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कोरोना संकट के बीच विधानसभा अध्यक्षों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, हृदयनारायण दीक्षित ने कही ये बात

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कोरोना महामारी से संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उचित समय पर लॉकडाउन घोषित करने के फायदे गिनाते हुए कहा कि इसी कारण 130 करोड़ आबादी के बावजूद यहां महामारी का प्रकोप नियंत्रित हो रहा है।

Ashiki
Published on: 21 April 2020 4:55 PM GMT
कोरोना संकट के बीच विधानसभा अध्यक्षों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, हृदयनारायण दीक्षित ने कही ये बात
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कोरोना महामारी से संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उचित समय पर लॉकडाउन घोषित करने के फायदे गिनाते हुए कहा कि इसी कारण 130 करोड़ आबादी के बावजूद यहां महामारी का प्रकोप नियंत्रित हो रहा है।

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हृदयनारायण दीक्षित ने आज मंगलवार को लोकसभाध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ देश के सभी विधानसभा अध्यक्षों की वीडीओ कान्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश का का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फौरन निर्णय लेने वाली शैली व युद्धस्तरीय संघर्ष की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री योगी की प्रशंसा करते हुए हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में ‘हाॅट स्पाॅट’ घोषित कर कोरोना संक्रमित मरीजों को चिन्हित कर बीमारी को फैलने से रोकने का अभिनव प्रयोग किया है। योगी माडल का अनुसरण अन्य कई राज्यों द्वारा किया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश विधानमण्डल के माननीय सदस्यों की प्रशंसा करते हुए हृदयनारायण दीक्षित कहा कि उनके द्वारा विधायक निधि से एक-एक करोड़ रूपये दिए गए। विधायकों द्वारा अपना एक-एक माह का वेतन भी कोरोना फंड के लिए दिया गया। बाद में उच्च स्तरीय निर्णय के अनुसार वर्ष 2020-21 की विधायक निधि तीन-तीन करोड रूपये भी कोविड केयर फंड को दी गई। प्रतिमाह वेतन की 30ः धनराशि भी एक वर्ष तक फंड में दिये जाने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के सभी विधायकों द्वारा प्रत्येक प्रकार से अपने-अपने क्षेत्रों में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए अपना अप्रतिम योगदान दिया जा रहा है।

उन्होंने विधान सभा सत्रों की संवैधानिक स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि संविधान की व्यवस्था के अनुसार एक सत्र से दूसरे सत्र के बीच 6 माह की अवधि अवधारित की गई है। 6 माह की अवधि के पूर्व विधान मंडलों की बैठकें बुलाया जाना अपरिहार्य है। जिन प्रदेशों में सत्र की अवधि 6 माह से अधिक हो रही है, वहां संवैधानिक उपबन्धों के अधीन सत्र की बैठक बुलाया जाना अपरिहार्य है। इसके लिए वीडियों कान्फ्रेसिंग सहित अन्य माध्यमों के उपाय खोजने होंगे। संसदीय समितियों की बैठकों के लिए भी आधुनिक तकनीकी के सदुपयोग पर विचार किया जा सकता है।

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हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि उनके द्वारा विधायकों को लाॅकडाउन के बीच समय-समय पर अबतक कई पत्र भेजे जा चुके हैं। दो दिन पूर्व भी विधायकों को सुझाव पत्र भेजा गया है। विधायकों से आग्रह किया गया है कि सामान्यजन को वे लाॅक डाउन के अनुशासन के लिए एवं संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए प्रेरित करें। राशन वितरण की गड़बडियों के बारे में प्रशासन को जानकारी देते हुए अपना योगदान दें। कोरोना के संक्रमण की बीमारी में लगे चिकित्सकों, फार्माशिस्टों एवं अन्य कर्मियों के साथ आतमीय भाव की वृद्धि, अफवाहों का शोसल मीडिया पर खण्डन के साथ प्रशासन व आमजनों के साथ संवाद बनाए रखते हुए अपने कर्तव्य का समुचित ढंग से निर्वहन करें।

दीक्षित ने लोकसभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला को वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए विधान मंडलों के अध्यक्षों/सभापतियों की बैठक बुलाकर मार्गदर्शन देने के प्रयासों की सराहना की।

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