×

कोरोना इफेक्ट : पुरुषों को ज्यादा मार रहा है वायरस, जानिए इसके पीछे की असली वजह

कोविड-19 से हो रही मौतोंके प्रकोप में एक खास पैटर्न नजर आता है - महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुष गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं और मर रहे हैं। सिर्फ न्यूयॉर्क में ही कोविड-19 से अभी तक जितनी मौतें हुईं हैं उनमें 60 फीसदी से ज्यादा पुरुष हैं।

Aditya Mishra
Published on: 10 April 2020 10:23 AM GMT
कोरोना इफेक्ट : पुरुषों को ज्यादा मार रहा है वायरस, जानिए इसके पीछे की असली वजह
X
अभिशाप बना ये इंसान: पूरी दुनिया में मचाया हाहाकार, इन गलतियों से फैली महामारी

नई दिल्ली: कोविड-19 से हो रही मौतोंके प्रकोप में एक खास पैटर्न नजर आता है - महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुष गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं और मर रहे हैं। सिर्फ न्यूयॉर्क में ही कोविड-19 से अभी तक जितनी मौतें हुईं हैं उनमें 60 फीसदी से ज्यादा पुरुष हैं।

चीन में भी पहले कोरोना वायरस प्रकोप के शुरुआती दिनों से महिलाओं की तुलना में पुरुष बड़ी संख्या में गंभीर रूप से बीमार हो रहे थे। और यह पैटर्न दुनिया भर में नजर आ रहा है। शोधकर्ता अभी भी पूरी तरह से निश्चित नहीं हैं कि ऐसा क्यों है। लेकिन कुछ पेचीदा सुराग जरूर मिल रहे हैं।

पुरुषों पर कोरोना वायरस के ज्यादा प्रकोप की वजह क्या पुरुषों में ज्यादा धूम्रपान किया जाना है? या फिर हमारे शरीर में जीन और सेक्स हार्मोन के बीच के फर्क में इस रहस्य का जवाब छुपा हुआ है?

ऐसे सवालों पर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन की प्रोफेसर मार्सिया स्टेफनिक का कहना है कि महिला और पुरुष की प्रतिरक्षा प्रणाली में गहरा अंतर होता है और यह महामारी इस बात को खुल कर प्रकट कर रही है। पक्का जवाब हासिल हो जाने से इलाज और बचाव के उपाय ज्यादा स्पष्ट किए जा सकेंगे।

जरूरी जानकारी: क्या दिमाग पर भी पड़ रहा कोरोना वायरस का असर

जैविक ताकतों का खेल

एक महत्वपूर्ण संदर्भ यह है कि सामान्य तौर पर पुरुषों और महिलाओं में संक्रमणों से लड़ने के तरीके में विभिन्न प्रकार के प्रमुख बायोलोजिकल या जैविक अंतर होते हैं। किसी संक्रामण के खिलाफ महिलाओं में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसका आंशिक कारण यह है कि ज्यादातर महिलाओं में दो एक्स गुणसूत्र (क्रोमोसोम) होते हैं।

चूंकि एक्स गुणसूत्र में प्रतिरक्षा प्रणाली से संबंधित अधिकांश जीन समाहित होते हैं। इसलिए एक के बजाय दो एक्स गुणसूत्र वाले लोगों में भी प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं की व्यापक विविधता होती है।

हालाँकि, यह अतिरिक्त प्रतिरक्षा प्रणाली महिलाओं को रुमेटीइड गठिया और पाचन तंत्र की बीमारी जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के लिए अधिक जोखिम में डालती है।

बहरहाल, हार्मोन महिलाओं को अधिक प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने में भी मदद कर सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा कोशिकाओं में एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स होते हैं और रिसर्च में पता चला है कि एक एस्ट्रोजन सप्लिमेंट से सामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ती है।

2017 में जर्नल ऑफ़ इम्यूनोलॉजी के एक अध्ययन में विशेष रूप से सार्स बीमारी पैदा करने वाले कोरोनो वायरस में लैंगिक अंतर को देखा गया। 2003 में सार्स प्रकोप के दौरान महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुषों की मौत हुई थी।

चूहों पर हुए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि पुरुष चूहों में वायरस के प्रति अधिक संवेदनशीलता थी। लेकिन जब महिला चूहों में सामान्य रूप से काम करने से एस्ट्रोजेन को अवरुद्ध कर दिया गया तो महिलाओं के बीमार पड़ने की दर बहुत बढ़ गई।

समझा जाता है कि महिलाओं में सामान्य रूप से किसी भी संक्रमण की शुरुआत में ही तीव्र बचाव प्रतिक्रिया शुरू हो सकती है। ऐसे में शरीर वायरस से लड़ने के लिए अपनी पूरी ताकत को बचा कर रखता है।

कोरोना वायरस से बचाएंगी ये चीजें: सरकार ने किये आर्डर, शुरू हुई सप्लाई

हर बीमारी में ऐसा नहीं होता

हर बीमारी पर प्रतिक्रिया का सेक्स पैटर्न एक समान भी नहीं होता। अन्य वायरस संक्रमणों से संबन्धित डेटा बताते हैं कि इन्फ्लूएंजा समेत कई स्थितियों में कभी-कभी पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएं मरती हैं।

