघेल ने लिखा राहुल को पत्र

दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे एक बार फिर पार्टी के अध्यक्ष का पद संभालने की गुजारिश की है। उनका कहना है कि राहुल गांधी पार्टी के समक्ष मौजूद सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी एक बार फिर पूरे देश में मजबूत बनकर उभरेगी।

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गहलोत ने चिट्ठी को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि 23 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के कांग्रेसी अध्यक्ष को चिट्ठी लिखने की खबर में दम नहीं लगता। उन्होंने कहा कि यदि यह बात सच है तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे मीडिया में चर्चा का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर सोनिया गांधी को ही पार्टी का नेतृत्व करते रहना चाहिए। गहलोत ने कहा कि यदि सोनिया गांधी ने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का मन बना लिया है तो पार्टी की कमान राहुल गांधी को सौंपी जानी चाहिए।

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23 बड़े नेता बदलाव के समर्थन में

दूसरी और पार्टी के 23 बड़े नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़ा बदलाव करने की मांग की है। चिट्ठी लिखने वालों में 5 पूर्व मुख्यमंत्री, कई पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और कई सांसद शामिल हैं। चिट्ठी में यह मांग प्रमुखता से उठाई गई है कि लीडरशिप पूर्णकालिक और प्रभावी होनी चाहिए। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि पार्टी की लीडरशिप को फील्ड में पूरी तरह सक्रिय रहना चाहिए और उसका असर भी दिखना चाहिए।

वर्किंग कमेटी का चुनाव कराने की मांग

चिट्ठी में कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव कराए जाने की भी मांग की गई है। पार्टी के कुछ नेता समय-समय पर वर्किंग कमेटी का चुनाव कराने की मांग करते रहे हैं मगर पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में महत्वपूर्ण नेताओं ने इस मांग को प्रमुखता से उठाया है।

पत्र में यह भी कहा गया है कि देश में भाजपा लगातार मजबूत हो रही है और पिछले चुनावों में युवाओं ने नरेंद्र मोदी को जमकर वोटिंग की। देश इस समय विभिन्न मोर्चों पर कई चुनौतियों से जूझ रहा है और ऐसे में कांग्रेस की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। देश में लोकतंत्र की मजबूती के लिए कांग्रेस को पुनर्जीवित करना जरूरी है।

लेटर बम से पार्टी में घमासान

कांग्रेस में इस लेटर बम से साफ है कि नेतृत्व को लेकर पार्टी में एक राय नहीं बन पा रही है और पार्टी में घमासान मचा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए ये नेता पार्टी के सशक्त नेतृत्व की वकालत कर रहे हैं।

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इस चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजिंदर कौर भट्ठल, शशि थरूर, एम वीरप्पा मोइली, कपिल सिब्बल, जितिन प्रसाद, मिलिंद देवड़ा और संदीप दीक्षित आदि शामिल हैं।

बैठक में उठेगा चिट्ठी का मुद्दा

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाली वर्किंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में वरिष्ठ नेताओं की चिट्ठी और इसमें दिए गए सुझावों का मुद्दा हावी रहने की संभावना है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के एक सदस्य का कहना है कि कल की बैठक में मुख्य रूप से नेतृत्व का संकट सुलझाने और संगठन को मजबूत बनाने पर ही विचार किया जाएगा।

हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी दो धड़ों में बंटी हुई है। उन्होंने दावा किया कि सभी राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बनाना चाहते हैं।

खुर्शीद ने की राहुल की वकालत

इस बीच पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने मांग की है कि पार्टी को चुनावों की जगह सर्वसम्मति से नेता का चुनाव करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी को पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि कोई इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि वहीं कांग्रेस के नेता हैं।

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