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भत्तों की कटौती वापस ले UP सरकार: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा है कि यूपी के अलावा देश में अन्य किसी भी राज्य में महंगाई भत्ते के अलावा किसी भत्ते में कटौती नहीं हुई है
लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कहा है कि यूपी के अलावा देश में अन्य किसी भी राज्य में महंगाई भत्ते के अलावा किसी भत्ते में कटौती नहीं हुई है, यहां तक कि बिहार सरकार ने कोविड-19 के इलाज में लगे कर्मचारियों को 1 माह का वेतन बोनस के रूपमें देने का फैसला किया है। इससे यूपी के राज्य कर्मचारियों में काफी रोष व्याप्त है।
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महंगाई भत्ते के अलावा अन्य किसी भत्ते में नहीं हुई कटौती
परिषद ने प्रदेश सरकार से पिछले दिनों की भत्तों की कटौती को वापस करकर्मचारियों की नाराजगी दूर करने को कहा है। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि उनकी प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के अलावा किसी भी राज्य में महंगाई भत्ते की कटौती के अलावा अन्य किसी भी भत्तों की कटौती या समाप्ति नहीं की गई है।
उत्तरांचल,विहार, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, हिमाचल में मात्र केंद्र सरकार के तर्ज पर महंगाई भत्तेकी कटौती की गई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में ग्रुप सी तक कर्मचारियों केवेतन से 50 प्रतिशत और ग्रुप डी के कर्मचारियों से 30 प्रतिशत की कटौती की गई है, जिसे बाद में वापस कर दिया जाएगा। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 50 प्रतिशत और ग्रुप डी आउटसोर्सिंग में कर्मचारियों से 10 प्रतिशत की कटौती की गई है, इसे भी वापस करने को कहा गया है।
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उधार के रूप में कुछ प्रतिशत कटौती करने पर विचार
महाराष्ट्र में केंद्र की तरह ही महंगाई भत्ते की कटौती की गई है। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि अगर देश पर आर्थिक संकट आएगा तो कर्मचारी संगठनों के संज्ञान में लाकर उधार के रूप में वेतन से कुछ प्रतिशत कटौती करने पर विचार करेंगे।
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अतुल मिश्रा ने यूपी के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि भत्तों की कटौतीको वापस की जाए और अगर आर्थिक संकट होगा तो कर्मचारी एक दिन का और अतिरिक्तवेतन प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने को तैयार हैं। इसके साथही कोरोना जैसी बीमारी के हालात में रात दिन लगे डॉक्टर, नर्सेज व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय तथा सफाई कर्मचारी को पुरस्कार के रूप में एक माह का अतिरिक्त वेतनदेने का निर्णय करके उनका मनोबल बढ़ाएं।
रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव
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