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संसदीय गतिरोध रोकने की जरूरत: विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि ये वो प्रदेश है जिसने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी की वाराणसी से सांसद हैं। उन्होंने कहा कि इसके पहले पटना में भी इस तरह का सम्मेलन हुआ था।

SK Gautam
Published on: 16 Jan 2020 12:04 PM IST
संसदीय गतिरोध रोकने की जरूरत: विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित
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लखनऊ: विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि सामाजिक बदलाव की स्थिति पूरे विश्व में बदली है । इसलिए कॉमनवेल्थ देशों में भी बदलाव की जरूरत है। हमे ऐसी व्यवस्था करनी है कि आपसी सामन्जस्य से संसदीय गतिरोध रोकने के लिए गहन विचार करना चाहिए।

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प्रदेश ने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए

विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि ये वो प्रदेश है जिसने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी की वाराणसी से सांसद हैं। उन्होंने कहा कि इसके पहले पटना में भी इस तरह का सम्मेलन हुआ था। इस पर मुख्यमंत्री जी के कहने पर पिछले दिनों गांधी जयंती पर 36 घंटे अनवरत सत्र चला था। उसी के बाद सीपीए सम्मेलन की कल्पना बनी।

उन्होंने कहा कि यह सदन ऐतिहासिक सदन है जो देश की सबसे बड़ी जनसंख्या का नेतृत्व करता है। यहां हम दो दिन तक विचार विमर्श करेंगे।

सरकार विपक्ष को संतुष्ट कर दे तो सदन में व्यवधान नही होगा - नेता विरोदी दल

यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोबिंद चौधरी ने कहा कि सीपीए सम्मेलन से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है।भारत की संसदीय व्यवस्था की दुनिया मे अलग साख है।

सभी को स्वतंत्रता का अधिकार है ऐसी कोई विधि नही है जो अधिकारों को छीनती हो। यहां सभी धर्मों को स्वीकार किया जाता है। संसदीय लोकतंत्र मजबूत हो । इसका संदेश यूपी से पूरे देश मे जाना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली का महत्वपुर्ण योगदान होता है। विपक्ष की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। चौधरी ने कहा कि सदन में उठाये जाने वाले मामले जनता के होते हैं न किसी दल के होते हैं। उन्होंने कहा कि सदन में व्यवधान उत्पन्न होता है ये ठीक नही है। लेकिन सरकार अगर अपने जवाब से विपक्ष को संतुष्ट कर दे तो सदन निर्बाध गति से चलता रहेगा।

संसदीय भाषा का स्तर नही गिरना चाहिए-लाल जी टंडन

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि सीपीए सम्मेलन में आये प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए लालजी टंडन ने कहा कि इस विधानसभा में कितनी सार्थक बहस हो चुकी है। मेरा सौभाग्य रहा कि यहां के दोनों सदन का सदस्य रहा हूँ। स्पीकर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है जनता के मन को समझता है। जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष ओम माथुर के दिशा निर्देशन में विधेयक पारित हुए है उसले लिए ओम माथुर की भूमिका सराहनीय है।

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उन्हीने कहा कि सत्ता का काम सरकार चलाना होता है। उसी तरह विपक्ष को अपनी बात कहने का हक होता है। पर दोनों पक्षो को बोलने के लिए लक्ष्मण रेखा नही पार करनी चाहिए लेकिन संसदीय भाषा का क्षरण हो रहा है।ये चिंता की बात है। सदन में मर्यादा बनाये रखनी चाहिए किसी के अधिकारों का हनन नही होना चाहिए । यही सच्चे लोकतंत्र की पहचान होती है। सदन को ठीक से चलाया जाना चाहिए। जिससे नए भारत को एक नई दिशा मिलनी चाहिए। ये हम सबकी जिम्मेदारी है। आलोचना हुई चाहिए पर शब्दों की सीमा में रहकर ही भाषा का प्रयोग हो। साथ ही आचरण का भी ख्याल रखा जाए।

इस सम्मेलन से लोकतंत्र और मजबूत होगा- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र को सुसाध्य बनाने में सीपीए ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र की भावना राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है। भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाये रखने की जिम्मेदारी सौंपी है इसलिए हमे अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हैम आज भी रक्षा कर रहे है।

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उन्हीने कहा कि इस सम्मेलन से ठोस निष्कर्ष निकलेंगे जिनसे लोकतंत्र और मजबूत होगा। सरकार तभी काम कर सकती है जब सदन बाधित न हो इससे जनता की भावनाएं भी आहत होती हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अपनी नीतियों से समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ देना चाहती है। योगी ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले सदन 36 घंटे चला जिसका हमे अन योजनाओं को पूरा करने का लाभ मिला। उन्होंने कहा कि सीपीए के सभी सदस्यों को आगे आना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसके लिए विधान सभा से जुड़े सभी लोगों का आभार और धन्यवाद व्यक्त करता हूँ।

भारत विश्व में लोकतंत्र का नेतृत्व करने वाला देश- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि सदन के सभी सदस्यों को ये अधिकार मिलना चाहिए कि सरकार उनके विचारों को गंभीरतापूर्वक ले जिससे जनता को वो जवाब दे सके। सीपीए सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा कि भारत विश्व मे लोकतंत्र के नेतृत्व कर रहा है। यह विकास का पर्याय बन चुका है।

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आज़ाद भारत के बाद हर चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ना बताता है कि जनता का विश्वाश लोकतंत्र पर बढ़ है। इसलिए जनप्रतिनिधियों ओर भी जिम्मेदारी बढ़ी है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि का सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

उन्होंने कहा कि सदन की भूमिका सबसे महतवपूर्ण होती है। इसलिए लोकतंत्र के मंदिर में वाल स्वतंत्रता लोकतंत्र का प्रतीक रहा है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि सदन में जनता की बात को सदन में रखा जा सके। पर विपक्ष को एक दायरे में रहकर अपनी बात कहनी चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता की भावनाओं को पहुंचाने का कार्य करता है।

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इसलिए हमे जनता के विश्वास को जीतने की बड़ी भूमिका होती है। जो जिम्मेदारी जनता ने हमे दी वो सदन के माध्यम से हमारी जिम्मेदारी होती है। संसदीय समितियों की भी बड़ी भूमिका होती है।ये समितियां बजटीय प्रवधानी की समीक्षा के साथ सदन की कार्यवाही पर भी अपनी निगाह रखती है।

उन्होंने कहा कि संसदीय परंपराओं को कैसे ऊंचा उठा सके ये हम सबकी जिम्मेदारी है। माथुर ने कहा कि ये सदन गरीब और वंचित लोगों के लिए सार्थक परिणाम के लिए पूरे विश्व मे कार्य हो। यह समूह 57 देशों का प्रतिनिधित्व करता है।

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