TRENDING TAGS :
जानिए उस वकील के बारे में, जिन्होंने निर्भया को दिलवाया इंसाफ
7 सालों से चल रहा इंतजार भी खत्म हुआ और निर्भया को इंसाफ मिला। ऐसे में उस महिला की भी खूब तारीफ हो रही है, जिसने 7 साल तक चली कानूनी लड़ाई में निर्भया के माता-पिता का साथ नहीं छोड़ा।
नई दिल्ली: निर्भया के चारों दोषियों को आखिरकार सजा मिल ही गई। इसी के साथ ही 7 सालों से चल रहा इंतजार भी खत्म हुआ और निर्भया को इंसाफ मिला। ऐसे में उस महिला की भी खूब तारीफ हो रही है, जिसने 7 साल तक चली कानूनी लड़ाई में निर्भया के माता-पिता का साथ नहीं छोड़ा। हम बात कर रहे हैं है निर्भया की वकील की। उनका नाम सीमा कुशवाहा है। वहीं निर्भया के साथ दरिंदगी होने के बाद हुए प्रदर्शन में शामिल थीं और उसके बाद हर पल निर्भया के परिवार के साथ ही रहीं। ऐसा बताया जा रहा है कि ये उनका पहला केस था। तो चलिए आपको सीमा कुशवाहा के बारे में वो हर बात बताते हैं, जिन्हें आप जानना चाहते हैं।
जब निर्भया को न्याय दिलाने की ठानी
सीमा कुशवाहा इस मामले पिछले सात सालों से जुडी हुई हैं, यानि बिल्कुल शुरुआत से। सीमा कुशवाहा निर्भया के साथ हुए रेप के बाद इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन पर हुए प्रदर्शन में भी शामिल थीं। इसके बाद उनके मन में ख्याल आया कि वो एक वकील हैं और ऐसे में क्यों न निर्भया का केस वहीं लड़ें। फिर सीमा कुशवाहा ने निर्भया को न्याय दिलाने की ठान ली। एक बार सीमा ने बताया था कि अगर वह इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट, लिस्टिंग के लिए कोशिश नहीं करतीं तो ये मामला लटका का लटका ही रह जाता।
यह भी पढ़ें: कोरोना के डर से रोने लगी ये महिला, किया ऐसा काम, VIDEO हुआ VIRAL
IAS बनना चाहती थीं सीमा कुशवाहा
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबकि, सीमा कुशवाहा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी लॉ की पढ़ाई की है। सीमा निर्भया रेप केस के दौरान ट्रेन में थीं। ऐसा बताया जाता है कि वह निर्भया ज्योति लीगल ट्रस्ट से भी जुड़ी हैं, जो रेप और अन्य केस में कानूनी सलाह देने के लिए निर्भया के परिवार ने ही बनाया था। एक टीवी इंटरव्यू के दौरान सीमा कुशवाहा ने बताया था कि वो IAS बनना चाहती थीं।
जानती हूं कि हक के लिए लड़ना पड़ता है- सीमा
सीमा बताया था कि वो खुद एक ऐसी जगह से आती हैं, जहां पर लड़कियों को ज्यादा आजादी नहीं दी जाती। लेकिन इन सब के बावजूद भी वह वकील बनीं। इसके बाद वो किसी भी चीज को नामुमकिन नहीं मानती। सीमा कुशवाहा ने कहा कि मैं एक ग्रामीण इलाके से आती हूं, जहां लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता, इसलिए जानती हूं कि हक के लिए लड़ना पड़ता है।
यह भी पढ़ें: कोरोना का असर: मेट्रो में बदल गए ये नियम, जारी हुई एडवाइजरी
अभी देश की और बेटियों को दिलवाना है न्याय
एक बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह अभी फिलहाल नहीं रुकेंगी। और अभी देश की और बेटियों को न्याय दिलवाएंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्णिया की बच्ची को न्याय दिलवाना है। 11 साल की बच्ची के साथ 6 लोगों ने रेप किया और रेप करके उसका गला काट दिया था।
2012 का वो वारदात, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया
साल 2012 की बात है जब, दिल्ली में 16-17 दिसंबर की रात एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने बेरहमी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। यहीं नहीं इस हैवानियत की वजह से निर्भया की आंतें शरीर से बाहर निकल आईं। खून से लथपथ लड़की जिंदगी और मौत से जूझ रही थी।
बाद में उन शैतानों ने निर्भया और उसके साथी को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में चलती बस से फेंक दिया था। जिसके बाद उसे पीड़ित लड़की को नाजुक हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यह भी पढ़ें: रेलवे पर कोरोना का खौफ: कैंसिल की गई 750 से ज्यादा ट्रेनें, यहां देखें पूरी लिस्ट
29 दिसंबर को तोड़ा दिया था दम
निर्भया की हालत संभल नहीं रही थी। लिहाजा उसे सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने रात के करीब सवा दो बजे वहां दम तोड़ दिया था। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। पूरे देश में दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग हो रही थी।
अब सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद चारों दोषियों अक्षय, पवन, मुकेश और विनय को आज फांसी दे दी गई। बता दें कि इस मामले के एक दोषी राम सिंह ने पहले ही खुदकुशी कर ली थी और एक अन्य आरोपी नाबालिग साबित हुआ था। उसे 3 साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था।
यह भी पढ़ें: अभी-अभी BJP को झटका: MP में फ्लोर टेस्ट से पहले इस विधायक ने दिया इस्तीफा
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।