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वैज्ञानिकों की बड़ी खोज: हाथ लगा समुद्री कॉक्रोच, अब खुलेंगे बड़े रहस्य
गहरे समुद्र में रहने वाला यह विशालकाय जीव किसी लकड़ी के पट्टे की तरह दिखता, जो कि बैथिनोमस प्रजाति का है। इसे वैज्ञानिकों ने कई स्टडी के बाद समुद्री कॉक्रोच माना है।
नई दिल्ली: इंडोनेशिया के वैज्ञानिकों को गहरे समुद्र में रहने वाले विशालकाय जीव के बारे में बड़ी जानकारी हाथ लगी है। गहरे समुद्र में रहने वाला यह विशालकाय जीव किसी लकड़ी के पट्टे की तरह दिखता, जो कि बैथिनोमस प्रजाति का है। इसे वैज्ञानिकों ने कई स्टडी के बाद समुद्री कॉक्रोच माना है। हालांकि ये जीव घरेलू कॉक्रोच से काफी बड़े हैं। कई बार यह 50 से 70 सेंटीमीटर तक के भी होते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये जानकारी समुद्री जीवों की स्टडी में काफी मददगार साबित हो सकती है।
2018 में मिला था ये विशालकाय जीव
ये जीव साल 2018 में हिंद महासागर में जावा के पश्चिम से मिला था। इसके बाद से वैज्ञानिक लगातार इस जीव पर स्टडी कर रहे थे। शोध में 32 वैज्ञानिक शामिल थे। इस शोध में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर और ली कोंग चियान प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय ने काफी अहम काम किया है। साल 2018 में करीब दो हफ्ते तक चली खोज के लिए समुद्री तटों के अलग-अलग 63 जगहें तलाशी गईं।
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समुद्री जीव को दिया गया बैथिनोमस राकसा नाम
शोध में शामिल वैज्ञानिक कोनि एम सिदाबलोक और हेलेन पीएस वॉन्ग ने बताया कि इस समुद्री जीव को बैथिनोमस राकसा नाम दिया गया है, जो कि इंडोनिशियाई भाषा में रखा गया है। इसमें राकसा शब्द का मतलब काफी बड़ा है। समुद्री जीवों के संदर्भ में इस जीव के मिलने को एक बड़ी खोज के तौर पर देखा जा रहा है। ये समुद्री इनवर्टिब्रेट की श्रेणी में आते हैं। मतलब ऐसे जीव जिनकी रीढ़ की हड्डी नहीं होती। इस जीव को इसके विशाल आकार के कारण कॉक्रोच ऑफ द सी (cockroach of the sea) कहा जा रहा है।
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इस प्रजाति का दूसरा सबसे बड़ा जीव
बता दें कि दुनिया में फिलहाल सुपरजाइंट आइसोपोड्स की केवल सात प्रजातियों के बारे में जानकारी उपलब्ध है। ये इस प्रजाति का दूसरा सबसे बड़ा जीव कहा जा रहा है। ये जीव इंडोनेशियाई द्वीप जावा और सुमात्रा के बीच सुंडा की खाड़ी से मिला है। जिस वजह से ऐसा माना जा रहा है कि इंडोनिशिया के आसपास काफी सारी जैव विविधता के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं है। अभी इन नए जीव के बारे में एनाटॉमी के अलावा काफी कुछ पता करना है।
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ऐसी होती है इनकी संरचना
इस समुद्री कॉक्रोच के 14 पैर होते हैं, लेकिन ये जीव उनका इस्तेमाल सिर्फ समुद्र में अपने शिकार की खोज करने में करता है। इस जीव का सिर और आंखें कॉक्रोच के समान ही होती हैं। आंखों की बनावट ऐसी है कि वो गहरे पानी में रात के समय में भी अपने शिकार या शिकार को पहचान पाने में सक्षम है। साथ ही इसके एंटीने भी काफी लंबे होते हैं। हालांकि देखने में जितने खतरनाक होते हैं, वास्तव में उतने खतरनाक नहीं होते हैं।
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खाने के लिए मरे हुए समुद्री जीवों पर होते हैं निर्भर
ये जीव अपने खाने के लिए अधिकतर मरे हुए समुद्री जीवों पर निर्भर होते हैं। ऐसा बहुत कम ही होता है कि ये जीव शिकार का पीछा करके उसे मारें। ये खास तौर पर व्हेल और दूसरी बड़ी मछलियों के अवशेष खाते हैं। आम घरेलू कॉक्रोच की तरह ये भी अपने शरीर में खाना जमा करके काफी समय तक बिना खाए-पिए रह सकते हैं। कई सारे अन्य समुद्री जीवों की तरह इनमें रूप बदलने या छिप सकने के तरीके नहीं होते हैं।
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खुल सकेंगे कई बड़े रहस्य
समुद्री कॉक्रोच की खोज विज्ञान की दिशा में काफी अहम माना जा रहा है। वो इसलिए क्योंकि ये पहली बार इंडोनेशियाई समुद्री तट पर मिले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस समुद्री जीव की खोज के बाद बाथिनोमस प्रजाति के बारे में कई बड़े रहस्य खुल सकेंगे।
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