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मोदी सरकार के पांच ऐतिहासिक फैसले, एक साल में इतना बदल दिया भारत

मोदी सरकार ने अपने पहले पांच साल के कर्यकाल में नोटबंदी, जीएसटी और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अहम निर्णय लिए, जिन्होंने पूरे देश को प्रभावित किया। वहीं दोबारा सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया।

Shivani Awasthi
Published on: 23 May 2020 10:37 AM IST
मोदी सरकार के पांच ऐतिहासिक फैसले, एक साल में इतना बदल दिया भारत
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लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए की सरकार का पहला साल पूरा होने जा रहा है, यानी मोदी सरकार का एक साल का कार्यकाल 30 मई को पूरा हो जाएगा। बीते एक साल में मोदी सरकार ने बड़े और अहम फैसले लिए जो भारत के इतिहास और राजनीति में हमेशा के लिए बड़ी उपलब्धि के तौर पर दर्ज हो गए। इन सब फैसलों का जमकर विरोध भी हुआ लेकिन मोदी सरकार अडिग रही।

मोदी सरकार के पांच बड़े फैसले:

मोदी सरकार ने अपने पहले पांच साल के कर्यकाल में नोटबंदी, जीएसटी और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अहम निर्णय लिए, जिन्होंने पूरे देश को प्रभावित किया। वहीं जब पीएम मोदी दोबारा सत्ता में आये तो इस बात का अंदाजा लगा लिया गया कि फिर कई मील के पत्थर साबित होने जैसे फैसले सरकार लेगी। हुआ भी ऐसा। सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया। मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक कानून बनाया। नागरिकता संसोधन कानून ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी तो वहीं बैंकों के विलय का भी निर्णय लिया।

आर्टिकल 370

मोदी सरकार के सबसे अहम फैसलों में एक है जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना। राज्य का विशेष दर्जा खत्म करते हुए इसे दो हिस्सों में बाँट दिया गया। जिसके बाद अब भारत के नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश है।

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हालाँकि जब ये 370 हटाया गया तो इसका जमकर विरोध हुआ, हालात ये हो गए कि कश्मीर में महीनों कर्फ्यू लगा रहा , इंटरनेट सेवायें ठप्प कर दी गयी। कश्मीर के नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA)

अब तक के सबसे बड़े और अहम फैसलों में सीएए काफी चर्चा मे रहा। देश में मोदी सरकार ने जब नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने का निर्णय लिया तो दुनियाभर की निगाहें इस पर टिक गयी। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य देशों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और यहूदियों को भारतीय नागरिकता मिल सकती है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसे कवरेज मिला।

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हालाँकि ज्यादा चर्चा इस कानून के विरोध को लेकर हुई। देश में विरोध की आग लग गयी। महीनों धरना प्रदर्शन, बवाल मचा रहा। ये विरोध फिलहाल अभी भी जारी रहता लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के सामने विरोध के स्वर खुद ब खुद दब गए।

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तीन तलाक कानून

मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल के दौरान ही मुस्लिम महिलाओं की हितों की रक्षा का वादा किया था, वहीं जैसे ही दोबारा पीएम पद की कुर्सी पर मोदी आये उन्होंने तीन तलाक पर पाबंधी के लिए बिल पारित करवा दिया। इसके लिए 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019' को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया गया। अब तीन तलाक लेना कानूनी जुर्म बन गया। हालंकि तीन तलाक को लेकर भी विवाद की स्थिति आई लेकिन महिला सशक्तिकरण की दर्ज पर इसे ज्यादा विरोध का सामना नहीं करना पड़ा।

बैंकों का विलय

देश के आर्थिक हालातों में सुधार को लेकर नोटबंदी और जीएसटी के बाद सरकारी बैंकों के विलय पर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया। इसके तहत दस सरकारी बैंकों का विलय कर के चार बड़े बैंक बनाने की कवायद शुरू की गयी।

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इस विलय से बैंकों को बढ़ते एनपीए से काफी राहत मिली। वित्त मंत्री ने बैंकों के लिए 55,250 करोड़ के बेलआउट पैकेज की घोषणा भी की। ये भारतीय अर्थव्यवस्था का एक नया अध्याय खुलने जैसे था।

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कोरोना संकट के बीच आये दिन दमदार फैसले:

मोदी सरकार के एक साल का अंत कोरोना संकट को लेकर उनके प्रतिनिधित्व का रहा। महामारी को रोकने के लिए एक के बाद एक बड़े फैसले सरकार लेती गयी।

लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के साथ ही आर्थिक संकट से पीटने और भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गयी। लॉकडाउन के बीच आम आदमी की सहूलियत को लेकर जनधन योजना समेत कई अन्य तरीकों से मदद का प्रयास किया।

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