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पुलिस का कारनामा: महिला को 500 रुपए देकर थाने से टरकाया, जानें मामला
थाने पर मौजूद एसएसआई सत्यनारायण दया ने पीड़ित गर्भवती महिला को 500 रुपए देकर थाने से भगा दिया और कहा कि जाओ अपना इलाज करा लो।
शामली: उत्तर प्रदेश के शामली में यूपी पुलिस का एक और कारनामा देखने को मिला है। जहां पर थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराने आई पीड़ित गर्भवती महिला को थाने पर मौजूद एसएसआई ने 500 रुपए देकर थाने से टरका दिया और महिला की शिकायत दर्ज नहीं की। जिसके बाद पीड़ित महिला और उसका पति इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे तो वहां पर भी किसी ने उनका इलाज नहीं किया। अब महिला और उसका पति शिकायती पत्र और एसएसआई द्वारा दिए 500 रुपए लेकर थाने के बाहर बैठे इलाज की बाट झो रहे हैं।
SSI के दिए 500 रुपए लिए भटक रहे पति-पत्नी
दरअसल आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला नाला पटरी पर स्थित फूल मार्केट का है। जहां की रहने वाली एक महिला का आरोप है कि उनके मकान में किराए पर रहने वाले यूपी पुलिस के सिपाही दीपक और उसकी पत्नी ने उनके साथ किराया मांगने को लेकर मारपीट की। इतना ही नहीं सिपाही की पत्नी ने पीड़ित महिला के हाथ पर वाइपर और गमले से वार किया। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई। पीड़ित महिला की सूचना पर घर पहुंचे महिला के पति के साथ भी सिपाही ने हाथापाई की जिसके बाद पीड़ित महिला अपने पति के साथ थाने पहुंची और आरोपी सिपाही के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
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लेकिन थाने पर मौजूद एसएसआई सत्यनारायण दया ने महिला को 500 रुपए देकर थाने से भगा दिया और कहा कि जाओ अपना इलाज करा लो। पीड़ित महिला और उसका पति निराश होकर थाने से निकल गए और अस्पताल पहुंचे। जहां पर उन्होंने डॉक्टर को सारी बात बताई तो डॉक्टरों ने भी महिला को उसका इलाज करने से मना कर दिया और कहा कि पहले पुलिस की चिट्ठी लेकर आओ। तब जाकर तुम्हारा इलाज किया जाएगा। अब पीड़ित महिला और उसका पति इलाज के लिए जिला चिकित्सालय के बाहर शिकायती पत्र और एसएसआई द्वारा दिए गए 500 के नोट को लेकर इलाज की बाट झो रहे हैं।
कर्रवाई की जगह पुलिस दे रही 500 रुपए
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वहीं इस पूरे मामले पर आरोपी सिपाही दीपक का कहना है कि कहना है कि वह दूध लेने के लिए बाहर गया हुआ था और जब वह वापस लौटा तो पीड़ित महिला और उसके घर वाले उसकी पत्नी और बच्चे के साथ मारपीट कर रहे थे। कौन किसके साथ मारपीट कर रहा था यह तो जांच का विषय है और जांच के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन फिलहाल थाने पर पहुंची पीड़ित महिला का पुलिस ने शिकायती पत्र ना लेकर उसके हाथ में 500 रुपए थमा देना और इलाज कराने की बात कहकर एसएसआई ने पूरे पुलिस महकमे को तो शर्मसार किया है साथ ही महिला को भी शर्मसार कर दिया है।
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अब पुलिस के आला अधिकारी एसएसआई की इस करतूत पर क्या कदम उठाते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। उत्तर प्रदेश के योगी सरकार की पहली प्राथमिकता है कि अगर कोई भी पीड़ित अपनी शिकायत लेकर पहुंचता है तो उसकी शिकायत दर्ज कर तुरंत कार्यवाही की जाए। लेकिन आज सदर कोतवाली में पहुंची महिला के शिकायती पत्र पर कार्यवाही न करने की वजह उसके हाथ में 500 रुपए जमा कर इलाज कराने की बात कहना कहीं ना कहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है। क्या महज इसलिए महिला के शिकायती पत्र पर कार्यवाही नहीं की गई कि आरोपी यूपी पुलिस का सिपाही है।
अब क्या कार्यवाही करेगी पुलिस
वहीं पूरे मामले पर सीओ शामली जितेंद्र कुमार ने बताया कि यह जो पत्नी अनुज फुल मार्केट थाना कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली है इसके द्वारा आज एक तहरीर दी गई है। जिसमें उसके द्वारा बताया गया कि उसके आवास पर जो दीपक कॉन्स्टेबल है वह अपनी पत्नी के साथ किराए पर रहता है और उसके द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि लगभग 6 महीने से दीपक हॉस्टल के द्वारा उसका ढाई हजार रुपए महीना का किराया नहीं दिया गया और जब भी वह किराया मांगते हैं तो उनके साथ गाली गलौज करता है। दीपक जल है उसकी पत्नी और अंजू में किसी बात को लेकर कहासुनी हुई और जिसके द्वारा बताया गया कि जो कौशल है उसकी पत्नी के साथ मारपीट की है और उसकी जांच की जा रही है। थाने के द्वारा और जांच के आधार पर इसमें सही तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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क्योंकि प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है किराए से जुड़ा मामला है उनके द्वारा किया गया और उसको लेकर गाली गलौज होती है जांच के आधार पर उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पहले तो थाने पहुंची पीड़ित महिला का पुलिस द्वारा उसे ले जाकर उसका इलाज नहीं कराया जाता और ना ही महिला की तहरीर पर कोई कार्यवाही की जाती और उल्टा उसे 500 रुपए देकर शर्मसार किया जाता है और फिर पुलिस के आला अधिकारी भी पुलिस के एसएसआई द्वारा किए गए इस कृत्य को छुपाते हुए नजर आते हैं। कहीं ना कहीं यह पुलिस की बड़ी लापरवाही है। अब देखना यह होगा कि 500 रुपए देने वाले एसएसआई के खिलाफ क्या कार्यवाही अमल में लाई जाती है।
रिपोर्ट- पंकज प्रजापति