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कानपुर कांड: पत्नी दस दिन में हुई विधवा, अब अटक गई खुशी की रिहाई
पुलिस जांच में कई अन्य महिलाओं के साजिश में शामिल होने के सबूत मिलने और विवेचक बदलने के बाद अब खुशी की भूमिका की जांच नए सिरे से की जा रही है।
कानपुर: दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में हुए शूटआउट में जेल भेजी गई नवविवाहिता खुशी की रिहाई अटक गई है। पुलिस जांच में कई अन्य महिलाओं के साजिश में शामिल होने के सबूत मिलने और विवेचक बदलने के बाद अब खुशी की भूमिका की जांच नए सिरे से की जा रही है। पुलिस का कहना है कि अगर इस कांड में खुशी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलते हैं तो उसे जेल से रिहा कर दिया जाएगा। इसमें एक हफ्ते तक का समय लग सकता है।
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कानपुर कांड के आरोपी बदमाश अमर दुबे की पत्नी है खुशी
बता दें कि खुशी कानपुर कांड के आरोपी बदमाश अमर दुबे की पत्नी है। बदमाश अमर दुबे हमीरपुर में एसटीएफ द्वारा एक एनकाउंटर में मारा गया था। अमर दुबे और खुशी की शादी 29 जून को हुई थी और वह 10 दिन में ही विधवा हो गई। पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी खुशी को साजिश में शामिल होने के आरोप में जेल में भेज दिया था। अब नए सिरे से उसकी भूमिका की जांच की जा रही है।
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तीस जून को बिकरू गांव पहुंची थी
बताया जा रहा है कि वो शादी के बाद तीस जून को बिकरू गांव पहुंची थी, जिसके दो दिन बाद गांव में पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई। ऐसे में उसको भी साजिश में शामिल होने के आरोप में जेल में डाल दिया गया। हालांकि अभी तक उसकी भूमिका को लेकर पुलिस को सबूत नहीं मिला है। आलाधिकारियों का भी यहीं मानना है कि वो बेगुनाह है। लेकिन मंगलवार को आरोपी बदमाश शशिकांत की पत्नी मनु के लगातार तीन ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद वो जांच के घेरे में आ गई थी।
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महिलाओं की भूमिका की हो रही जांच
बता दें कि मंगलवार को शशिकांत की पत्नी की तीन कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हुई थीं। जिसमें उसने कई तरह के खुलासे किए हैं। वहीं इन क्लिप के वायरल होने के बाद वो जांच के घेरे में आ गई थी। उसके पूरी तरह से साजिश में शामिल होने के सबूत मिले हैं। इसलिए अब SSP दिनेश कुमार पी का कहना है कि महिलाओं की भूमिका जांच के दौरान मिल रही है। इसलिए खुशी की भूमिका की जांच नए सिरे से कराई जा रही है।
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खुशी की मौजूदगी के अलावा कोई अन्य साक्ष्य नहीं
वहीं इस दौरान विवेचक भी बदले हैं, तो वो भी इसकी समीक्षा करेंगे। उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। फिलहाल अभी तक पुलिस को जांच में बिकरू गांव में खुशी की मौजूदगी के अलावा कोई अन्य साक्ष्य नहीं मिले हैं। हालांकि खुशी का ससुराल बिकरू में ही है तो उसका वहां पर होना लाजमी है।
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