कोरोना वायरस के बारे में जानने के लिए अभी भी बहुत कुछ बाकी है, और अब तक इस पर कोई अध्ययन नहीं किया गया है। लेकिन निश्चित रूप से जैविक संभावनाएं बनती हैं।

व्यवहार संबंधी कारक भी संभव

इस बात के भी संकेत हैं कि व्यवहार में अंतर पुरुषों को कोविड -19 के अति गंभीर जोखिम में डाल सकता है। महामारी एक्स्पर्ट्स इस गुत्थी को अभी सुलझा नहीं पाये हैं लेकिन कुछ ऐसे सह संबंध हैं जो संभावित जोखिम का संकेत देते हैं। एक फैक्टर धूम्रपान हो सकता है। पिछले महीने एक शोध की समीक्षा में निष्कर्ष निकाला गया कि "धूम्रपान कोविड -19 के फैलाव और प्रतिकूल परिणामों से जुड़ा हुआ है।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि धूम्रपान करने वालों को फेफड़ों की बीमारी होने की अधिक संभावना है। ये गंभीर संक्रमण के लिए भी एक स्थापित जोखिम है। दूसरा यह कि धूम्रपान करते समय, एक व्यक्ति को अपने मुंह या चेहरे को छूने की ज्यादा संभावना होती है, और इससे वायरस को शरीर में घुसने का एक आसान मार्ग मिल जाता है।

चीनी पुरुषों की आदत

धूम्रपान महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक आम है। जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ में 2017 के एक विश्लेषण के अनुसार, चीनी वयस्क पुरुषों में से 54 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं। जबकि मात्र 2.6 प्रतिशत चीनी महिलाओं में ये आदत है।

2016 की विश्व बैंक की एक रिपोर्ट है कि 41 फीसदी दक्षिण कोरियाई पुरुष ढूंप्रपान करते हैं जबकि महिलाओं में ये 6 प्रतिशत है। स्पेन और अमेरिका भी उसी सामान्य प्रवृत्ति को दर्शाता है। लेकिन वहाँ धूम्रपान करने वाले पुरुषों और महिलाओं में इतना ज्यादा अंतर नहीं है। बहरहाल, इस फैक्टर पर शोध किया जाना बाकी है।

महिलाओं और पुरुषों में अन्य सामाजिक और सांस्कृतिक अंतर भी बीमारी के प्रति प्रवृत्ति को और बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि अमेरिका में पुरुष अपने हाथों को कम बार धोते हैं और किसी बीमारी की शुरुआत में फिक्रमंद होने की संभावना कम होती है। रायटर के 24 मार्च के एक सर्वेक्षण में पता चला कि महिलाओं की तुलना में बहुत ही कम पुरुष कोरोना वायरस के बारे में चेतावनी को गंभीरता से ले रहे थे।

कोरोना वायरस का निमोनिया बेहद खतरनाक! जानें एक्सपर्ट की राय

हाल अलग-अलग देशों का

- दिसंबर से फरवरी तक चीन में मुख्य प्रकोप के दौरान लगभग 2,000 रोगियों के डेटा के विश्लेषण से पता चला कि वहाँ लगभग 60 प्रतिशत रोगी पुरुष थे। चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने पुरुषों के लिए 2.8 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 1.7 प्रतिशत मृत्यु दर की जानकारी दी थी।

- क्लिनिकल इन्फेक्शस डिसीज में 31 मार्च को प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में, पुरुषों में कोविड-19 होने की पुष्टि होने की संभावना कम थी। वहां सिर्फ 38 प्रतिशत पुरुष मरीज थे। लेकिन, पुरुषों में बीमारी से मरने की संभावना दोगुनी थी (पुरुषों के लिए 1.19 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 0.52 प्रतिशत)।

- स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 अप्रैल को बताया था कि वहाँ कोविड-19 से संक्रमित लोगों में पुरुषों और महिलाओं की एक समान संख्या रही है। लेकिन पुरुषों को आईसीयू में भर्ती होने की नौबत दोगुनी थी। यही नहीं, कोविड-19 से दो-तिहाई मौतें पुरुषों की हुईं।

- इटली के कोविड-19 एपीसेंटर लोम्बार्डी क्षेत्र में 6 अप्रैल तक के एक अध्ययन में पाया गया कि आईसीयू में भर्ती 82 प्रतिशत मरीज पुरुष थे। यही नहीं, इटली में कोरोना वायरस से मरने वाले लगभग 70 प्रतिशत लोग पुरुष हैं।

- अमेरिका में सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल लिंग आधारित डेटा नहीं दे रहा है। पहले भी इन्फ्लूएंजा जैसी अन्य संक्रामक बीमारियों के लिए भी ऐसा डेटा को प्रमुखता से प्रदर्शित नहीं किया जाता रहा है।

भारत के लिए अच्छी खबर: कोरोना वायरस से नहीं होगा ज्यादा नुकसान, शोधकर्ताओं का दावा

यह उन लोगों के लिए परेशानी का सबब है जो इस तेजी से फैलने वाली बीमारी को समझने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि अमेरिका में अब तक सबसे अधिक मामले हैं। कुछ अमेरिकी राज्यों ने हालांकि लिंग आधारित डेटा जारी किया है। वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के 13 राज्यों में काफी मामले हैं और उनमें पुरुषों की एक बड़ी संख्या है।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story